प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में केंद्र सरकार की नीतियों के कारण देश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। नौकरियों की तलाश में लगे युवाओं के लिए यह खबर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने वाली साबित हो सकती है। पहली बार नौकरी चाहने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के वर्कफोर्स में शामिल हो रहे हैं और नए सदस्यों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम की सामाजिक सुरक्षा योजना में जून 2024 में करीब 21.67 लाख नए सदस्य शामिल हुए है। जून, 2024 के महीने में लगभग 13,483 नए संस्थानों को रजिस्टर्ड किया गया। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारी राज्य बीमा निगम की योजनाओं से सकल रूप से वित्त वर्ष 2022-23 में 1.67 करोड़ नए सदस्य जुड़े हैं। 2021-22 में 1.49 करोड़ लोग जुड़े जबकि 2020-21 में 1.15 करोड़ नए सदस्य जुड़े थे। आंकड़ों के अनुसार, इसके पहले वित्त वर्ष 2019-20 में 1.51 करोड़, 2018-19 में 1.49 करोड़, जबकि सितंबर, 2017 से लेकर मार्च, 2018 के बीच करीब 83.35 लाख सदस्य जुड़े थे।
पेरोल डाटा से यह भी पता चलता है कि युवाओं को जॉब के ज्यादा अवसर मिल रहे हैं। इस माह में कुल 21.67 लाख कर्मचारियों में से 10.58 लाख कर्मचारी 25 वर्ष आयु समूह वाले हैं, जो जुड़ने वाले कुल कर्मचारियों का 49 प्रतिशत हैं।
जून 2024 के वेतन आंकडों के मुताबिक, 4.32 लाख महिला सदस्य भी इसमें शामिल हुई हैं। इसके अलावा, इस महीने कुल 55 ट्रांसजेंडर कर्मचारी ईएसआई योजना के अंतर्गत शामिल हुए हैं। यह दिखाता है कि ईएसआईसी समाज के सभी वर्गों को लाभ प्रदान करने के प्रति समर्पित है।
जून में EPFO से जुड़े 19.29 लाख से ज्यादा सदस्य, 4.28 लाख महिला सदस्य शामिल
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)-ईपीएफओ पेरोल डेटा से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। ईपीएफओ की ओर से जारी पेरोल डेटा के अनुसार ईपीएफओ ने जून 2024 में 19.29 लाख सदस्य अपने साथ जोड़े हैं। यह पिछले वर्ष जून 2023 की तुलना में 7.86 प्रतिशत की वृद्धि है।
युवाओं की संख्या में हुई काफी वृद्धि
ईपीएफओ की ओर से जारी पेरोल डेटा के अनुसार जून में जुड़े 19.29 लाख सदस्यों में से 10.25 लाख नए सदस्य हैं। इसमें 18 से 25 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की संख्या लगभग 59.14 प्रतिशत है। यह दिखाता है कि संगठित क्षेत्र के कार्यबल में रोजगार के इच्छुक बहुत से लोग पहली बार बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। जून के दौरान जोड़े गए कुल 10.25 लाख नए सदस्यों में से 2.98 लाख नई महिला सदस्य हैं, जो पहली बार ईपीएफओ में शामिल हुई हैं। इसके अलावा जून के दौरान महिला सदस्यों की कुल संख्या लगभग 4.28 लाख दर्ज की गई।
पेरोल के आंकड़ों की राज्य-वार डेटा में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा में सबसे ज्यादा सदस्य जोड़े गए हैं। उद्योग-वार डेटा की महीने-दर-महीने तुलना से पता चलता है कि विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल, वित्तीय प्रतिष्ठान, सामान्य बीमा, सोसायटी क्लब या एसोसिएशन, निजी क्षेत्र की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कंपनियां आदि उद्योगों में लगे प्रतिष्ठानों में काम करने वाले सदस्यों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
ईपीएफओ डेटा के अनुसार पिछले वित्त वर्ष के दौरान उसके सदस्यों की कुल संख्या में 1.39 करोड़ की वृद्धि हुई यानी वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान ईपीएफओ के साथ 1.39 करोड़ नए सब्सक्राइबर जुड़े। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 13.22 प्रतिशत ज्यादा है। वित्त वर्ष 2021-22 में ईपीएफओ के सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या में 1.22 करोड़ की वृद्धि हुई थी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन संगठित क्षेत्र में 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन पाने वाले और कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (EPS-95) के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। एक अनुमान के अनुसार, पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं।