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दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी को दोबारा चालू करने वाले पूर्व एयर मार्शल प्रणब कुमार ने कहा- सेना के साथ मजबूती से खड़े हैं पीएम मोदी, आज भारत से डरता है चीन

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भारत-चीन के बीच जारी टकराव के बीच सीमा पर स्थित दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी आज भारतीय सेना के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है। इस पट्टी का इस्तेमाल कर इस इलाके में सैनिकों की तैनाती की गई है। सेना को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट समय से पहुंचाने के लिहाज से यह हवाई पट्टी बेहद कारगर है। लेकिन यह हवाई पट्टी 43 सालों तक कांग्रेस सरकारों की उपेक्षा के शिकार रही है। इस हवाई पट्टी को 2008 में चालू करने वाले पूर्व एयर मर्शल प्रणब कुमार ने सीमा पर आधारभूत ढांचे के विकास और सेना को मजबूत बनाने को लेकर मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है।

पूर्व एयर मर्शल प्रणब कुमार ने कहा कि आज चीन भारत से डरता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सेना के साथ मजबूती से खड़े और उन्हें हर तरह से मदद कर रहे हैं। इससे भारतीय सेना काफी मजबूत हो गई है। आज मोदी सरकार कई ऐसे काम कर रही हैं, जो पिछली सरकारें नहीं कर पाई थीं। पूर्व एयर मर्शल ने कहा कि मोदी सरकार चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर कई सड़कें और पुल बना रही हैं। इससे सीमा पर तेजी से सेना की तैनाती में मदद मिल रही है।

प्रणब कुमार के मुताबिक 2008 में वाइस चीफ एयर मार्शल नियुक्त होने के बाद मैंने देखा कि दौलत बेग एयर बेस प्रोजेक्ट 43 सालों से बंद पड़ी है। जब मैंने इसके बारे में जानकारी ली कि ऐसा क्यों है, तो हमें बताया गया कि तत्कालीन सरकार इस हवाई पट्टी को चालू करने के लिए अनुमति नहीं देती, क्योंकि वो चीन से डरती है। लेकिन हर साल बजट में इसकों लेकर एक राशि आवंटित की जाती है, लेकिन सेना को वह राशि नहीं मिलती है।

तत्कालीन सरकार को जानकारी दिए बिना तत्कालीन वाइस चीफ एयर मार्शल प्रणब कुमार ने हवाई पट्टी का निर्माण कराया। यहां तक कि रक्षा मंत्री एके एंटनी को भी जानकारी नहीं दी थी। काम पूरा होने के बाद जब चीन की सरकार ने भारत सरकार को इसकी जानकारी दी तो सरकार को इसके बारे में पता चला। उसके बाद पी. चिदंबरम, जो उस समय वित्त मंत्री थे। उन्होंने चीन को एक ‘माफीनामा’ लिखा, जिसमें उन्होंने चीन को भरोसा दिलाया कि हम किसी भी परिस्थिति में इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

प्रणब कुमार के मुताबिक हवाई पट्टी के निर्माण का काम शुरू करने और उसे पूरा करने की वजह से तत्कालीन सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने उनसे पूछा था कि जब वह भूकंप राहत सामग्री लेकर चीन के दौरे पर जाएंगे, तो वह चीन की सरकार को क्या जवाब देंगे। बारबोरा ने कहा कि चीन ने उस दौरे पर एक बार भी रक्षा मंत्री के सामने दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी को एक्टिवेट करने का मुद्दा नहीं उठाया। उस समय मैंने जो हवाई पट्टी बनाई थी, वह आज भारत के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है।

गौरतलब है कि लद्दाख का दौलत बाग ओल्डी दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी है। यह देपसांग घाटी में एलएसी के पास 16,614 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसे एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भी कहा जाता है। लेकिन यह हवाई पट्टी 1965 से 2008 के बीच नॉन-ऑपरेशनल रही थी। इस दौरान हवाई पट्टी को एक्टिवेट करने के लिए कई प्रस्ताव भेजे गए थे। लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकारों द्वारा प्रस्ताव को खारिज कर दिया जा रहा था। दोबारा एक्टिव होने बाद इस हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना कई बार अपने फाइटर जेट्स और बड़े मालवाहक विमान उतार चुकी है।

दरअसल रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस हवाई पट्टी की उपेक्षा के पीछ कांग्रेस सरकारों की चीन परस्त नीति रही है। जिसकी स्पष्ट झलक 2008 में कांग्रेस पार्टी और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के बीच एक गुप्त समझौते के रूप में देखने को मिली थी। 2008 में बीजिंग ओलंपिक के दौरान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी चीन गए थे। उस समय कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच समझौता हुआ था। ये समझौता चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में हुआ था।

आईचौक की खबर के अनुसार चीन में ओलंपिक गेम्स उद्घाटन समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चीनी सरकार की ख़ास मेहमान दीर्घा में बैठी थीं। चीन के दौरे पर सोनिया गांधी के साथ तब कांग्रेस जनरल सेक्रेट्री राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी, उनके पति रॉबर्ट वाड्रा और दोनों बच्चे भी गए थे। ओलंपिक गेम्स के उद्घाटन से एक दिन पहले, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच एक समझौता हुआ। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी ने MoU पर दस्तखत किया। कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की तरफ से वांग चियारुई ने दस्तखत किए। यह समझौता पार्टी के स्तर पर हुआ था।

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