नए कृषि कानूनों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन से लेकर कई किसान संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। ये किसान संगठन सरकार के संशोधन के प्रस्वात को ठुकरा कर कानून को रद्द करने पर अड़े हैं। इसी बीच नए कृषि कानूनों के समर्थन में भी कई किसान संगठन आ चुके हैं। हरियाणा के कई किसान संगठनों ने सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की और कृषि कानून रद्द नहीं करने की मांग की। किसान संगठनों ने इस संबंध में कृषि मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा के 20 किसान शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि वे कृषक हैं और किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि हैं। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय किसान यूनियन (अतर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतर सिंह संधु भी शामिल थे। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने तीनों कानूनों को निरस्त करने के बजाए उनमें कुछ संशोधन की मांग की।
Delhi: A delegation of 20 farmers mainly from Haryana met Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar today to lend support to the farm laws. pic.twitter.com/SiFAoqhDUF
— ANI (@ANI) December 7, 2020
पद्मश्री से सम्मानित सोनीपत के प्रगतिशील किसान क्लब के अध्यक्ष कंवल सिंह चौहान की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की और सितंबर में बने तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया। कृषि मंत्री तोमर से मुलाकात के बाद कंवल सिंह चौहान ने कहा कि विरोध कर रहे किसानों को गुमराह किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा दिलाया कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था जारी रहेगी।
सरकार और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। सरकार का कहना है कि ये तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं। इनसे किसानों को अपनी उपज देश में कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी।