कुलभूषण जाधव केस के बाद पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश वकील खावर कुरैशी के बारे में जो खुलासा हो रहा है वो काफी चौंकाने वाला है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2004 में इसी खावर कुरैशी ने दाभोल के खिलाफ भारत की ओर से पैरवी की थी। मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली तत्कालीन यूपीए सरकार ने दाभोल पॉवर प्लांट केस में भारत की ओर से केस लड़ने के लिए कुरैशी को हायर किया था।
WION News ने यह खुलासा करते हुए कहा है कि इस दाभोल पॉवर प्लांट केस में एनरॉन ने भारत सरकार पर छह अरब डॉलर का दावा ठोंका था। बाद में यह केस आर्बिट्रेशन में चला गया। यूपीए सरकार ने इस केस में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही पूरी लीगल टीम को बदल दिया और कुरैशी को हायर किया। खावर कुरैशी को भारतीय वकील नियुक्त करने की खबर The Lawer में भी छपी थी। इस मामले में भारतीय टीम को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया। इस मामले में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि यह कोई मुद्दा नहीं है। ऐसा होता रहता है।
UPA govt hired Pak #ICJ lawyer Qureshi in Dabhol case 2004-05
— WION (@WIONews) May 19, 2017
Qureshi argued India’s case under UPA
— WION (@WIONews) May 19, 2017
Spate of Pak terror between 1998-2005. Public mood not respected by UPA?
— WION (@WIONews) May 19, 2017
Best credentials, not nationality the criterion: AM Singvi #Congress to WION
— WION (@WIONews) May 19, 2017
इस मामले पर देखिए WION News वीडियो-
कुलभूषण जाधव मामले में खावर कुरैशी की लचर पैरवी के कारण पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय अदालत में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। खावर कुरैशी पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं। कुरैशी सेरले कोर्ट नाम की एक प्राइवेट लॉ फर्म से जुड़े हुए हैं। कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान में खावर कुरैशी की कड़ी आलोचना हो रही है। कुरैशी ने जाधव मामले में पाकिस्तान से पांच करोड़ रुपए की फीस ली थी।