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सिद्दारमैया की पत्नी को पॉश इलाके में मिली सरकारी जमीन, सरकारी खजाने को 4000 करोड़ का नुकसान

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की पत्नी पार्वती से जुड़े जमीन घोटाला मामले में सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने पार्वती के खिलाफ शिकायत दायर किया है। इसे ‘मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी’ स्कैम कहा जा रहा है। आरोप है कि मुआवजे की योजना का गलत फायदा उठा कर कांग्रेसी मुख्यमंत्री की पत्नी ने मैसूर के पॉश इलाके में जमीन अपने नाम करा ली। उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले 50:50 फॉर्मूला के तहत इसकी आधी जमीन अन्यत्र मुहैया कराई गई। ये योजना उन लोगों के लिए लाई गई थी, जिनकी जमीन का अधिग्रहण विकास परियोजनाओं के कारण सरकार को करना पड़ता है। लेकिन इसके तहत कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाया गया है। इससे राज्य सरकार के खजाने को 4000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सिद्दारमैया जब इस मामले में फंसे तो जाति कार्ड खेल दिया। उन्होंने कहा कि मैं ओबीसी हूं इसलिए बीजेपी मेरे ऊपर आरोप लगा रही है।

ये जमीन घोटाला नहीं, दिनदहाड़े डकैती है
ये जमीन घोटाला नहीं दिनदहाड़े डकैती है। 2010 में सिद्दारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई ने 3.16 एकड़ भूमि मैसूर के बाहरी इलाके में गिफ्ट की। 2013 में सिद्दारमैया के चुनावी एफिडेविट में इसका कोई जिक्र नहीं किया गया। 2018 में चुनावी एफिडेविट में इसका जिक्र किया गया और कीमत 25 लाख बताई गई। 2023 में चुनावी एफिडेविट में बताया गया कि ग्रामीण भूमि के बदले मैसूर शहर में जमीन आवंटित की गई। जिसकी कीमत 8.33 करोड़ बताई गई। 2024 में विपक्ष कह रहा है जमीन की अदला-बदली अवैध है। इस पर अब सिद्दारमैया कह रहे हैं कि वे जमीन वापस करने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए उनको 62 करोड़ रुपये का मुआवजा चाहिए। यानी हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा हो जाए।

कर्नाटक में 4,000 करोड़ का जमीन घोटाला
कर्नाटक में 4,000 करोड़ के जमीन घोटाले को अंजाम दिया गया है। भाजपा का आरोप है कि मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने पहले मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की पत्नी पार्वती की सस्ती जमीन खरीदी और उसके बदले दूसरी प्राइम लोकेशन पर उन्हें बेशकीमती जमीन आवंटित कर दी। पार्टी का दावा है कि यह 4 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।

सिद्दारमैया ने कहा- साले ने गिफ्ट की थी जमीन
सीएम सिद्दारमैया का कहना है कि जिस जमीन के बदले उनकी पत्नी को जमीन दी गई वो उनके साले ने अपनी बहन को गिफ्ट की थी। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा का कहना है कि इस जमीन को 2004 में खरीदा गया था और 2010 में गिफ्ट किया गया था। इसके लिए दस्तावेजों में गड़बड़ी की गई। अब इस मामले से बचने के लिए सिद्दारमैया ने नया पैंतरा आजमाया है।

सिद्दारमैया ने खेला नया दांव
कर्नाटक के मैसुरू में 14 बेशकीमती प्लॉट मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के परिवार को आवंटित करने का विवाद थम नहीं रहा है। मुख्ममंत्री इससे जितना निकलना चाहते हैं, बीजेपी उन्हें उससे ज्यादा घेर ले रही है। अब सिद्दारमैया ने विपक्ष पर पलटवार करने के लिए नया दांव ये खेला है कि अपने परिवार की जमीन लेने के लिए सरकार से ही 62 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग करने लगे हैं। वो कह रहे हैं कि पिछड़ी जाति से होने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।

बीजेपी कर रही सीबीआई जांच की मांग
मैसुरू जमीन घोटाले की बीजेपी सीबीआई जांच की कर रही है मांग मैसुरू में बेशकीमती जमीन आवंटन के मामले में भाजपा सीएम सिद्दारमैया पर लगातार हमलावर है। पार्टी किसी भी सूरत में इस कथित गैर-कानूनी जमीन आवंटन की सीबीआई से कम किसी जांच के लिए तैयार नहीं है।

फर्जी कागजों के सहारे लिया गया जमीन
सिद्दारमैया की पत्नी पर आरोप लगाया गया है कि उनके भाई ने 2004 में मैसुरु के केसारे गांव में 3 एकड़ 16 गुंता जमीन खरीदी थी। उन्होंने यह जमीन बाद में सिद्दारमैया की पत्नी और अपनी बहन पार्वती को गिफ्ट में दे दी थी। शिकायत में आरोप है कि इस जमीन को फर्जी कागजों के सहारे लिया गया।

शिकायत में मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी का नाम
शिकायत में आरोप है कि इस जमीन के कागजों पर 2004 और 2010 के बीच पार्वती और उनके भाई मल्लिकार्जुन का नाम दिखता है, ऐसे में यह अवैध है। इसमें आरोप है कि इन कागजों के जरिए मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) को करोड़ों को चूना लगाया। शिकायत में CM, उनकी पत्नी, मल्लिकार्जुन और कई प्रशासनिक अधिकारियों को आरोपित बनाया गया है।

शिकायतकर्ता ने राज्यपाल और चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखा
शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने कहा है कि उनकी शिकायत पर FIR नहीं दर्ज की है। इस मामले में SIT जांच चल रही है। उन्होंने इस मामले में पुलिस से सात दिनों के भीतर जांच करके मामला दर्ज करने की मांग की है। इस मामले में कृष्णा ने एक पत्र राज्य के राज्यपाल और चीफ सेक्रेटरी को भी पत्र लिखा है।

सिद्दारमैया की पत्नी को ज्यादा कीमत की जमीन मिली
यह पूरा मामला कर्नाटक के बड़े शहर मैसुरु में कई इलाकों के विकास के लिए लाई गई एक स्कीम से जुड़ा है। दरअसल, MUDA यह स्कीम लाई थी कि मैसुरु में जिन लोगों की जमीन अविकसित इलाकों में अधिग्रहित की जाएगी, उनको किसी विकसित इलाके में अधिग्रहीत जमीन का आधा हिस्सा दिया जाएगा। इस स्कीम को 50:50 नाम दिया गया था। इसी स्कीम में घोटाले का आरोप है। इसी स्कीम के तहत सिद्दारमैया की पत्नी के नाम पर दर्ज जमीन को MUDA ने अधिग्रहित किया और उसके बदले मैसुरु के एक रिहायशी महंगे इलाके विजयनगर में उसकी आधी जमीन अलग-अलग जगहों पर दे दी। आरोप है कि सिद्दारमैया की पत्नी की जमीन की कीमत उतनी नहीं थी जितने की जमीन उसके बदले में उनको मिली। ऐसा कई जमीनों के मामले में किया गया और इससे राज्य को कम से कम ₹4,000 करोड़ का नुकसान हुआ।

सिर्फ कांग्रेस नेताओं को ही आवंटन मिला
कर्नाटक में विपक्ष के नेता आर अशोका के मुताबिक, जमीन आवंटन के पीछे बहुत बड़ा रैकेट है। उनका कहना है कि उन्हें इसके रिकॉर्ड नहीं मिल रहे हैं। अशोका का कहना है कि बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार का इसमें कोई रोल नहीं था और जिसने ये आवंटन किए हैं, उसे जरूर गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उनके मुताबिक, ‘एमयूडीए प्लॉट के लिए 86,000 लोगों ने आवेदन किया, लेकिन सिर्फ कांग्रेस नेताओं को ही आवंटन मिला।’

घोटालों पर लीपापोती नहीं होने देंगे- बीके हरिप्रसाद
प्रदेश से जुड़े कांग्रेसी बीके हरिप्रसाद और केएच मुनियप्पा ने मूडा और वाल्मीकि बोर्ड घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ दावा किया है कि इन घोटालों पर लीपापोती करने की कोशिशें चल रही हैं। हरिप्रसाद के मुताबिक, ‘सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से पार्टी की छवि को धक्का लग रहा है।’ उनका दावा है कि ‘मूडा और वाल्मीकि बोर्ड घोटाले को ढकने की कोशिशें की गईं। हम ऐसा नहीं होने देंगे, क्योंकि इनमें वंचितों और गरीब वर्गों से जुड़े फंड शामिल हैं।’

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