दिवाली और छठ पर पटाखे बैन करने और सनातन धर्म का अपमान करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिवाली पूजा के नाम पर सरकार पैसा पानी की तरह बहाते हैं। एक तरफ सनातन धर्म का अपमान तो दूसरी तरफ दिवाली पूजा का ढोंग करने वाले केजरीवाल की नीयत पूजा के बहाने सरकार के खजाने से पैसा निकालना होता है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले साल 2021 में पूजा के लिए दिल्ली सरकार ने 15 करोड़ खर्च किए लेकिन इनमें से पूजा पर सिर्फ तीन करोड़ रुपये पूजा में खर्च किए गए जबकि 12 करोड़ रुपये पूजा का मीडिया पर लाइव टेलीकास्ट करने के लिए तमाम मीडिया वालों को दिए गए। यानी उन्होंने पूजा को भी उन्होंने एक इवेंट बना दिया और मीडिया प्रचार पर पैसे लुटाए। पैसे लुटाने के इस खेल में केजरीवाल ने दोस्ती भी जमकर निभाई। उन्होंने इस इवेंट का ठेका विजक्राफ्ट कंपनी को दिया जो कि उनके ईसाई दोस्त सब्बास जोसफ की कंपनी है। अब इससे समझ सकते हैं कि पूजा का आयोजन क्यों और किसलिए किया गया? इसी तरह दिल्ली सरकार ने वर्ष 2020 में दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा और उसके लाइव टेलीकास्ट कार्यक्रम पर 6 करोड़ रुपये खर्च किए थे। पूजा 30 मिनट हुई थी और इस तरह प्रति मिनट पूजा पर 20 लाख रुपये खर्च किए गए। करदाताओं के पैसे का इस तरह दुरुपयोग केजरीवाल ही कर सकते हैं। ये केजरीवाल का दिल्ली मॉडल है जिसका ढिंढोरा वे पीटते नहीं थकते हैं। अब गुजरात चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल ने इस साल एक नया शिगूफा छोड़ा है कि भारतीय करेंसी (रुपये) पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो छापी जाए। एक तरफ उनके करीबी हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाते हैं तो दूसरी तरफ केजरीवाल गुजरात में मंदिरों में पहुंच रहे हैं। अब पूजा के नाम पर किए जा रहे इस ढोंग को जनता समझ चुकी है।
दिल्ली मॉडल
यह पिछले साल की RTI है, जब अरविंद केजरीवाल ने अपनी सगी पत्नी और अपने गिरोह आप के लफंदरों के साथ दीपावली की पूजा की नौटंकी की थी।
इस पूजा के लिए दिल्ली सरकार ने 15 करोड़ खर्च किए… सिर्फ तीन करोड़ रुपए पूजा में खर्च किए गए जबकि 12 करोड़ pic.twitter.com/xGV915xyZU
— #Bharat-Ek VishwaGuru?? (@EkVishwa) October 25, 2022
टि्वटर यूजर Bharat-Ek VishwaGuru ने एक RTI के हवाले से यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि यह पिछले साल की RTI है, जब अरविंद केजरीवाल ने अपनी पत्नी और अपने गिरोह के लोगों के साथ दीपावली की पूजा की नौटंकी की थी। इस पूजा के लिए दिल्ली सरकार ने 15 करोड़ खर्च किए। इनमें से सिर्फ तीन करोड़ रुपये पूजा में खर्च किए गए जबकि 12 करोड़ रुपये इस केजरी गिरोह की दीपावली पूजा का मीडिया पर लाइव टेलीकास्ट करने के लिए तमाम मीडिया वालों को दिए गए।
केजरीवाल ने ईसाई दोस्त की कंपनी विजक्राफ्ट को दिया ठेका
सबसे आश्चर्य की बात यह है कि अरविंद केजरीवाल की यह दीपावली पूजा खुद दिल्ली सरकार की नजरों में एक इवेंट था और इस इवेंट का पूरा ठेका विजक्राफ्ट मीडिया नामक कंपनी को दिया गया था। इस विजक्राफ्ट मीडिया कंपनी का मालिक ‘सब्बास जोसफ’ मिशनरी ऑफ इंडिया संस्था में भी ट्रस्टी है और बेहद कट्टर ईसाई है। टीवी चैनलों पर जो सुबह ईसाई पादरियों के प्रोग्राम आते हैं, वह इसी विजक्राफ्ट मीडिया कंपनी के द्वारा होता है। विजक्राफ्ट मीडिया कंपनी का मालिक सब्बास जोसेफ अरविंद केजरीवाल का तब से साथी है जब दोनों मिशनरी आफ चैरिटी में एक साथ मदर टेरेसा के साथ काम कर रहे थे और जहां केजरीवाल ने ईसाई धर्म अपनाया था। मारवाड़ी में एक कहावत है कि घी गिरा भी तो थाली में गिरा… यानी अरविंद केजरीवाल किस तरह से सरकारी खजाना हिंदुओं और सनातन धर्म से नफरत करने वालों पर लुटा रहा है, यह एक नमूना है।
Breaking:
Delhi AAP Govt. spent 6 crores (approx $0.8 million) of taxpayer money for the Laxmi Puja event & its live telecast done by @ArvindKejriwal on 14 November, 2020.
This whopping cost of 6 crores public money was for a 30-minute puja.
Thats 20 lakh rupees per minute. pic.twitter.com/oWf7Ekixq3
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) December 22, 2020
केजरीवाल ने वर्ष 2020 में दिवाली पूजा पर हर मिनट खर्च किए 20 लाख रुपये
इसी तरह वर्ष 2020 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा और उसके लाइव टेलीकास्ट कार्यक्रम पर 6 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। एक आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने आरटीआई के जरिये यह जानकारी जुटाई थी। आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने अपने ट्वीट में दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (DTTDC) की ओर से भेजे गए आरटीआई के जवाब को साझा किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की AAP सरकार और अरविंद केजरीवाल द्वारा 14 नवंबर, 2020 को किए गए लक्ष्मी पूजा आयोजन और लाइव टेलीकास्ट पर करदाताओं के पैसे के 6 करोड़ खर्च कर दिए। साकेत गोखले ने कहा कि 30 मिनट की इस पूजा पर कुल 6 करोड़ खर्च, मतलब प्रति मिनट 20 लाख रुपये किए गए। दिवाली की रात मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके कैबिनेट मंत्रियों द्वारा दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में अपने जीवनसाथियों के साथ भाग लेने वाले मेगा इवेंट का लाइव टेलीकास्ट किया गया था। गोखले ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दिल्ली में AAP सरकार के पास पूजा पर खर्च करने के लिए धन था, जबकि दिल्ली अनेक पीड़ित मुआवजे का इंतजार कर रहे थे। हिसाब लगाएं और कल्पना करें कि धार्मिक समारोह में खर्च किए गए इस 6 करोड़ रुपये से उत्तर पूर्वी दिल्ली में कितने परिवारों को मदद मिल सकती है।
पिछले साल दिवाली पर 12 करोड़ का इवेंट किया, जिसमे 9 करोड़ प्रचार पर ओर 3 करोड़ पूजा पर खर्च किया केजरीवाल जी ने, ओर इस बार इसको भी रोक दिया –
सनातन से इतनी घृणा ? pic.twitter.com/O09VIQPNqf
— Rajbala Sharma (@rajbala_sharma) October 26, 2022
साकेत गोखले ने आरटीआई में ये तीन सवाल पूछे थे…
सवाल 1 : क्या दिल्ली सरकार के 14/11/20 के लक्ष्मी पूजा कार्यक्रम और इसके लाइव प्रसारण का खर्च दिल्ली सरकार ने वहन किया है?
जवाब : हां
सवाल 2 : यदि दिल्ली सरकार खर्च वहन कर रही है, तो कृपया सीएम की लक्ष्मी पूजा के इस समारोह और टेलीविजन पर इसके लाइव टेलीकास्ट के लिए निर्धारित राशि बताएं?
जवाब : लाइव टेलीकास्ट लागत सहित लगभग 6.00 करोड़ रुपये।
सवाल 3 : कृपया बताएं कि क्या यह एक आधिकारिक कार्यक्रम था जो दिल्ली सरकार के उपराज्यपाल के अनुमोदन के साथ आयोजित किया गया था?
जवाब : हां, यह दिल्ली सरकार का आधिकारिक कार्यक्रम था
'भारतीय करेंसी पर महात्मा गांधी के साथ छपे लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर', केजरीवाल की मांग, दिवाली पर हम सबने समृद्धि के लिए लक्ष्मी जी और विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा की। #Kejrival, #AAP, #ArvindKejriwal, #centralgovernment, #Indiancurrency ,#BREAKING_NEWS pic.twitter.com/xjlAc981qY
— FIRSTBYTE.Tv (@firstbytetv_) October 26, 2022
एक तरफ सनातन धर्म से नफरत दूसरी तरफ करेंसी पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर छापने की मांग
अभी कुछ दिन पहले ही केजरीवाल के करीबी मंत्री ने लोगों को शपथ दिलाई थी कि ” हिंदू धर्म के देवी-देवताओं को नहीं मानेंगे”, अब केजरीवाल ने गुजरात चुनाव के मद्देनजर डैमेज कंट्रोल करते हुए भारतीय रुपये पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर छापने की मांग की है। अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से भारतीय करेंसी पर गांधी जी के साथ-साथ लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर छापने की मांग की है। गुजरात चुनाव से पहले केजरीवाल ने हिंदुत्व का दांव खेला है। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए जल्द ही पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखेंगे। केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मेरी केंद्र सरकार और पीएम से अपील है कि भारतीय करेंसी पर एक तरफ गांधी जी की तस्वीर है, उसे वैसे ही रहने दें। दूसरी तरफ गणेश और लक्ष्मी जी की तस्वीर भारतीय करेंसी पर लगाया जाए। इससे पूरे देश को उनका आशीर्वाद मिलेगा। हम ये नहीं कह रहें हैं कि सारे नोट बदले जाएं, लेकिन जो नए नोट छपते हैं, उनके ऊपर ये शुरुआत की जा सकती है और धीरे धीरे करके सर्कुलेशन में ये नए नोट आ जाएंगे। केजरावाल ने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए देवी देवाताओं का आशीर्वाद जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिवाली पूजा के दिन इस तरह का विचार आया। वो किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। उनका मानना है कि अगर इंडोनेशिया ऐसा कर सकता है तो हम क्यों नहीं कर सकते हैं।
श्रीराम श्रीकृष्ण से इतना बैर ?
ये हैं @AamAadmiParty सरकार के मंत्री राजेन्द्र गौतम पाल, जिनके द्वारा आयोजित जय भीम मिशन में 10 हजार लोगों को शपथ दिलाई गई
"मैं हिंदू धर्म के देवी देवताओं ब्रह्मा,विष्णु,महेश, श्रीराम, श्रीकृष्ण को भगवान नहीं मानूंगा, न ही उनकी पूजा करूंगा।" https://t.co/pHipfGQ7kX pic.twitter.com/cmoELzEQHR— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) October 7, 2022
‘हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवता को नहीं मानूंगा’…
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात में मंदिरों का दौरा कर रहे हैं। हिन्दुओं को झांसा देने के लिए जनसभा में कृष्ण और अर्जुन की कहानियां सुना रहे हैं। लेकिन असल में आम आदमी पार्टी की विचारधार पूरी तरह हिन्दू धर्म विरोधी है। क्योंकि इस पार्टी के जन्मदाता अरविंद केजरीवाल ईसाई संत मदर टरेसा के शिष्य है और उनके ही बताये रास्ते पर चल रहे हैं। इसलिए आम आदमी पार्टी में वही लोग शामिल है, जो हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं को नहीं मानते और इस धर्म को खत्म करना चाहते हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के अभियान चला रहे हैं। इसका प्रमाण दिल्ली में ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला, जब केजरीवाल सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम लोगों को ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम और कृष्ण को ईश्वर ना मानने और इनकी कभी पूजा नहीं करने की शपथ दिलाई। दरअसल ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर ना मानने और उनकी पूजा ना करने की शपथ लेते दिख रहे हैं। इस कार्यक्रम में केजरीवाल सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए थे। 05 अक्टूबर, 2022 को विजयादशमी के अवसर पर दिल्ली के करोलबाग स्थित अंबेडकर भवन में आयोजित ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम में 10 हजार लोगों ने बौद्ध दीक्षा ली। इसके साथ ही उन्हें हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने शपथ दिलाई गई…
चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है।
आज "मिशन जय भीम" के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ०अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली।
नमो बुद्धाय, जय भीम! pic.twitter.com/sKtxzVRYJt
— Rajendra Pal Gautam (@AdvRajendraPal) October 5, 2022
हिन्दुओं के धर्मांतरण के लिए “मिशन जय भीम”
केजरीवाल सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा, ”चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है। आज “मिशन जय भीम” के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ. अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। नमो बुद्धाय, जय भीम!”
एक बार फिर AAP का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब..@ArvindKejriwal के मंत्री लोगों से शपथ दिलवा रहे हैं कि मैं किसी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा!
तो फिर चुनाव के दौरान मंदिरों में क्या दर्शाने के लिए जाते हो?
क्या हिंदू धर्म इतना चुभता है AAP की आंखों में? इतनी नफरत क्यों? pic.twitter.com/beQeYR4LUA
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) October 7, 2022
AAP का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब – आदेश गुप्ता
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो के साथ लिखा, ”एक बार फिर AAP का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब। अरविंद केजरीवाल के मंत्री लोगों से शपथ दिलवा रहे हैं कि मैं किसी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा! तो फिर चुनाव के दौरान मंदिरों में क्या दर्शाने के लिए जाते हो? क्या हिंदू धर्म इतना चुभता है AAP की आंखों में? इतनी नफरत क्यों?”
अब पता चला @ArvindKejriwal दिवाली,दशहरे पे हिंदुओं पर पाबंदी क्यू लगवाता है,कश्मीरी पंडितो के नरसंहार को झूठा क्यों बोलता है। ये मंच पर शपथ लेने वाला और हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने वाला केजरीवाल का मंत्री राजेंद्र पाल हैं। केजरीवाल का हिंदू विरोधी चेहरा आज नंगा हो गया है pic.twitter.com/2hGVglAmw6
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) October 7, 2022
“अब पता चला दिवाली,दशहरे पर पाबंदी क्यों लगती है”
बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए लिखा कि अब पता चला अरविंद केजरीवाल दिवाली,दशहरे पर हिंदुओं पर पाबंदी क्यों लगवाता है। कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को झूठा क्यों बोलता है। ये मंच पर शपथ लेने वाला और हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने वाला केजरीवाल का मंत्री राजेंद्र पाल हैं। केजरीवाल का हिंदू विरोधी चेहरा आज नंगा हो गया है।
अरे हिंदू विरोधी केजरीवाल ….?
गुजरात चुनाव में जनता को बेवक़ूफ़ बनाने के लिए मंदिर-मंदिर घूम रहे हो और दिल्ली में अपने नेता राजेन्द्र पाल गौतम से हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करवा रहे हो !@blsanthosh @Tejasvi_Surya @friendsofrss pic.twitter.com/UZuoBJeyhl— Vasu Rukhar ?? (@VasuRukharBjp) October 7, 2022
गुजरात में केजरीवाल की कृष्ण भक्ति, दिल्ली में अपमान
सोशल मीडिया पर लोगों में अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री राजेंद्र पाल गौतल के खिलाफ काफी आक्रोश देखा जा रहा है। हिन्दू धर्म के खिलाफ केजरीवाल की साजिश के खिलाफ लोग तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि केजरीवाल गुजरात चुनाव में जनता को बेवक़ूफ़ बनाने के लिए मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं और दिल्ली में अपने नेता राजेन्द्र पाल गौतम से हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करवा रहे हैं।
आइए देखते हैं किस तरह हिन्दू विरोधी और चुनावी भक्त केजरीवाल ने कब-कब भगवान राम और हिन्दू देवी-देवाताओं का अपमान किया…
AAP गुजरात अध्यक्ष @Gopal_Italia ने कहा था – “सत्यनारायण और भागवत कथा फालतू, हिजड़ों की तरह बजाते हैं ताली”
“ताली बजाने वाले छक्कों की हमें ज़रूरत नहीं”
केजरीवाल इसी गोपाल इटालिया के साथ दिखावे का पूजा कर रहे हैं, हिंदुओं के वोट के लिए. pic.twitter.com/0sbrBdXCQt
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 27, 2022
सत्यनारायण और भागवत कथा फालतू, हिजड़ों की तरह बजाते हैं ताली- गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इटालिया
गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, राम मंदिर और हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देने वाले आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल फिर से हिंदू बन गए हैं और इसी गोपाल इटालिया के साथ माथे पर त्रिपुंड लगा और गले में रुद्राक्ष की माला पहन गुजरात में मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं। सोशल मीडिया पर आप नेता गोपाल इटालिया का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें वे कह रहे हैं, “लोग सत्यनारायण कथा और भागवत कथा जैसी अवैज्ञानिक और फालतू की चीजों पर पैसा और समय बर्बाद कर देते हैं। इसके बाद भी लोगों को यह नहीं पता चलता कि उन्हें ऐसा करके क्या हासिल हुआ। वे दूसरों का समय भी बर्बाद कर देते हैं। अगर हम 5 पैसे भी ऐसी फालतू चीजों पर खर्च कर देते हैं तो हमें मनुष्य की तरह जीने का अधिकार भी नहीं है।” उन्होंने कहा, “मुझे ऐसे लोगों पर शर्म आती है। जो मैं कहता हूं वह आपको अगर अच्छा न लगे तो मुझे ब्लॉक कर दीजिए। लेकिन हमें उनकी जरूरत नहीं है जो संस्कृति और प्रथाओं के नाम पर हिजड़ों की तरह ताली बजाते हैं। कुछ साधु स्टेज से फालतू बातें करेंगे और हम हिंजड़ों की तरह ताली बजाएंगे।”
दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तांकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) September 7, 2022
केजरीवाल ने दिवाली-छठ पर दिल्ली में फिर बैन किए पटाखे
हिंदू विरोधी केजरीवाल सरकार के कारण दिल्ली के लोगों की इस बार भी दिवाली बिना पटाखों वाली रहेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बार फिर से दिल्ली में दिवाली-छठ पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली में अगले साल एक जनवरी तक सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक रहेगी। यह प्रतिबंध पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी लागू रहेगी। केजरीवाल के करीबी मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट किया कि ‘दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तांकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री / डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2023 तक लागू रहेगा। प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, DPCC और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।’
बकरीद और ईद पर छूट, छठ पूजा पर पाबंदी
केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण-प्रदूषण के नाम पर पिछले साल भी दिवाली-छठ में पटाखों को प्रतिबंधित कर दिया था। जबकि तमाम जांच और रिपोर्ट से ये साफ हो गया था कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पटाखे स्रोत नहीं हैं। दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य स्रोत पराली जलाना और कल-कारखानों के साथ गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण है। इसको लेकर लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से सवाल किए हैं कि ईद-बकरीद पर पशुओं की हत्या पर बैन क्यों नहीं लगाया जाता है? लोग सोशल मीडिया पर मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर केजरीवाल सरकार पर तंज कस रहे हैं। इससे पहले अक्टूबर 2021 में अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में यमुना घाट पर छठा पूजा करने पर पाबंदी लगा दी थी। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने 30 सितंबर को दिल्ली में कोरोना से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की। गाइडलाइंस के मुताबिक दिल्ली में मंदिरों, तालाबों, नदियों या जलाशयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा नहीं मन सकेगी। लेकिन केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार के बिना गाइडलाइन के बकरीद और ईद मनाने की पूरी छूट दी थी। एक समुदाय को त्योहार मनाने की अनुमति और दूसरे समुदाय के त्योहार पर पाबंदी ऐसी चीज है जो केजरीवाल के तुष्टिकरण और सौतेले व्यवहार को प्रदर्शित करती है।
On seeing cong looting & cheating tax payers money Kujliwal also started this business.Sisodia & Jain who is jail followed the same process & procedure.Videos are example of work done in Delhi & Punjab.
Gujarat electorates be double careful while voting AAP of Kujliwal@PMOIndia pic.twitter.com/RRgVaFeLHO— Srikantan (@Srikantan1955) October 25, 2022
केजरीवाल जी
पटाखे बैन करदो
दीवाली बैन करदो
दशहरा बैन करदो
भीईदूज बैन करदो
दुर्गा पूजा बैन करदो
होली बैन करदो
जब हमारा टाइम (इलेक्शन)
आयेगा हम आपको बैन कर देगे।— VK G (@Rambhak89273806) October 25, 2022
◆दिवाली पर पूजा के दौरान भाव आया-केजरीवाल
◆हमें देवी-देवताओं के आशीर्वाद की जरूरत-केजरीवाल
◆नए नोट पर गणेश-लक्ष्मी की भी फोटो हो-केजरीवाल।@AamAadmiParty— खबर वाणी (@khabarvani) October 26, 2022