Home समाचार बोफोर्स ‘दलाली’ में राजीव गांधी की ‘डील’ पर उठे सवाल

बोफोर्स ‘दलाली’ में राजीव गांधी की ‘डील’ पर उठे सवाल

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बोफोर्स सौदे में ‘दलाली’ का मामला एक बार फिर गरम हो गया है। रिपब्लिक टीवी की इन्वेस्टिगेटिव स्टोरी में स्वीडन के पूर्व चीफ इन्वेस्टिगेटर ने तीन दावे किए हैं।
पहला- ”राजीव गांधी बोफोर्स डील में गैरकानूनी तरीके से हो रहे पेमेंट्स के बारे में जानते थे।”
दूसरा- ”राजीव गांधी ने स्वीडिश पीएम से एक फ्लाइट में पेमेंट्स के बारे में चर्चा की थी।”
तीसरा- ”राजीव चाहते थे कि बोफोर्स डील के बदले स्वीडिश पीएम भी फंड्स रिसीव करें।”

इन्वेस्टीगेटर दलाली की रकम 64 करोड़ से कहीं ज्यादा होने का भी दावा किया। दरअसल आर्मी के लिए 400 तोपें खरीदने की यह डील 1986 में हुई थी। इसमें इटली के कारोबारी ओत्तावियो क्वात्रोची को बड़ी दलाली दी गई थी। हालांकि कांग्रेस ने हमेशा भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भूमिका से मना किया है। CBI जांच के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 2004 में राजीव गांधी को क्लीन चिट भी दे दी थी। लेकिन ताजा खुलासे से एक बार फिर राजनीति गरमा गई है और राजीव गांधी की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

रिपब्लिक टीवी ने पूर्व चीफ इन्वेस्टिगेटर से बातचीत के टेप रिलीज किए हैं। ये इन्वेस्टिगेटर हैं स्टेन लिंडस्टॉर्म। दरअसल लिंडस्टॉर्म स्वीडन इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के चीफ थे और बोफोर्स घोटाले में चीफ इन्वेस्टिगेटर थे। स्वीडिश रेडियो ने तब स्टेन का इंटरव्यू किया था। स्टेन के पास 350 डॉक्युमेंट्स थे। इनमें बैंक्स को दलाली के पेमेंट के इंस्ट्रक्शंस, हैंडरिटन नोट्स, मिनिट्स ऑफ मीटिंग्स और बोफोर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर मार्टिन अर्ब्डो की डायरी शामिल थी।

इस इन्वेस्टिगेटिव स्टोरी में जर्नलिस्ट चित्रा सुब्रमण्यम से बातचीत के बाद हुए खुलासे से सियासी हड़कंप मच गया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सवाल उठाए हैं कि क्या यह संभव है कि राजीव गांधी केवल एक आवाज थे और इसके पीछे सोनिया गांधी का दिमाग था?

रिपब्लिक टीवी के खुलासे के बाद ट्विटर पर भी कांग्रेस पार्टी से इस मसले पर सफाई मांगी जाने लगी। लेकिन कांग्रेस की तरफ से कोई सामने नहीं आया। बहरहाल हम आपको दिखाते हैं ट्विटर की कुछ प्रतिक्रियाएं।

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