कोरोना महामारी से लड़ने में जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगुवाई की है, उससे उनके प्रति देशवासियों के प्यार में बढ़ोतरी हुई है। आज देश के सबसे अधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी के चाहने वाले उनकी बुराई सुनने को तैयार नहीं है। आज जहां हर नागरिक को अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है, वहीं कांग्रेस और उसके नेताओं के यह रास नहीं आ रहा है। यदि कोई पीएम मोदी बढ़ाई कर देता है, तो कांग्रेसियों के तन-बदन में आग लग जाती है।
राजस्थान में कुछ ऐसा ही देखने के मिला है। प्रधामंत्री मोदी के आह्वान पर पूरे देश में समाजसेवा संस्थाओं और सक्षम लोग निर्बल, गरीब और असहाय लोगों की मदद करने में जुटे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी इस समाजसेवा में भी राजनीति कर रही है। ऐसा ही काम राजस्थान में कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी ने किया है। बिधूडी शनिवार को अपने विधानसभा क्षेत्र बेगूं के एक गांव में राहत सामग्री वितरित कर रहे थे। इसी दौरान सामग्री लेने आई एक बुजुर्ग महिला से विधायक ने सवाल पूछा कि बताओ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अच्छे हैं या राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। बताओ दिए जलाने वाला अच्छा है या राशन देने वाला अच्छा है। इस पर महिला ने पीएम नरेंद्र मोदी को बेहतर बता दिया। महिला की बात सुनते ही विधायक बिधूड़ी भड़क गए और महिला से बोले, आप दीये जलाओ, राशन वापस यहीं छोड़ जाओ।
@INCIndia @RahulGandhi Rajendra Singh Bidhuri,Congress MLA from Begun, Rajasthan, while Distributing ration, asks who is good, Modi or Gehlot,
An Elderly woman replied Modi,She was asked to return the ration and leave@narendramodi @ippatel @KapilMishra_IND pic.twitter.com/ALqcQRJZGa— अधिवक्ता abhishake jaiswal?? (@LetMeTelluhh) April 19, 2020
सोशल मीडिया पर कांग्रेस विधायक की इस शर्मनाक करतूत का वीडियो वायरल हो रहा है। और लोग कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की लानतमलानत कर रहे हैं। लोगों का क हना है कि इस संवेदनशील समय में जब समाज की हर एक इकाई एक-दूसरे की सहायता के लिए आगे आ रही हैं ऐसे में कांग्रेस के नेतागण अपने राजनीतिक स्वार्थ को आगे रखकर गरीबों को भोजन तक देने में भेदभाव कर रहे हैं। यह बेहद शर्मनाक है।
Ghatia log
— Manoj Gulati (@manojgulati12) April 20, 2020
खाना बाँटने और इस संकट के समय लोगो की मदद करने के नाम पे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति चल रही है।
लोगो से जबरदस्ती बुलवाया जा रहा है।सामने तो सब बोल देंगे साहेब लेकिन हर किसी के दिल मे तो मोदी जी ही बसते है।
— We the People of India (@letsdweet) April 19, 2020
Chutiye bhare pade hai har jagah..
— Jai Hind (@vivekmlvy) April 20, 2020
Indeed unacceptable from family party goons
— Aman (@humane_aman) April 19, 2020
Secular mla of Congress
— Satendrapal (@Satendr22235530) April 20, 2020
@awake1975 , It’s like this, ask every Congi/ leader incl Rahul Gandhi in a secret ballot n most will vote for @narendramodi ! Sach kuch alag hoti hai.
— awake (@awake1975) April 19, 2020
He scored an own goal! I mean what was he even expecting? xD Overconfidence kills!
— The Nucleus (@TheNucleusIndia) April 20, 2020
All of Congies are like that only, but this poor guy did it openly. Waiting now for Mr Pilot to switch side very eagerly.
— Abhay Erulkar (@AbhayErulkar) April 20, 2020
इससे ये साफ मालूम पड़ता है के ऐसे समय में इन लोगो की मानसिकता अभी भी चुनावी रैली वाली है। माननीय राहुल गांधी जी क्या इसी तरह से आपकी पार्टी देश के साथ है।
— Amit Shukla (@AmitShu95237749) April 19, 2020
तुलना ही गलत है।
MLA बिधूड़ी को ये तो सोचना चाइये था कि किसकी तुलना किससे कर रहा है।— मुकेश भारतीय (@MukeshBhartiya3) April 19, 2020
जब से कोरोना संकट शुरू हुआ है तब से कांग्रेस के बड़े नेताओं से लेकर छोटे नेता इसी तरह का व्यवहार कर रहे हैं। आइए डालते हैं एक नजर-
संकट के समय देश को गुमराह करने में लगे हैं राहुल गांधी
इस समय देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इस संकट से देश को मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रात-दिन काम कर रहे हैं। उनकी सबसे पहली प्राथमिकता देशवासियों को कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचाना और जरूरतमंद लोगों को आवश्यक वस्तुएं एवं सेवाएं उपलब्ध कराना है। ऐसे में जहां प्रधानमंत्री मोदी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं, वहीं इस मुश्किल समय में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता घरों में दुबके हुए हैं। इस वक्त उनके पास जनता के लिए घड़ियाली आंसू बहाने के अलावा कोई काम नहीं है। गांधी परिवार कहने को तो सरकार का साथ देने की बात करता हैं, लेकिन यह सिर्फ दिखावा है। राहुल गांधी के सामने समस्या यह है कि इस खाली वक्त में करे तो क्या करें ? कुछ तो करना चाहिए, तो उन्होंने बयानबाजी, ट्वीट और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को गुमराह करने का काम अपने हाथों में लिया है। इसमें उनकी पूरी टीम उनका साथ दे रही है।
आईसीएमआर ने दिखाया आईना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मौजूदा संकट को देखते हुए कोरोना के कम टेस्ट हो रहे हैं। राहुल गांधी के आरोपों से लगता है कि उन्हें या उनकी टीम को कोरोना से लड़ने के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की पूरी जानकारी नहीं है। उन्हें वस्तुस्थित से अवगत कराने और उनकी जानकारी दुरूस्त करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को सामने आना पड़ा। आईसीएमआर ने आंकड़ों के आधार पर राहुल गांधी के आरोपों को गलत बताया। आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने कहा कि जांच का अनुपात कम नहीं है। कोरोना परीक्षण की नीति को जनसंख्या के आधार पर देखना समझदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे दूसरे नजरिये से समझना होगा।
आईसीएमआर ने दावा किया कि देश में 24 नमूनों की जांच में एक व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हो रही है। जबकि जापान में 11.7, इटली में 6.7, अमेरिका में 5.3, ब्रिटेन में 3.4 नमूनों की जांच पर एक व्यक्ति पॉजीटिव निकल रहा है। इसलिए जो लोग ज्यादा जांच की बात कह रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि देश में प्रति संक्रमित व्यक्ति पर ज्यादा जांचें हो रही हैं। गंगाखेड़कर ने कहा कि अमेरिका, इटली, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों की तुलना में कोरोना मरीजों की पहचान के लिये भारत में न सिर्फ ज्यादा परीक्षण हो रहे हैं, बल्कि तार्किक और विवेकपूर्ण तरीके से भारत में परीक्षण किए जा रहे हैं।
#WATCH In Japan, to find one positive case, 11.7 persons are tested. In Italy that number is 6.7, in US it’s 5.3, in UK it’s 3.4. Here in India, we do 24 tests for one positive case: Dr. Raman R Gangakhedkar, Indian Council of Medical Research (ICMR). pic.twitter.com/bLHDYOIr7r
— ANI (@ANI) April 16, 2020
राहुल गांधी का लॉकडाउन कन्फ्यूजन
राहुल गांधी ने कहा था कि लॉकडाउन कोरोना वायरस को रोकने का समाधान नहीं है। राहुल गांधी के इस बयान से लगता है कि वह लॉकडाउन को लेकर काफी कन्फ्यूजन में हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है तब कांग्रेस शासित राज्यों (महाराष्ट्र और पंजाब) ने केंद्र की घोषणा से पहले ही लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की घोषणा क्यों की? इनके अलावा विपक्ष दलों द्वारा शासित कई राज्यों में भी लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया गया। अगर राहुल गांधी जैसे लोगों को लॉकडाउन की उपयोगिता समझनी है और अपना कन्फ्यूजन दर करना है, तो इस ग्राफ से बेहतर कुछ नहीं हो सकता।
लॉकडाउन की वजह से ही भारत गंभीर रूप से प्रभावित देशों की तुलना में कोविड-19 को काफी हद तक रोक सका और प्रति 10 लाख आबादी पर केवल 9 मामले सामने आए और प्रति 10 लाख आबादी पर 0.3 मौत हुई है। इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित 12 हजार मामलों को देखें तब भारत में इसके फैलने की रफ्तार गंभीर रूप से प्रभावित देशों की तुलना में काफी कम है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने खोली वायनाड की पोल
कोरोना महामारी के बीच कांग्रेस का आईटी सेल झूठ फैलाने में लगा हुआ है। दरअसल, बुधवार को कांग्रेस आईटी सेल ने राहुल गांधी को शुभकामनाएं देते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें बताया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायनाड में कोरोना वायरस रोकने के प्रयासों और तरीकों की प्रशंसा की है।
I’m proud that Wayanad Dist., in my constituency, has been recognised by the Health Ministry for its excellent results in tackling #Covid19. The district has had no new cases for the past 16 days.I salute the DC, SP, DMO &district administration for their hard work & dedication. https://t.co/TyRn3hmNPH
— Rahul Gandhi – Wayanad (@RGWayanadOffice) April 15, 2020
दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायनाड में कोरोना वायरस को रोकने के प्रयासों की कोई प्रशंसा नहीं की है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट ने राहुल गांधी और उनके आईटी सेल की झूठ की पोल खोली है। रिपोर्ट के अनुसार केरल का वायनाड उन जिलों में से है जिन्हें कोरोना वायरस के हॉट्सपॉट में क्लस्टर सूची में रखा गया है। जो कि रेड जोन से सिर्फ एक पायदान नीचे की श्रेणी है। अब सवाल यह है कि जब वायनाड के हालत कोरोना मामले में बहुत सुधरे हुए नहीं है तो राहुल गांधी ने किन आधारों पर अपनी तारीफ की है ? जिले से अब तक कोरोना के तीन मामले आए हैं, जिनमें से 2 ठीक हो चुके हैं। लेकिन फिर भी सुरक्षा के लिहाज से हॉट्सपॉट की क्लस्टर सूची में रखा हैं। इसलिए राहुल गांधी के दावे बिलकुल गलत हैं।
जब आनंद शर्मा ने राहुल के दावे को किया खारिज
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कोरोना से निपटने के मोदी सरकार की कोशिशों पर नाराजगी जताते हुए इसे नाकाफी बताया था। राहुल ने कहा कि सब कुछ होने के बाद भी मोदी सरकार इसके लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है। इसके विपरीत पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्वी केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने केंद्र सरकार के प्रयासों पर संतुष्टि जताई। शर्मा ने मोदी सरकार की कोशिशों पर संतुष्टि जताते हुए कहा, “मैं सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों और कोरोना वायरस को टेस्ट करने के लिए की गई तैयारियों को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट हूँ। स्वास्थ्य मंत्रालय विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कर रहा है, जो इस जानलेवा वायरस से लड़ने के लिए बेहद जरूरी है।”
दुख हुआ जब श्रेय राहुल को दिया जाने लगा- महिला सरपंच
राजस्थान के जिस भीलवाड़ा मॉडल के नाम पर गांधी परिवार अपनी पार्टी, अपनी सरकार और अपने नेताओं की पीठ थपथपाने में लगा हुआ था, उसी भीलवाड़ा मॉडल पर राजस्थान की एक सरंपच ने गांधी परिवार को करारा जवाब दिया। महिला सरपंच किस्मत गुर्जर ने कहा, “पिछले कई दिनों से राज्य सरकार इस मॉडल का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन मुझे तब दुख ज्यादा हुआ कि जब इसका श्रेय राहुल गांधी को भी दिया जाने लगा। जबकि सच यह है कि भीलवाड़ा की जनता ने इसे एक मॉडल के रूप में स्थापित करने और कोरोना से लड़ने के लिए छोटी-छोटी बातों का कड़ाई से पालन किया और आत्मसंयम का परिचय दिया। हम लोग प्राधनमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई अपील से बहुत प्रभावित हैं।”
भीलवाड़ा वासियों की मेहनत का श्रेय सोनिया गांधी जी द्वारा राहुल गांधी जी को दिया जाना दुःखद हैं। pic.twitter.com/B9tSu52h2e
— Sarpanch Kismat Gurjar (@SarpanchOnline) April 11, 2020
राहुल ने किया कोरोना वारियर और देशवासियों का अपमान
प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर हर वर्ग और समुदाय के लोगों ने दीप जलाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। लेकिन कांग्रेस और उसके नेताओं ने इस अभियान से अपनी दूरी बनाये रखी। यहां तक कि राहुल गांधी ने ट्वीट कर दीया-टॉर्च जलाने के प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर तंज कसा। राहुल गांधी ने अपने तंज के जरिए कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी के देशव्यापी अभियान को न सिर्फ हल्के में लिया, बल्कि देशवासियों की भावनाओं का अपमान भी किया।
India is simply not testing enough to fight the #Covid19 virus.
Making people clap & shining torches in the sky isn’t going to solve the problem. pic.twitter.com/yMlYbiixxW
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 4, 2020
थूकने और बदसलूकी करने वालों से राहुल की हमदर्दी
देश में जिस तरह से कोरोना का संक्रमण देखने को मिल रहा है, उसमें तबलीगी जमात के लोगों का काफी योगदान है। दिल्ली के कुल 1578 मामलों में से 1080 यानि 68 प्रतिशत तो तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के हैं। दिल्ली और अन्य राज्यों में जमातियों के करतूत से पुलिस और मेडिकल स्टाफ भी परेशान है। जमाती लगातार अस्पताल स्टाफ के साथ बदसलूकी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ये लोग नर्सों के सामने ही कपड़े बदलने के लिए कपड़े खोल देते हैं। पूरे देश में जमातियों के इन करतूतों की आलोचना हो रही है। लेकिन राहुल गांधी की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पता चलता है कि राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता देश को खतरे में डालने वाले जमातियों के साथ कितना हमदर्दी रखते हैं।
पथरबाजों का मौन समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी इस मुश्किल समय में कोरोना मरीजों की जान बचाने वाले मेडिकल स्टाफ और सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों के सम्मान की बात कर रहे है। उनके लिए ताली और थाली बजाने की अपील की। वहीं मुरादाबाद, इंदौर और बेंगलुरु के अलावा कई राज्यों में जिस तरह से मेडिकल टीम और पुलिसकर्मियों पर हमले किए गए। वे काफी हैरान करने वाले हैं। उसकी चौतरफा निंदा हो रही है। लेकिन कांग्रेस और उसके नेता इस मामले पर मौन है। मोदी सरकार को नसीहत देने वाले राहुल गांधी इस मामले में ट्वीट और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करना उचित नहीं समझते। इस समय जब पूरे देश को एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ने और कोरोना के खिलाफ लड़ रहे लोगों के हौसले को बनाये रखने की जरूरत है, वहीं राहुल गांधी देशहित से पर्टीहित को सर्वोपरि मान रहे हैं। उन्हें लगता है कि अगर इन उपद्रवियों के करतूतों और हमलों की निंदा करते हैं, तो उनकी धर्मनिरपेक्षता और वोटबैंक खतरे में पड़ जाएगा।
Patience has its limits. Take it too far, and it’s cowardice @narendramodi. pic.twitter.com/kMzQtk1uVY
— Smoking Skills (@SmokingSkills_) April 15, 2020