आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली की हो या पंजाब की, इन्हें यदि विज्ञापनबाजी की सरकारें कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। केजरीवाल दिल्ली में ऐसा कई बार कर चुके हैं कि काम कुछ लाख का होता है और उसके गुणगान के लिए विज्ञापनों पर करोड़ों खर्च कर दिए जाते हैं। केजरीवाल के नक्शेकदम पर चलते हुए पंजाब में मान सरकार भी अपनी मशहूरी के लिए जनता के करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर पानी की तरह बहा रही है। अपने राज्य में ही नहीं, बल्कि गुजरात और हिमाचल में छवि बनाने के लिए करोड़ों के विज्ञापन दिए जा रहे हैं। कभी पॉलिटिकल एडवरटाइजमेंट की आलोचना करने वाले केजरीवाल और उनकी पार्टी अब विज्ञापनबाजी में सबसे आगे है।आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। वो कहते कुछ हैं और दिखावे के लिए करते कुछ और ही हैं। केजरीवाल ने इस साल जनवरी में पंजाब चुनाव प्रचार के दौरान भी कहा था- “कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने डोर टू डोर कैंपेनिंग के लिए कहा है और हम तो डोर टू डोर ही करते हैं। दूसरे दल तो खूब पैसे खर्चते हैं। बड़े-बड़े विज्ञापन देते हैं। ऐसे विज्ञापन देना आम आदमी पार्टी को नहीं आता। हमारे पास तो विज्ञापनों के लिए पैसे ही नहीं हैं, क्योंकि हम ईमानदार पार्टी हैं।” केजरीवाल के शब्दों में यदि विज्ञापन न देना ईमानदारी की परिभाषा है तो साफ कह सकते हैं कि दिल्ली और पंजाब की सरकारें बेईमानी पर उतर आई हैं। यदि यह कहें कि उन्होंने तो बेईमानी की नदियां ही बहा दीं हैं तो ज्यादा तर्कसंगत होगा।काम से कई गुना ज्यादा विज्ञापनों पर खर्च, कहां से आता है केजरीवाल के पास इतना पैसा- यादव
दिल्ली से लेकर पंजाब और अब बिहार तक में नेताओं ने विज्ञापन वाली आप सरकार की आलोचना की है। बिहार की जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बयानबाजी को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। इस बार पप्पू यादव के निशाने पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आ गए हैं। अरविंद केजरीवाल पर हमलावर होते हुए पप्पू यादव ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री काम तो मुश्किल से 40 करोड़ रुपये का करते हैं, लेकिन इसके विज्ञापन पर 400 करोड़ रूपये खर्च कर देते हैं। समझ में नहीं आता कि उनके पास इतना पैसा आता कहां से है। यादव ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जब भी गुजरात जाते हैं तो 40 लाख रुपये पंजाब का खर्च करवाते हैं।
भारत की जनसंख्या: 138 करोड़
2021-22 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा विज्ञापन पर खर्च: ₹280.28 करोड़
दिल्ली की जनसंख्या: 3 करोड़
2021-22 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के विज्ञापन पर खर्च: ₹488.97 करोड़— Shiv Pratap Singh⬆️ (@Th_ShivPratap) August 26, 2022
केजरीवाल ने आठ साल में एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपये विज्ञापनों पर फूंके- कुमार
इससे पहले कांग्रेस नेता अजोय कुमार ने आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर अखबारों और चैनलों को करोड़ों के विज्ञापन देने के नाम पर हमला बोला। कांग्रेस नेता कुमार ने कहा कि साल 2015 में AAP ने टीवी और अखबारों को 81 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया था। जबकि 2017-18 में 117 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया था। वहीं, 2019 में पार्टी ने 200 करोड़ और 2021-22 में 490 करोड़ रुपये के आसपास का विज्ञापन दिया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और पंजाब सरकार ने अब तक विज्ञापन पर 1200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने पंजाब की मान सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘पिछले 6 महीने से पंजाब सरकार कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है, लेकिन चैनलों और अखबारों को करोड़ों के विज्ञापन दिए जा रहे हैं। चैनलों के मालिक खुश हैं। खासतौर से गुजरात में। पिछले 2 महीनों में भगवंत मान ने गुजरात टीवी चैनलों और अखबारों में विज्ञापन देकर 36 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।
चुनावी लाभ के लिए पंजाब के करदाताओं के पैसे का बाहरी राज्यों में उपयोग
पंजाब में कांग्रेस नेता परगट सिंह ने कहा है कि दरअसल आप सरकार किसी राजनीतिक दल के रूप में नहीं, बल्कि पीआर एजेंसी की तरह काम कर रही है, जिसका काम सिर्फ लुभावने विज्ञापन देना है। उसको जनता की परेशानियों या राज्य की आर्थिक सेहत से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार ने 60 दिन में 38 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि आप पार्टी पंजाब के करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल पंजाब के बाहर के राज्यों में चुनावी लाभ के लिए कर रही है। यह पंजाब और उसके लोगों के साथ विश्वासघात है। पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि राज्य का खजाना भरने के दावे करके सत्ता में आई आप खुद ही इसे खाली करने में जुटी है।
केजरीवाल साहब इंडिया छोड़ कनाडा तक विज्ञापन पर खर्च कर रहे हैं दिल्ली के लोगों के टैक्स के पैसे को pic.twitter.com/FmcjGlRMoV
— शिव कुमार पंडित जी (@wyAToJb5qpvBfA3) August 19, 2022
बायो डी-कंपोजर छिड़काव में सिर्फ 68 लाख खर्च, विज्ञापनों पर बहाए 23 करोड़
दरअसल, यह पहला मौका नहीं है, जबकि आप की सरकारों ने जनता के पैसे बेशुमार विज्ञापनों पर लुटाया है। दिल्ली के विवादास्पद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले भी ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो राजधानी में किसी भी नागरिक के गले नहीं उतर रहा है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार पराली की समस्या को दूर करने के लिए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के किसानों के खेतों में बायो डी-कंपोजर छिड़काव पर दो साल में सिर्फ 68 लाख रुपए खर्च किए, लेकिन अपना नाम चमकाने के लिए इस दौरान विज्ञापनों पर 23 करोड़ रुपए फूंक डाले। जबकि इस योजना से सिर्फ 955 किसानों को ही फायदा मिला।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल की कथित ईमानदारी तो आपने देख ही ली, अब असली आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं। पूरे देश की आबादी 138 करोड़ है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 138 करोड़ लोगों के लिए 2021-22 में 280.28 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया। वहीं दिल्ली की आबादी 3 करोड़ है। दिल्ली के 3 करोड़ लोगों के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 2021-22 में 488.97 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया।
Population of India: 138 Crores
Expenses on ad by @narendramodi in 2021-22: ₹280.28 CroresPopulation of Delhi: 3 Crores
Expenses on ad by @ArvindKejriwal in 2021-22: ₹488.97 Crores pic.twitter.com/Fwty8kE5xH— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) August 24, 2022
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव के दौरान विज्ञापन पर कम खर्च करने का दावा तो करते हैं, लेकिन दिल्ली में उनकी सरकार ने कोरोना काल की महामारी के दौरान हर रोज लगभग एक करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए हैं। यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए सामने आ चुकी है। न्यूज़लॉन्ड्री ने आरटीआई के जरिए पूछा था कि दिल्ली सरकार द्वारा एक मार्च 2020 से 30 जुलाई 2021 तक विज्ञापन पर कितने रुपए खर्च किए गए हैं? इसके जवाब में सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने बताया कि मार्च 2020 से जुलाई 2021 के दौरान विज्ञापन एवं प्रचार पर कुल 490 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपना चेहरा चमकने के लिए 44 गुणा बढ़ाया विज्ञापन खर्च #KejriwalExposed pic.twitter.com/6bXvWZd0So
— Amit Mittal (@amitmittal01) August 23, 2022
Aapiya's will reply as:
1. Education model dekho delhi ka, poore world mei no. 1
2. Modi g kejriwal se darte hain
3. Hum kattar imaandar hain
4.Sisodiya most handsome education minister of the world— Bharat ?? (@bharatk20441) August 24, 2022
In rational comparison, India’s expenditure looks fair. But seeing at Delhi’s unnecessary expense makes me feel sad for people like me who are tax payers of Delhi ?
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) August 25, 2022
एक वर्ष में 488 करोड़ विज्ञापन पर खर्च करने वाला 'आम आदमी' केजरीवाल?आरटीआई के अनुसार केजरीवाल सरकार ने पिछले 10 वर्षों में विज्ञापनों पर खर्च किए गए पैसे में 4200% की वृद्धि की है, जबकि पिछले वर्ष 488 करोड़ रुपये खर्च किए थे।क्या यही है आम आदमी पार्टी ? यह तो विज्ञापन की सरकार है pic.twitter.com/WlqI9XBMSj
— MLMANDOWARA???? (@MLMANDOWARA) August 22, 2022
केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दिल्ली की जनता के पैसों को अपनी अय्याशी और राजनीति के लिए खुलेआम लूटा रहा है।
सिसोदिया ने अपने और पत्नी के इलाज पर 8 सालों में क़रीब 22 लाख रुपए खर्च करवाए
पिछले 7 सालों में विज्ञापन पर क़रीब 1000 करोड़ और इमामों की सैलरी पर 30करोड़ रुपया लुटाया। pic.twitter.com/LvGJ6K7ssb
— Shashi Kumar (@iShashiShekhar) August 19, 2022
केजरीवाल सरकार द्वारा 2015-22 के बीच मीडिया विज्ञापन पर खर्च की गई राशि 1293.94 करोड़ रुपये है।
उनकी सरकार द्वारा बनाया गया नया स्कूल।
2015-20 के बीच एक है।क्या यही कारण है कि बिकता हुए भारत का मीडिया अरविंद केजरीवाल की हर गतिविधि का प्रसारण करता है?
— Avinash Kadbe اویناش کڈبے (@INCAvinashkadbe) August 19, 2022
https://twitter.com/HinduRashtra_BT/status/1560612050748944384
केजरीवाल मॉडल: सिर्फ विज्ञापन पर पैसे खर्च होंगे। हम काम पर नहीं करते । 20 cr के विज्ञापन में 20 लाख का दो लोन पास करते है।
ऑक्सीजन चोरी करवाते है। एक भी हॉस्पिटल खोद का नही बन है। pic.twitter.com/UAQHMubRif
— ?? Adv Shiwangi ?? (@noneedtoset) August 20, 2022
एक वर्ष में 488 करोड़ विज्ञापन पर खर्च करने वाला 'आम आदमी' केजरीवाल?
इस भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी से लगाइए कि #RTI के अनुसार #AAP सरकार ने पिछले 10 वर्षों में विज्ञापनों पर खर्च किए गए पैसे में 4200% की वृद्धि की है, जबकि पिछले वर्ष 488 करोड़ रुपये खर्च किए थे। pic.twitter.com/AeUOZvA6WU
— Desh Ki Beti – Meenakshi Lekhi (@mlekhi_bjp) August 20, 2022