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आज हम शहरों के Transportation को एक Integrated System के तौर पर विकसित कर रहे हैं : पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के द्वितीय चरण एवं सूरत मेट्रो रेल परियोजना का भूमि पूजन किया। इन मेट्रो परियोजनाओं से इन शहरों को पर्यावरण के अनुकूल ‘Mass Rapid Transit System’ की सुविधा मिलेगी। इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल, केंद्रीय गृहमंत्री, राज्य मुख्यमंत्री और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री भी वर्चुअली शामिल हुए।

इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अहमदाबाद और सूरत भी दोनों गुजरात की और भारत की आत्मनिर्भरता को सशक्त करने वाले शहर हैं। मुझे याद है, जब अहमदाबाद में मेट्रो की शुरुआत हुई थी, तो वो कितना अद्भुत पल था। लोगों को चेहरों पर जो खुशी थी, वो मैं आज भी नहीं भूला हूं। मैं ये भी देख रहा हूं कि अहमदाबाद के सपनों ने, यहाँ की पहचान ने कैसे खुद को मेट्रो से जोड़ लिया है। अब आज से अहमदाबाद मेट्रो के दूसरे चरण पर काम शुरु हो रहा है। अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से अब मोटेरा स्टेडियम से महात्मा मंदिर तक एक कॉरिडोर बनेगा और दूसरे कॉरिडोर से GNLU और Gift City आपस में जुड़ेंगे।इसका लाभ शहर के लाखों लोगों को होगा। अहमदाबाद के बाद सूरत गुजरात का दूसरा शहर है, जो मेट्रो जैसे आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ेगा। सूरत में मेट्रो नेटवर्क तो एक प्रकार से पूरे शहर के महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्रों को आपस में कनेक्ट करेगा। एक कॉरिडोर सरथना को ड्रीम सिटी से तो दूसरा कॉरिडोर भेसन को सरोली लाइन से जोड़ेगा। मेट्रो के इन प्रोजेक्ट्स की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये आने वाले वर्षों की जरूरतों का आकलन करते हुए भी बनाए जा रहे हैं। यानि जो आज इन्वेस्टमेंट हो रहा है, उससे हमारे शहरों को आने वाले कई सालों तक बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।पहले की सरकारों की जो अप्रोच थी, हमारी सरकार कैसे काम कर रही है, इसका बेहतरीन उदाहरण, क्या फर्क था, ये बहुत भलीभांति देश में मेट्रो नेटवर्क के  विस्तार से पता चलता है। 2014 से पहले के 10-12 साल में सिर्फ सवा 2 सौ किलोमीटर मेट्रो लाइन ऑपरेशनल हुई थी। वहीं बीते 6 साल में साढ़े 4 सौ किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। इस समय देश के 27 शहरों में 1000 किलोमीटर से ज्यादा के नए मेट्रो नेटवर्क पर काम चल रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब हमारे देश में मेट्रो के निर्माण को लेकर कोई आधुनिक सोच नहीं थी। देश की कोई मेट्रो पॉलिसी भी नहीं थी। नतीजा ये हुआ कि अलग-अलग शहरों में अलग-अलग तरह की मेट्रो, अलग-अलग तकनीक और व्यवस्था वाली मेट्रो बनने लगी। दूसरी दिक्कत ये थी कि शहर के बाकी ट्रांसपोर्ट सिस्टम का मेट्रो के साथ कोई तालमेल ही नहीं था। आज हम शहरों के transportation को एक integrated system के तौर पर विकसित कर रहे हैं। यानी, बस, मेट्रो, रेल सब अपने अपने हिसाब से नहीं दौड़े, बल्कि एक सामूहिक व्यवस्था के तौर पर काम करें। एक दूसरे के पूरक बने। यहां अहमदाबाद मेट्रो में ही जो नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड लॉन्च हुआ था, वो भविष्य में इस इंटीग्रेशन में और मदद करने जा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे शहरों की आज की क्या ज़रूरत है और आने वाले 10-20 सालों में क्या ज़रूरत होगी, इस विजन को लेकर हमने काम शुरु किया। अब जैसे सूरत और गांधीनगर को ही ले लीजिए। दो दशक पहले सूरत की चर्चा इसके विकास से भी ज्यादा प्लेग जैसी महामारी के लिए होती थी। लेकिन सूरतवासियों में सभी को गले लगाने का जो स्वाभाविक गुण है, उसने स्थितियों को बदलना शुरु किया। हमने हर उद्यम को गले लगाने वाली Surat Spirit पर बल दिया। आज सूरत आबादी के लिहाज़ से एक तरफ देश का 8वां बड़ा शहर है, लेकिन दुनिया का चौथा सबसे तेज़ी से विकसित होता शहर भी है।दुनिया के हर 10 हीरों में से 9 सूरत में तरासे जाते हैं। आज देश में कुल Man made Fabric का 40 प्रतिशत और Man made Fiber का करीब 30 प्रतिशत Production हमारे  सूरत में होता है। आज सूरत देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर है। ये सबकुछ एक बेहतर प्लानिंग और संपूर्णता की सोच के साथ संभव हो पाया है। पहले सूरत में करीब 20 प्रतिशत आबादी झुग्गियों में रहती थी, अब गरीबों को पक्के घर मिलने से ये घटकर के 6 प्रतिशत रह गई है। शहर को भीड़भाड़ से मुक्त करने के लिए बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर अनेक दूसरे कदम उठाए। आज सूरत में 100 से ज्यादा पुल हैं, जिनमें से 80 से ज्यादा बीते 20 सालों में बनाए गए हैं और 8 पुलों का निर्माण जारी भी है। इसी तरह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स इसकी भी कैपेसिटी बढ़ाई गई। आज सूरत में करीब एक दर्जन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स हैं। सीवेज ट्रीटमेंट से ही सूरत को आज करीब 100 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हो रही है। बीते सालों में सूरत में बेहतरीन आधुनिक अस्पतालों का निर्माण किया गया।इन सभी प्रयासों से सूरत में Ease of Living बेहतर हुई। आज हम देखते हैं कि सूरत एक भारत श्रेष्ठ भारत का कितना बेहतर उदाहरण है। यहां हमें पूर्वांचल, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, नॉर्थ ईस्ट, देश के कोने-कोने से अपना भाग्य चमकाने के लिए आए हुए लोग हमारे उद्यमी लोग, शिष्ट और समर्पण से लगे हुए लोग एक प्रकार से जीता जागता सपनों से भरा हुआ लघु भारत सूरत की धरती पर पनपा है। ये सभी साथी मिलकर सूरत के विकास को नई बुलंदी देने के लिए काम कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि इसी तरह गांधीनगर पहले उसकी पहचान क्या होती थी। ये शहर सरकारी नौकरी करने वालों का, रिटायर्ड लोगों का एक प्रकार से ढीला-ढाला सिस्टम ऐसा एक क्षेत्र बन गया था उसको शहरी नहीं कह सकते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में हमने गांधीनगर की इस छवि को तेजी से बदलते हुए देखा है। अब जहां कहीं भी जाएँगे, गांधीनगर में आपको युवा दिखेंगे, नौजवान दिखेंगे। सपनों का अंबार दिखेगा। आज गांधीनगर की पहचान है- IIT गांधीनगर, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, National Forensic Science University, रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी, निप। आज गांधीनगर की पहचान है-  Pandit Deendayal Petroleum University, Indian Institute of Teacher Education, Dhirubhai Ambani Institute of Information and Communication Technology, National Institute of Design, बाइसेक्ट। अनगिनत, अनगिनत मैं कह सकता हूं। इतने कम समय में भारत का भाग्य गढ़ने वाले लोगों का गणना निर्माण कार्य गांधीनगर की धरती पर हो रहा है। इन संस्थानों से केवल शिक्षा के क्षेत्र में ही परिवर्तन नहीं आया बल्कि इन संस्थानों के साथ साथ कंपनियों के कैम्पस भी यहाँ आना शुरू हुए, गांधीनगर में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े। इसी तरह, गांधीनगर में महात्मा मंदिर conference tourism को भी बढ़ा रहा है। अब professionals, diplomats, thinkers और leaders यहाँ आते हैं, कॉन्फ्रेंस करते हैं। इससे शहर को एक नई पहचान भी मिली है औऱ एक नयी दिशा भी मिली है। आज गांधी नगर के शिक्षा संस्थानों, आधुनिक रेलवे स्टेशन, गिफ्ट सिटी, ऐसे प्रोजेक्ट्स इंफ्रा के अनेक आधुनिक प्रोजेक्ट्स, ने गांधीनगर को जीवंत कर दिया है। एक प्रकार से स्वप्निल शहर बना दिया है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गांधीनगर के साथ ही अहमदाबाद में ही ऐसी अनेकों परियोजनाएं हैं जो आज शहर की पहचान बन चुकी हैं। साबरमती रिवर फ्रंट हो, कांकरिया लेक-फ्रंट हो, वाटर एरोड्रम हो, बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम हो, मोटेरा में विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम हो, सरखेज का छह लेन – गांधीनगर हाईवे हो, अनेकों अनेक प्रोजेक्ट बीते वर्षों में बने हैं। एक प्रकार से अहमदाबाद की पौराणिकता को बनाए रखते हुए, शहर को आधुनिकता का आवरण पहनाया जा रहा है। अहमदाबाद को भारत का पहला “World Heritage City” घोषित किया गया है। अब अहमदाबाद के पास धोलेरा में नया एयरपोर्ट भी बनने वाला है। इस एयरपोर्ट को अहमदाबाद से कनेक्ट करने के लिए अहमदाबाद-धोलेरा मोनोरेल को भी हाल में स्वीकृति दी जा चुकी है। इसी तरह अहमदाबाद और सूरत को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन पर भी काम प्रगति पर है।

पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के शहरों के साथ-साथ ग्रामीण विकास में भी बीते सालों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। विशेष रूप से गांवों में सड़क, बिजली, पानी की स्थिति में कैसे बीते 2 दशकों में सुधार आया है, वो गुजरात की विकास यात्रा का बहुत अहम अध्याय है। आज गुजरात के हर गांव में All Weather Road कनेक्टिविटी है, जनजातीय क्षेत्रों के गांवों में भी बेहतर सड़कें हैं। हम में से अधिकांश ने वो दौर देखा है जब गुजरात के गांवों तक ट्रेन और टैंकरों से पानी पहुंचाना पड़ता था। आज गुजरात के हर गांव तक पानी पहुंच चुका है। इतना ही नहीं अब करीब 80 प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंच रहा है। जल जीवन मिशन के तहत राज्य में 10 लाख नए पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। बहुत जल्द गुजरात के हर घर तक नल से जल पहुंचने वाला है। सिर्फ पीने का पानी ही नहीं, बल्कि सिंचाई के लिए भी आज गुजरात के उन क्षेत्रों तक पानी पहुंचा है, जहां कभी सिंचाई की सुविधा असंभव मानी जाती थी, सपनें में भी कोई सोचता नहीं था। सरदार सरोवर डैम हो, सौउनी योजना हो, वॉटर ग्रिड्स का नेटवर्क हो, गुजरात के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को हरित करने के लिए बहुत व्यापक काम किया गया है। मां नर्मदा का पानी अब सैकड़ों किलोमीटर दूर कच्छ तक पहुंच रहा है। माइक्रोइरिगेशन के मामले में भी गुजरात देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। गुजरात में कभी बिजली की भी भारी समस्या रहती थी। गांवों में तो और संकट भीषण था। आज गुजरात में पर्याप्त बिजली भी है और सौर ऊर्जा के निर्माण में देश का अग्रणी राज्य भी है। कुछ दिन पहले ही कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूवल एनर्जी, रिन्यूवल एनर्जी के प्लांट के लिए काम शुरू हुआ है। इसमें सोलार भी है विंड भी है। आज किसानों तक सर्वोद्य योजना के तहत सिंचाई के लिए अलग से बिजली देने वाला गुजरात पहला राज्य बन रहा है। आरोग्य के क्षेत्र में गुजरात ने गांव-गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर सशक्त किया है। बीते 6 सालों में देश में स्वास्थ सेवा से जुड़ी योजनाएं शुरू हुई हैं, उनका भी लाभ गुजरात को बहुत व्यापक रूप से मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात के 21 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है। सस्ती दवाइयां देने वाले सवा 5 सौ से ज्यादा जनऔषधि केंद्र आज गुजरात में कार्यरत है। इसमें से लगभग 100 करोड़ रुपए की बचत गुजरात के सामान्य परिवार खासकर के मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्गीय परिवार अगर उनके घर में बीमारी है तो सिर्फ इसके कारण 100 करोड़ रूपये जैसी रकम उनकी जेब में बची है। ग्रामीण गरीबों को सस्ते घर दिलवाने में भी गुजरात तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। पीएम आवास योजना – ग्रामीण के तहत गुजरात के गांवों में ढाई लाख से ज्यादा घर बनाए गए हैं। इसी तरह स्वच्छ भारत मिशन के तहत गुजरात के गांवों में 35 लाख से ज्यादा शौचालय का निर्माण हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब हमारे देश में बरसों तक योजनाएं – परियोजनाएं लटकी रहती थीं, अटकी रहती थीं। लेकिन अब देश उन तौर-तरीकों को पीछे छोड़ चुका है। आज भारत आत्मविश्वास के साथ फैसले ले रहा है, उन पर तेजी से अमल भी कर रहा है। आज भारत सिर्फ बड़ा ही नहीं कर रहा है, बेहतर भी कर रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा भारत में है। आज दुनिया का सबसे बड़ा Affordable Housing Program भारत चला रहा है। आज दुनिया का सबसे बड़ा Healthcare Assurance Program भी भारत में चल रहा है। 6 लाख गांवों को तेज़ इंटरनेट से जोड़ने का विराट काम भी भारत में ही हो रहा है। और परसो ही कोरोना संक्रमण के विरुद्ध दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी भारत में ही शुरू हुआ है। यहां गुजरात में ही बीते दिनों दो ऐसे काम पूरे हुए जिनका मैं विशेष तौर पर जिक्र करना चाहता हूं। ये उदाहरण हैं कि कैसे तेजी से पूरी होती परियोजनाएं, लोगों का जीवन बदल देती हैं। एक, घोघा और हजीरा के बीच रो-पैक्स सेवा और दूसरी- गिरनार रोप वे।

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