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कांग्रेस नेता गुरसिमरन सिंह का दावा, किसान आंदोलन में खालिस्तानी आतंकियोंं की घुसपैठ

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किसान आंदोलन में खालिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ की खबरें मीडिया में आ चुकी हैं। लेकिन आंदोलनकारी किसान नेताओं और कांग्रेस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया और उलटे मीडिया पर ही सिखों को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगा दिया। अब कांग्रेस के नेता ही दावा कर रहे हैं कि किसान आंदोलन में खालिस्तानी आतंकी भी शामिल है।

पंजाब के कांग्रेस नेता गुरसिमरन सिंह का कहना है कि पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली बार्डर पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं , लेकिन उसमें खालिस्तान से जुड़े देशद्रोही भी घुसपैठ कर चुके हैं। उन्होंने किसानों से ऐसे देशद्रोहियों की पहचान कर खदेड़ने की अपील की है। 

गुरसिमरन सिंह लुधियाना के रहने वाले हैं और आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के किसान सेल के ज्वाइंट कोआर्डिनेटर हैं। वे अपनी हत्‍या की साजिश रचने वाले आतंकियों को पकड़ने के लिए हरियाणा के हिसार की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) का आभार जताने यहां पहुंचे थे। 

गौरतलब है कि हिसार एसटीएफ ने गुरसिमरन की हत्या की साजिश रचने के आरोप में आतंकी संगठन सिख फार जस्टिस से जुड़े दो युवकों, लुधियाना के तेजप्रकाश उर्फ काका और आकाशदीप सिंह उर्फ सोनू को 23 दिसंबर को पकड़ा था। एसटीएफ ने दोनों युवकों के पास से 32 बोर की पिस्टल और छह कारतूस बरामद किए थे। दोनों ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि वे पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी और कांग्रेस नेता गुरसिमरन सिंह को मारना चाहते थे।

खालिस्तानी आतंकियों की धमकी की वजह से पंजाब की अमरिंदर सरकार ने गुरसिमरन सिंह को नौ सुरक्षाकर्मी और पायलट गाड़ी मुहैया करा रखी है। दिल्ली और करनाल में सिख फार जस्टिस ग्रुप से जुड़े युवकों की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने 4 जनवरी, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सुरक्षा बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है। गुरसिमरन ने 2018 से लेकर अब तक मिली धमकियों के सुबूत भी एसटीएफ को सौंपे हैं। 

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