प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने मिडिल क्लास को एक बड़ा तोहफा दिया है। इनकम टैक्स के मोर्चे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को खुश कर दिया है। केंद्रीय बजट में आज 01 फरवरी, 2025 को आयकर दाताओं को एक बड़ी सौगात देते हुए उन्होंने इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने की घोषणा की है।
वित्त मंत्री की घोषणा के बाद अब हर महीने 1 लाख रुपये की सैलरी पाने वाले लोगों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इससे आयकर दाताओं को भारी बचत होगी और वे पहले से ज्यादा पैसा बचा पाएंगे। इस पैसे को वे अन्य कार्यों या बाजार में खर्च पाएंगे। जिससे बाजार में बूस्ट आने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव का एलान किया। न्यू टैक्स रिजीम में आयकर दाताओं को फायदा देते हुए उन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया है। उसमें नौकरीपेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दी गई है। इससे उन्हें 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
मोदी सरकार की इस बजट ने मिडिल क्लास की मन मांगी मुराद पूरी कर दी है। खजाने में 1 लाख करोड़ रुपये की कमी आने की परवाह न करते हुए वित्तमंत्री में इनकम टैक्स देने वाले देश के एक बड़े हिस्से को बड़ी राहत दी है। करदाताओं को खुशखबरी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि “नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर देय नहीं होगा। 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण वेतनभोगी आयकरदाताओं के लिए सीमा 12.75 लाख रुपये की होगी।”
📢 Big relief to the middle class, No tax on income of up to Rs 12 lakh
💠Slabs and rates being changed across the board to benefit all tax-payers
💠New structure to substantially reduce taxes of the middle class and leave more money in their hands, boosting household… pic.twitter.com/cxR97eQOf5
— PIB India (@PIB_India) February 1, 2025
निर्मला सीतारमण की घोषणा से नौकरीपेशा लोगों की बल्ले-बल्ले हो गई है। पहले उन्हें 7 लाख की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होता था। अब 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। इनकम टैक्स के इतिहास में सबसे बड़ी राहत देते हुए मोदी सरकार ने पूरा टैक्स स्लैब ही बदल दिया है। उन्होंने कहा कि स्लैब दरों में कटौती के कारण मिलने वाले लाभों के अलावा कर में छूट इस ढंग से प्रदान की जा रही है कि उनके द्वारा कर का कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
श्रीमती सीतारमण ने कहा, “नई कर संरचना मध्यम वर्ग के लिए व्यापक रूप से करों के बोझ को कम करेगी और उनके हाथों में ज्यादा धन उपलब्ध कराएगी, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।” नई कर व्यवस्था के तहत, वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब का जो प्रस्ताव दिया है वो इस तरह से है-
4 लाख रुपये तक: 0% टैक्स
4 लाख से 8 लाख रुपये तक: 5% टैक्स
8 लाख से 12 लाख रुपये तक: 10% टैक्स
12 लाख से 16 लाख रुपये तक: 15% टैक्स
16 लाख से 20 लाख रुपये तक: 20% टैक्स
20 लाख से 24 लाख रुपये से तक: 25% टैक्स
24 लाख से ऊपर: 30% टैक्स
यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 0-4 लाख रुपये की आय पर टैक्स शून्य होगा। वहीं, 4-8 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 8-12 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत, 12-16 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत, 16-20 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत, 20-24 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत और 24 लाख से अधिक की आय पर टैक्स की दर 30 प्रतिशत होगी।
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बजट में वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए टीडीसी की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की घोषणा की है।