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इस बार नहीं चली चीन और पाकिस्तान की चाल, हाफिज सईद का बहनोई मक्की ग्लोबल टेररिस्ट घोषित

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति है। चाहे देश में हो या विदेश में, मोदी सरकार का आतंकवाद के खिलाफ मुहिम जारी है। इसके तहत भारत को एक बड़ी कामयाबी मिली है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने पाकिस्तान से आतंक को बढ़ावा देने वाले और खूंखार आतंकी हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की को भी ग्लोबल टेररिस्ट (वैश्विक आतंकवादी) घोषित कर दिया है। इस बार चीन और पाकिस्तान की चाल नहींं चली और भारत अपनी कोशिश में सफल रहा। इससे पहले जून 2022 में भारत ने मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कराने की कोशिश की थी, लेकिन चीन ने इसमें अड़ंगा लगा दिया था।  

दरअसल भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार (16 जनवरी, 2023) को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को एक ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया। सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2610 (2021) के पैरा 1 में निर्धारित और अपनाई गई नीति के तहत अब अब्दुल रहमान मक्की की संपत्ति जब्त होगी। इसके साथ ही यात्रा और हथियार प्रतिबंध भी लगेगा। 

इससे पहले भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव भी पेश किया था। लेकिन जून 2022 में चीन ने ऐन मौके पर इसे रोक दिया था। लेकिन इस बार वैश्विक दबाव और काफी सबूत मौजूद होने के चलते चीन को झुकना पड़ा। अतीत में चीन ने विशेष रूप से पाकिस्तान के आतंकवादियों ग्लोबल टेररिस्ट की सूची में डालने में बाधाएं डाली थीं। इसने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के प्रस्तावों को बार-बार रोका था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले से सबसे बड़ा झटका जहां आतंकी हाफीज सईद को लगा है, वहीं दूसरा झटका आतंकियों के संरक्षका पाकिस्तान को लगा है। भारत और अमेरिका पहले ही अब्दुल रहमान मक्की को अपने देश में कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित कर चुके हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, 2020 में एक पाकिस्तानी आतंकवाद-रोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में मक्की को दोषी ठहराया और उसे जेल की सजा सुनाई।

गौरतलब है कि अब्दुल रहमान मक्की 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का सदस्य है। मक्की पाकिस्तान इस्लामिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन अहल-ए-हदीस के अलावा लश्कर-ए-तोएबा में भी दबदबा रखता है। मक्की हाफीज सईद का सबसे खास रिश्तेदार (बहनोई) है, जो कि उसके काले खेल में हमेशा वफादारी से साथ देता था। भारत के खिलाफ साजिश रचने में मक्की हमेशा आगे रहता था। मुंबई को दहलाने में मक्की ने भी खतरनाक साजिश रची थी। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने में इसकी मुख्य भूमिका रही है।

आइए एक नजर डालते हैं मोदी सरकार किस तरह आतंकवाद और आतंकियों पर प्रहार कर रही है…

आईएसआई समर्थित खालिस्तानी अर्श डल्ला भी आतंकी घोषित
कुछ दिन पहले ही मोदी सरकार ने आतंकवादी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) सहित कुछ संगठनों को आतंकवादी घोषित कर उनपर प्रतिबंध लगाया था। टीआरएफ पाकिस्तान आधारित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा समूह है। आईएसआई समर्थित खालिस्तान टाइगर फोर्स के सहयोगी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला के खिलाफ गृह मंत्रालय ने सख्त कदम उठाया। गृह मंत्रालय ने अर्श डल्ला को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, (यूएपीए) के तहत आतंकवादी घोषित किया। इससे पहले आतंकियों और उनके स्लीपर सेल की कमर तोड़ने, टेरर फंडिंग को रोकने और आतंकी सोच को नेस्तनाबूत करने के लिए कुछ समय पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी।

अर्श डल्ला बड़े स्तर पर मादक पदार्थों तथा हथियारों की सीमापार तस्करी में शामिल
आतंक के खिलाफ नीति पर चलते हुए मोदी सरकार ने पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन देने और जबरन वसूली में शामिल रहे कनाडा में रहने वाले अर्शदीप सिंह गिल को आतंकवादी घोषित कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि पंजाब में जन्मा और अभी कनाडा में बसा गिल उर्फ अर्श डल्ला बड़े स्तर पर मादक पदार्थों तथा हथियारों की सीमापार तस्करी में शामिल है। वह प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के साथ जुड़ा है और घोषित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की तरफ से आतंकी मॉड्यूल का संचालन करता है। वह पिछले एक सप्ताह में आतंकवादी घोषित किया गया पांचवां व्यक्ति है। ये सभी आतंकवादी पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और कनाडा जैसे देशों में बसे हैं। गिल ऐसे अनेक मामलों में आरोपी है, जिन्हें राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने दर्ज किया है और जिनमें एजेंसी जांच कर रही है।आईएसआई के इशारे पर अर्शदीप सिंह डल्ला चला रहा है आतंकी मॉड्यूल
आईएसआई के इशारे पर अर्शदीप सिंह डल्ला आतंकी मॉड्यूल चला रहा है। डल्ला केटीएफ के कनाडा स्थित प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर का करीबी और सहयोगी है। वह मोगा के डल्ला गांव का मूल निवासी है। अर्श डल्ला पंजाब और विदेश में विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल एक कुख्यात गैंगस्टर और आतंकवादी है। इसकी संलिप्तता पंजाब के सीमावर्ती राज्य में हुई विभिन्न हत्याओं में भी सामने आई थी। इसके अलावा राज्य में पाकिस्तान से आने वाली आरडीएक्स, आईईडी, एके -47 और अन्य हथियारों और गोला-बारूद समेत आतंकवादी हार्डवेयर की आपूर्ति के मामलों में भी डल्ला की संलिप्तता पाई गई है। अर्श डल्ला को कनाडा से प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही उसे भारत लाया जाएगा। अर्श डल्ला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस मई 2022 में पहले ही जारी किया जा चुका है।हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर आसिफ मकबूल डार भी अब ‘आतंकी’
गृह मंत्रालय ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर आसिफ मकबूल डार को ‘आतंकी’ घोषित किया था। वहीं उससे पहले सात जनवरी को भारत सरकार ने पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) और इसके सभी समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। इससे पहले गृह मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य अरबाज अहमद मीर को एक महिला शिक्षक रजनी बाला समेत जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग में शामिल होने के लिए यूएपीए, 1967 के तहत आतंकवादी घोषित किया था। मीर वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहा है और लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता है।भारत सरकार ने आतंकवादी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पर प्रतिबंध लगाया
इससे पहले पांच जनवरी को भारत सरकार ने आतंकवादी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पर प्रतिबंध लगाया था। टीआरएफ पाकिस्तान आधारित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा समूह है। यह जम्मू-कश्मीर में कई लक्षित हत्याओं में शामिल रहा है। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने TRF के कमांडर शेख सज्जाद गुल को भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत आतंकवादी घोषित किया है। साथ ही  लश्कर कमांडर मोहम्मद अमीन उर्फ अबु खुबैब को आतंकवादी घोषितकिया गया। सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, अबु खुबैब जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है, लेकिन वर्तमान में वह पाकिस्तान में रह रहा है। खुबैब लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्चिंग कमांडर के रूप में कार्य कर रहा है और उसका पाकिस्तान की एजेंसियों के साथ गहरा संबंध है।PFI से जुड़े लोगों की टेरर फंडिंग के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई
देश में पिछले कुछ समय से हिंसा और आतंक की साजिशें रचने वालों में पीएफआई का नाम आ रहा है। कर्नाटक से लेकर राजस्थान तक और दिल्ली से पटना तक कई वारदातों में पीएफआई का कनेक्शन रहा है। आतंकवादियों की मदद करने वाले इस संगठन पर करारा प्रहार करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी और ईडी ने तमिलनाडु, केरल, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई में इन राज्यों में PFI से जुड़े 100 से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया था।पीएफआई अध्यक्ष समेत देशभर से 100 से ज्यादा कार्यकर्ता गिरफ्तार
एनआईए और ईडी ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष OMA सलाम के अलावा पीएफआई के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर छापेमारी की और गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान पीएफआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा कर्नाटक के मंगलुरु में भी एनआईए की छापेमारी के खिलाफ पीएफआई और SDPI के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु समेत कई जगहों पर संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे।एनआईए-ईडी ने राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं पर की छापेमारी
पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी हो रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। एनआईए के अधिकारी तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पार्टी कार्यालय पर छापेमारी की। असम पुलिस ने राज्य भर में पीएफआई से जुड़े नौ लोगों को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि, कल रात असम पुलिस और एनआईए ने संयुक्त रूप से गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके में अभियान चलाया और पीएफआई से जुड़े राज्य भर में 9 लोगों को हिरासत में लिया।राजस्थान के चार जिलों में छापे, बच्चों को टेरर ट्रेनिंग देने के इनपुट भी मिले थे
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) और इससे जुड़े लोगों, संस्थानों पर NIA पूरे देश में एक साथ सर्च ऑपरेशन चला रही है। कई राज्यों के करीब 100 से अधिक ठिकानों पर यह रेड मारी गई है। इस सिलसिले में PFI के राजस्थान हेड आसिफ को केरल से गिरफ्तार कर लिया गया है। उदयपुर से 2 और कोटा-बारां से एक-एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है और इसमें खास बात यह है कि एनआईए को बच्चों को टेरर ट्रेनिंग देने के इनपुट भी मिले हैं। PFI के खिलाफ टेरर फंडिग और कैम्प चलाने के साथ-साथ बच्चों को ट्रेनिंग देने संबंधी इनपुट NIA को मिले हैं। उसी के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। PFI और उससे जुड़े लोगों के घर और कार्यालय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन, यूपी में लखनऊ और बिहार में पूर्णिया जिलों मे छापे
मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन में एनआइए ने पीएफआइ के ठिकानों पर मारा छापा है। पीएफआइ के मध्य प्रदेश लीडर को गिरफ्तार किया गया। चार नेता इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार किए गए। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूपीएटीएस व एनआईए की छापेमारी में दो संदिग्धों को लखनऊ से हिरासत में लिया गया है। बिहार के पूर्णिया में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एएनआई, PFI कार्यालय में तलाशी ले रही है। एनआईए की चार्जशीट में ए रऊफ शेरिफ, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतीकुर रहमान, दिल्ली स्थित सीएफआई के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और मोहम्मद आलम समेत कई और नाम शामिल हैं।

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