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हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, सच्चा विकास दिया, हमारा विश्वास तुष्टिकरण में नहीं, संतुष्टिकरण में है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार, 4 फरवरी को कहा कि हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, बल्कि सच्चा विकास दिया है। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा विश्वास तुष्टिकरण में नहीं, संतुष्टिकरण में है, जिससे कि समाज के हर वर्ग को उनका हक मिल सके।

सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पांच-पांच दशक तक गरीबी हटाओ के नारे सुने हो और अब 25 करोड़ गरीब गरीबी को परास्त करके बाहर निकले हैं। जब गरीबों के लिए जीवन खपाते हैं ना, तब यह होता है। हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, हमने सच्चा विकास दिया है। गरीब का दु:ख सामान्य मानवीय की तकलीफ मिडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझ जाते हैं। इसके लिए एक जज्बा चाहिए और मुझे दुख के साथ कहना है कि कुछ लोगों में यह है ही नहीं।’

उन्होंने कहा कि ‘अब तक गरीबों को 4 करोड़ घर मिले हैं। जिसने उस जिंदगी को जिया है ना उसे समझ होती है कि पक्की छत वाला घर मिलने का मतलब क्या होता है। एक महिला जब खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हो जाती है। तब उसे क्या तकलीफ होती थी, ऐसे लोग समझ नहीं सकते हैं। हमने 12 करोड़़ से ज्यादा शौचालय बनाकर बहनों बेटियों की मुश्किलें दूर की हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कुछ नेताओं का फोकस घरों में जकूजी पर, स्टाइलिश शावर्स पर, लेकिन हमारा फोकस तो हर घर जल पहुंचाने पर है। आजादी के 75 साल के बाद देश में 70-75 प्रतिशत करीब-करीब 16 करोड़ से भी ज्यादा घरों के पास जल का करने के लिए नल का कलेक्शन नहीं था। हमारी सरकार ने 5 साल में 12 करोड़ परिवारों को घरों में नल से जल देने का काम किया है और वह काम तेजी से आगे भी बढ़ रहा है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी। मैं उनका गुस्सा समझ सकता हूं। समस्या की पहचान करना एक बात है लेकिन उसके समाधान के लिए समर्पित भाव से प्रयास करना होता है। हमारा प्रयास समस्या की समाधान का रहता है और हम समर्पित भाव से प्रयास करते हैं।’

सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, उनको मिस्टर क्लीन कहने की एक फैशन हो गई थी। उन्होंने कहा था की दिल्ली से 1 रुपया निकलता है, तो गांव में 15 पैसा पहुंचता है। उस समय तो पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था और उस समय उन्होंने कहा था कि 1 रुपया निकलता है 15 पैसा पहुंचता है। बहुत गजब की हाथ सफाई थी। 15 पैसा किसके पास जाता था यह देश का सामान्य मानवी भी आसानी से समझ सकता है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है बचत भी विकास भी, जनता का पैसा जनता के लिए। हमने जनधन आधार मोबाइल की जेम ट्रिनिटी बनाई और डीबीटी से डायरेक्ट बेनिफिट, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यह देना शुरू किया। हमारे कार्यकाल में हमने 40 लाख करोड़ रूपया सीधा जनता जनार्दन के खाते में जमा किया।’

उन्होंने कहा कि ‘अध्यक्ष महोदय आप जिस समय युवा मोर्चा में काम करते थे, तब एक प्रधानमंत्री आए दिन 21वीं सदी, 21वीं सदी बोला करते थे। एक प्रकार से यह तकिया कलाम जैसा हो गया था। जब इतनी बार बोला जाता था तो उस समय टाइम्स ऑफ इंडिया में आरके लक्ष्मण ने एक बड़ा शानदार कार्टून बनाया था, वह कार्टून बड़ा इंटरेस्टिंग था, उस कार्टून में एक हवाई जहाज है, एक पायलट है, उन्होंने पायलट क्यों पसंद किया वह तो मुझे मालूम नहीं, कुछ पैसेंजर बैठे थे और हवाई जहाज एक ठेले पर रखा हुआ था और मजदूर ठेले को धक्का मार रहे थे और 21वीं सदी लिखा हुआ था। वह कार्टून उस समय तो मजाक लग रहा था, लेकिन आगे चलकर के वह सच सिद्ध हो गया।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ‘यह कटाक्ष था जमीनी सच्चाई से तब के प्रधानमंत्री कितने कटे हुए थे कि हवा-हवाई बातों में लगे हुए थे। जिन्होंने तब एक 21वीं सदी की बातें की थी, वो 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा कर नहीं पाए थे। आज जब मैं देखता हूं पिछले 10 साल से पहले की सारी बीती हुई बातों को बारीकी से देखने का अवसर मिला है, तो मुझे बड़ा दर्द होता है। हम 40- 50 साल लेट है जो काम 40 50 साल पहले हो जाने चाहिए थे, और इसलिए यह साल जब 2014 से देश की जनता ने हमको सेवा का अवसर दिया।’

उन्होंने कहा कि ‘हमने ज्यादा से ज्यादा युवाओं पर फोकस किया। हमने युवाओं की आकांक्षाओं पर बल दिया, हमने युवाओं के लिए ज्यादा अवसर बनाए, हमने कई क्षेत्रों को खोल दिया और जिसके कारण हम देख रहे हैं, देश के युवा अपने सामर्थ्य का परचम लहरा रहे हैं। देश में हमने स्पेस सेक्टर को खोल दिया, डिफेंस सेक्टर को खोला, सेमीकंडक्टर मिशन लेकर के आए, इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अनेक नई योजनाओं को हमने आकार दिया, स्टार्टअप इंडिया इकोसिस्टम पूरा डेवलप किया और 12 लाख की आय पर इनकम टैक्स की माफी यह समाचार इतना बड़ा बन गया कि बहुत से महत्वपूर्ण चीजों पर अभी भी कुछ लोगों का ध्यान नहीं गया है। वह महत्वपूर्ण निर्णय हुआ है हमने न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर को ओपन कर दिया है और इसके दूरगामी सकारात्मक प्रभाव और परिणाम देश को देखने के लिए मिलने वाले हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘कुछ लोगों के लिए एआई शब्द फैशन में है, लेकिन मेरे लिए सिंगल एआई नहीं है, डबल एआई है, भारत की डबल ताकत है, एक एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दूसरा एआई एस्पिरेशनल इंडिया। हमने स्कूलों में 10000 टिंकरिंग लैब्स शुरू किए और आज उन टिंकरिंग लैब्स से निकले बच्चे रोबोटिक्स बनाकर के लोगों को चकित कर रहे हैं और इस बजट में 50000 नए टिंकरिंग लैब्स, उसका प्रावधान किया गया है। भारत वह देश है जिसके इंडिया एआई मिशन को लेकर के पूरी दुनिया बहुत आशावादी है और विश्व के एआई प्लेटफॉर्म में भारत की मौजूदगी एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर चुकी है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हम संविधान की भावना को लेकर के चलते हैं। हम जहर की राजनीति नहीं करते। हम देश की एकता को सर्वोपरि रखते हैं और इसलिए सरदार वल्‍लभभाई पटेल का दुनिया का सबसे ऊंचा स्‍टेच्‍यू बनाते हैं और स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी देश को जोड़ने का जिस महापुरुष ने काम किया, उसका हम स्मरण करते हैं और वो भाजपा के नहीं थे, वो जनसंघ के नहीं थे। हम संविधान को जीते हैं, इसलिए इस सोच से आगे बढ़ते हैं।’

उन्होंने कहा कि ‘ये देश का दुर्भाग्य है कि आजकल कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा खुलेआम बोल रहे हैं और अर्बन नक्सल जिन बातों को बोलते हैं, Indian State के सामने मोर्चा लेना, ये अर्बन नक्सल की भाषा बोलने वाले, Indian State के खिलाफ लड़ाई की घोषणा करने वाले न संविधान को समझ सकते हैं, न देश की एकता को समझ सकते हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमारा संविधान हमें भेदभाव करने का अधिकार नहीं देता है। जो लोग संविधान को जेब में लेकर के जीते हैं, उनको पता नहीं है कि आपने मुस्लिम महिलाओं को कैसी मुसीबतों में जीने के लिए मजबूर कर दिया था। हमने ट्रिपल तलाक का खात्मा कर-कर के संविधान की भावना के अनुरूप मुस्लिम बेटियों को हक देने का काम किया है, समानता का अधिकार दिया है।’

गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘हर सेक्टर में एससी, एसटी, ओबीसी को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उस दिशा में हमने बहुत मजबूती के साथ काम किया है। मैं आज इस सदन के माध्यम से देशवासियों को उनके सामने एक अहम सवाल रखना चाहता हूं। कोई मुझे बताए, क्या एक ही समय में संसद में एससी वर्ग के, एक ही परिवार के तीन सांसद कभी हुए हैं क्या? एससी वर्ग के, एक ही परिवार के तीन सांसद कभी भी हुए क्या? मैं दूसरा सवाल पूछता हूं, कोई मुझे बताएं कि एक ही कालखंड में, एक ही समय में, संसद में एसटी वर्ग के एक ही परिवार के तीन एमपी हुए हैं क्या?’ फिलहाल गांधी परिवार से सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी तीनों एक ही समय में सांसद हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हम हर योजना के पीछे लगे हैं। शत-प्रतिशत उसको लागू करें। उसके जो भी लाभार्थी हैं वो उसमें छूट न जाए। उस दिशा में हम काम कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि जिसका हक है उसको मिलना चाहिए, अगर योजना है उसका हक है तो उस तक पहुंचना चाहिए, 1रुपया 15 पैसे वाला खेल नहीं चल सकता। लेकिन कुछ लोगों ने मॉडल ही ऐसा बनाया कि कुछ ही लोगों को दो औरों को तड़पाओं और तुष्टिकरण की राजनीति करो। हमने रास्ता चुना है संतुष्टीकरण, तुष्टिकरण नहीं संतुष्टीकरण का, और उस रास्ते पर हम चले हैं।’

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रपति जी के भाषण की चर्चा के समय यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई और कुछ लोगों को लगता है जब तक फॉरेन पॉलिसी नहीं बोलते तब तक वो मेच्योर नहीं लगते, इसलिए उनको लगता है फॉरेन पॉलिसी तो बोलना चाहिए फिर भले ही देश का नुकसान हो जाए। मैं ऐसे लोगों को जरा कहना चाहता हूं, अगर उन्हें सच में फॉरेन पॉलिसी सब्जेक्ट में रुचि है और फॉरेन पॉलिसी को समझना है और आगे जाकर के कुछ करना भी है, तो मैं ऐसे लोगों को कहूंगा एक किताब जरूर पढ़ें, हो सकता है उनको बहुत फिर कहां क्या बोलना है उतनी समझ हो जाएगी, वह किताब का नाम है JFK’s forgotten crisis JF कैनेडी की बात है।’

उन्होंने कहा कि ‘JFK’s forgotten crisis नाम की किताब है। यह किताब एक प्रसिद्ध फॉरेन पॉलिसी स्कॉलर ने लिखी है और उसमें महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र है। इस किताब में भारत के पहले प्रधानमंत्री और वो विदेश नीति को भी नेतृत्व करते थे। इस किताब में पंडित नेहरू और अमेरिका के तब के राष्ट्रपति जॉन एफ केन के बीच हुई चर्चाओं और निर्णय का भी विस्तार से वर्णन है। जब देश ढेर सारी चुनौतियों का सामना कर रहा था। तब विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था, उस किताब के माध्यम से अब सामने आ रहा है और इसलिए अब मैं कहूंगा की जरा यह किताब पढ़िए।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए देश आगे बढ़ रहा है और बड़े आत्‍मविश्‍वास के साथ आगे बढ़ रहा है। विकसित भारत का सपना, यह कोई सरकारी सपना नहीं होता है। वो 140 करोड़ देशवासियों का सपना है और इस सपने को अब सबने जितनी ऊर्जा दे सकते हैं, देने का प्रयास करना है और भारत के पास तो सामर्थ्य अपार है। हमारे पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, डिमांड है, हम क्यों नहीं कर सकते? इस विश्वास के साथ हमें आगे बढ़ना है और हम भी 2047, जब देश आजाद होगा तब आजादी के 100 साल होंगे जब तब हम विकसित भारत बनकर रहेंगे, यह सपने लेकर के चल रहे हैं।’

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