कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को राजनीतिक पाखंड करने में महारत हासिल है। इस लिए कोरोना महामारी को राजनीतिक अवसर में बदलने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। अब उनके निशाने पर केंद्र सरकार का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट है। कांग्रेस के नेता इस प्रोजेक्ट को ‘क्रिमिनल वेस्टेज’ और ‘जनता के पैसों की बर्बादी’ बताकर विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार द्वारा महामारी के समय प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के मामले में चुप्पी कांग्रेस की हिप्पोक्रेसी का प्रमाण है।
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार द्वारा 125 करोड़ रुपये की पुनर्निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। राजस्थान सरकार द्वारा जारी किए गए एक विज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 03 जून, 2021 को जोधपुर में तीन परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इनमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, इंटरनेशनल स्टैन्डर्ड ऑडिटोरियम और बरकतुल्लाह खान स्टेडियम का पुननिर्माण शामिल है। इनके लिए क्रमशः 45 करोड़ रुपये, 60 करोड़ रुपये और 20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इसके अलावा इसके विज्ञापन पर भी कई करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
जैसे ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार का यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, यूजर्स ने कांग्रेस की हिप्पोक्रेसी पर जमकर निशाना साधा। सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि कांग्रेस सेंट्रल विस्टा को जनता के पैसों की बर्बादी कहती है, लेकिन राजस्थान में खुद पुनर्विकास परियोजनाओं में करोड़ों खर्च कर रही है।
Congress tried to hold central vista project amid covid.
Meanwhile Rajasthan Govt inaugurating Auditoriums and Stadiums. Hypocrisy! pic.twitter.com/btXt4TmI4q
— Chota Don (@choga_don) June 3, 2021
केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत कई यूजर्स ने राजस्थान में 11.5 लाख वैक्सीन की बर्बादी पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि वैक्सीन की बर्बादी पर चुप रहने वाले महामारी के दौर में भी कई पुनर्विकास परियोजनाओं पर करोड़ों खर्च करने के लिए तैयार हैं।
Meanwhile in Rajasthan…
After dumping more than 11.5 lakh vaccines in dustbins in a ‘एतिहासिक पहल’
& with Congress leaders going hysterical over ongoing Central Vista Avenue redevelopment, the state govt announces Bhumi Pujan of several projects!
भव्य hypocrisy! pic.twitter.com/yjba3trw6B
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) June 3, 2021
राजस्थान के अलावा कांग्रेस के गठबंधन वाली महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने भी नरीमन पॉइंट में विधायकों के आवास (हॉस्टल) के लिए 900 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला था। महाराष्ट्र सरकार के इस निर्णय की आलोचना की गई क्योंकि यह टेंडर ऐसे समय में निकाला गया जब राज्य Covid-19 महामारी के भीषण दौर में था और कई आर्थिक समस्याएं सामने खड़ी थीं।
गौरतलब है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस प्रोजेक्ट के मामले में कांग्रेस पार्टी का रुख अजीब है, क्योंकि उसके नेताओं ने यूपीए सरकार के दौरान इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। कांग्रेस नेताओं ने संसद के नए भवन की जरूरत को लेकर चिट्ठियां लिखी थी। आज वहीं कांग्रेस पार्टी महामारी को आधार बनाकर प्रोजेक्ट का विरोध कर रही है। इसका एकमात्र मकसद राजनीतिक लाभ लेना है।