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आम बजट 2023-24 : कृषि और किसानों के विकास पर जोर, एग्री-स्‍टार्टअप्‍स के लिए कृषि वर्धक निधि की की घोषणा, कृषि डिजिटल जन-अवसंरचना होगा विकास

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (1 फरवरी, 2023) को संसद में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट पेश किया। इस बजट में समाज के हर वर्ग और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। मोदी सरकार ने इस बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र का पूरा ख्याल रखा है। बजट में ऐसी अनेक पहल की गई है, जो किसानों की आय में वृद्धि के साथ ही कृषि क्षेत्र के विकास को गति देने में मददगार साबित होंगी। इस बजट में कृषि में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि डिजिटल जन-अवसंरचना के विकास पर जोर दिया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

एग्री-स्‍टार्टअप्‍स के लिए कृषि वर्धक निधि की घोषणा

युवा उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री-स्‍टार्टअप्‍स शुरू कर सकें, इसके लिए कृषि वर्धक निधि की स्‍थापना की जाएगी। एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड से युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। ये फंड ग्रामीण उद्यमियों के लिए काफी मददगार साबित होगा। इसके साथ ही यह फंड खेती-बाड़ी करने के तौर-तरीकों में व्‍यापक बदलाव लाने, और उत्‍पादकता एवं लाभप्रदता बढ़ाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियां भी पेश करेगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमारा आर्थिक एजेंडा नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोजगार सृजन को तेज गति प्रदान करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने पर केंद्रित है। इसे किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की दिशा में अहम कदम बताया जा रहा है, क्योंकि किसानों की बाजार तक पहुंच बढ़ेगी।

कृषि क्षेत्र में होगा पूंजी और नई तकनीकी का निवेश

किसानों को अपनी उपज के बेहतर दाम पाने के लिए प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन से भी जोड़ा जा रहा है, लेकिन पूंजी निवेश एक बड़ा मुद्दा है कि इतना बड़ा फंड लाएं कहां से? सरकार ने इसी समस्या का समाधान के तौर पर एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड की स्थापना का ऐलान किया है। इससे किसानों को आर्थिक मदद के साथ तकनीकी सहयोग भी मिलने की उम्मीद है। ग्रामीण क्षेत्र के युवा उद्यमी बनकर कृषि आधार उद्योग को बढ़ावा दे सकते हैं। इससे कृषि आधारित नए उत्पाद और उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार के सृजन के साथ ही आय के नए द्वार खुलेंगे।

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के गठन का प्रावधान

मोदी सरकार कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण पर जोर दिया है। इसके लिए बजट में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का गठन का प्रावधान किया गया है, जो ओपर सोर्स, ओपर स्टैंडर्ड और इंटरऑपरेबल पब्लिक गुड के तौर पर काम करेगा। सरकार ने 2,516 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों (पीएसीएस) के कंप्‍यूटरीकरण कार्य शुरू किया है। इससे कृषि क्षेत्र को रफ्तार मिलेगी और फसल योजना के लिए  कृषि और किसान केंद्रित समस्याओं के समाधान विकसित करने में खास मदद मिलेगी। कृषि इनपुट, बीमा, लोन की पहुंच में सुधार के साथ ही किसानों को कृषि से संबंधित नवीनतम जानकारी तक पहुंच बढ़ेगी।

भारत को ‘श्री अन्‍न’ के लिए वैश्विक केन्‍द्र बनाने पर जोर

भारत को ‘श्री अन्‍न’ के लिए वैश्विक केन्‍द्र बनाने के उद्देश्‍य से हैदराबाद के भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्‍थान को उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे यह संस्‍थान सर्वश्रेष्‍ठ कार्यप्रणालियों, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर साझा कर सके। मिलेट का उल्‍लेख ‘श्री अन्‍न’ के रूप में करते हुए वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए कहा, ‘भारत मिलेट्स को लोक‍प्रिय बनाने में सबसे अग्रणी है जिसकी खपत से पोषण, खाद्य सुरक्षा और किसानों का अपेक्षाकृत ज्‍यादा कल्‍याण संभव हो पाता है।’

बागवानी फसलों और प्राकृतिक खेती के लिए नई पहल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बागवानी फसलों और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बजट में नई पहल की है। उच्‍च मूल्‍य वाली बागवानी फसलों के लिए रोग मुक्‍त गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्‍धता बढ़ाने के उद्देश्‍य से 2200 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ एक आत्‍मनिर्भर स्‍वच्‍छ पौध कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा सरकार, अगले 3 वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए मदद मुहैया कराएगी। देश में 10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

व्‍यापक विकेन्‍द्रीकृत भंडारण क्षमता बढ़ाने का प्रावधान

बजट में व्‍यापक विकेन्‍द्रीकृत भंडारण क्षमता बढ़ाने का प्रावधान किया गया है, जिससे किसानों को अपने उत्‍पादों का सुरक्षित भंडारण करने और उचित समय पर उनकी बिक्री करके लाभकारी मूल्‍य प्राप्‍त करने में सहायता मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कपास की उत्पादकता को और बेहतर बनाने के लिए पीपीपी मॉडल के जरिए क्लस्टर बेस्ड और वैल्यू चेन अप्रोच को अपनाया जाएगा। इसमें किसानों, राज्यों और उद्योगों की आपसी सहयोग स्थापित किया जाएगा, जिससे इनपुट सप्लाई, एक्सटेंशन सर्विस और मार्केट लिंकेज में भी मदद मिलेगी।

कृषि ऋण लक्ष्‍य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि ऋण लक्ष्‍य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा और इसके तहत पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य पालन पर फोकस किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ ‘पीएम मत्‍स्‍य संपदा योजना’ नामक एक नई उप-योजना शुरू की जाएगी, ताकि मछुआरों, मत्‍स्‍य वेंडरों, और सूक्ष्‍म एवं छोटे उद्ययमों की संबंधित गतिविधियों को तेज किया जा सके, मूल्‍य श्रृंखला की क्षमता बढ़ाई जा सके और इसके साथ ही बाजार का विस्‍तारीकरण किया जा सके।

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