प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोलैंड से दुनिया को शांति का संदेश देते हुए कहा है कि किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है। भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। किसी भी संकट में मासूम लोगों की जान की हानि पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है। हम शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं। इसके लिए भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं।’
अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज का दिन भारत और पोलैंड के संबंधों में विशेष महत्व रखता है। आज पैंतालीस साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा किया है। मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे यह सौभाग्य मिला है। इस अवसर पर मैं पोलैंड की सरकार और यहां के लोगों का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। आपने 2022 में, यूक्रेन संघर्ष में फंसे हुए भारतीय स्टूडेंट्स को निकालने के लिए जो उदारता दिखाई, उसे हम भारतवासी कभी नहीं भूल सकते।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की सत्तरवीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हमने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। भारत और पोलैंड के संबंध डेमोक्रेसी और रूल ऑफ लॉ जैसी साझा मूल्यों पर आधारित हैं। आज हमने संबंधों को एक नई दिशा देने के लिए कई कदमों की पहचान की है। दो लोकतांत्रिक देशों के रूप में हमारी पार्लियामेंट के बीच आदान प्रदान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। आर्थिक सहयोग को व्यापक रूप प्रदान करने के लिए प्राइवेट सेक्टर को जोड़ने के लिए काम किया जायेगा। हम पोलैंड की कंपनियों को मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड से जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘भारत और पोलैंड अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हम दोनों सहमत हैं कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ तथा अंतराष्ट्रीय संस्थानों में रिफॉर्म वर्तमान समय की मांग है। आतंकवाद हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। मानवता में विश्वास रखने वाले भारत और पोलैंड जैसे देश ऐसे और अधिक सहयोग आवश्यक है। उसी तरह क्लाइमेट चेंज हमारे लिए साझा प्राथमिकता का विषय है। हम दोनों अपनी क्षमताओं को जोड़ कर ग्रीन फ्यूचर के लिए काम करेंगे।’