ऑल्ट न्यूज (AltNews) का सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर जो अब हेट स्पीच और दुश्मनी फैलाने के मामले में दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा है, दरअसल वह हिंदुओं की खिलाफत करने वाले उसी वामपंथी इकोसिस्टम का हिस्सा है, जिसे इंडीपेंडेन्ट पब्लिक स्पीरिटेड मीडिया फाउंडेशन (आईपीएसएमएफ) से फंडिंग मिलती है। वामपंथी गिरोह का मोहम्मद जुबैर तो एक प्यादा ही है। असल में आईपीएसएमएफ सिर्फ ऑल्ट न्यूज को ही नहीं, बल्कि द वायर, द कारवां, द प्रिंट, आर्टिकल 14 और बरखा दत्त की मोजो स्टोरी जैसे कई मीडिया प्लेटफार्म को फंडिंग करता है, ये सब मोदी सरकार के खिलाफ झूठा प्रोपेगेंडा करते हैं। इस झूठ को इंटरनेट और फंडिंग की ताकत से दुनियाभर में फैलाते हैं। हैरानी की बात यह है कि इस लिबरल और वामपंथी इकोसिस्टम का हिस्सा बिल गेट्स से लेकर अजीम प्रेमजी जैसे कई बड़े नामों पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं !?
IPSMF असल में मोदी सरकार के खिलाफ झूठ गढ़ रहे वामपंथी इको सिस्टम का हिस्सा
इंडीपेंडेन्ट पब्लिक स्पीरिटेड मीडिया फाउंडेशन (IPSMF) दिखाने भर को स्वतंत्र, जन उपयोगी पत्रकारिता की मददगार है। असल में यह सिर्फ मोदी सरकार के खिलाफ खबरों से झूठ गढ़ रहे वामपंथी इको सिस्टम का हिस्सा है। बताते हैं कि इस समूह का नेतृत्व अजीम प्रेमजी कर रहे हैं और रोहिणी नीलेकणी इस एनजीओ में एक बड़ी भूमिका निभा रही हैं। कुछ साल पहले अजीम प्रेमजी गिविंग प्लेज (Donors pledge) पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय एलीट (elite or upmost) बने, यह अभियान बिल और मेलिंडा गेट्स द्वारा शुरू किया गया ! इसीलिए जब फेक न्यूज़ फैलाने और हिन्दू विरोधी खबरों के लिए कुख्यात मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के बाद लिबरल और वामपंथी गिरोह उसके बचाव में उतरा तो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। जुबैर की गिरफ़्तारी पर कॉन्ग्रेस से लेकर राना अय्यूब तक और राजदीप से लेकर कविता कृष्णन तक गिरोह के कई लोगों ने बेवजह अपनी छाती पीटी।
सुपर एक्सक्लूसिव और बेहद महत्वपूर्ण थ्रेड
डिकोडिंग IPSMF और इसके पीछे का चेहरा !
1. हाल ही में प्रोपेगेंडा फ़ैक्ट-चेकर जुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और लोग यह देखकर हैरान हैं कि उसे यूएन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से समर्थन मिल रहा है!
इस thread को पढ़ें ?— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
नगालैंड के ट्वीटर हैंडल @PROUD_INDIAN ने IPSMF की बखूबी खोली पोल
IPSMF की पोल को नगालैंड के @PROUD_INDIAN नाम के ट्वीटर हैंडल ने बखूबी खोल कर रख दी है। अपने 25 थ्रेड में @GORKHA_SANDEEP ने बताया है कि कैसे मोदी सरकार विरोधी और हिंदुओं के खिलाफ कंटेंट गढ़ने के लिए IPSMF इन मीडिया प्लेटफार्म की वित्तीय सहायता करता है। दरअसल, केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद 2015 में एक NGO The Bridgespan Group भारत आया था। Bridgespan group को बिल गेट्स, फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और कई अन्य अमेरिकी गैर सरकारी संगठनों द्वारा भारी पैसा दिया जाता है। यह समूह non-govt संगठनों के लिए एक परामर्श एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है! और भारत में उनके क्लाइंट्स की सूची में अजीम प्रेमजी, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क, द रॉकफेलर फाउंडेशन और टाटा ट्रस्ट जैसे बड़े नाम शामिल हैं !
अजीम प्रेमजी और रोहिणी नीलेकणी ने 2015 में IPSMF नाम से पंजीकृत फाउंडेशन बनाया
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर बताती है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2015 के अंत में अजीम प्रेमजी और रोहिणी नीलेकणी ने 100 करोड़ रुपए के साथ IPSMF नाम से पंजीकृत एक समूह का नेतृत्व किया। परामर्श एजेंसी The Bridgespan Group के साथ रोहिणी नीलेकणी का साक्षात्कार है, जिसमें वह IPSMF के बारे में बता रही हैं कि कैसे उन्होंने एक समूह बनाया है, ताकि सरकार उन्हें पहचान ना सके ! उन्होंने IPSMF के लिए एकीकृत ट्रस्टियों को नियुक्त किया। उनके पहले ट्रस्टी आशीष धवन थे। आशीष धवन सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के संस्थापक हैं, जिसको बिल गेट्स द्वारा पैसा दिया जाता है। अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य भी आशीष धवन ही हैं!
वामपंथी मीडिया पोर्टल ऑल्ट न्यूज़ द्वारा फैलाये जा रहे झूठ और हेट स्पीच पर मौन
यहां हम आपको @GORKHA_SANDEEP की ट्वीटर थ्रेड को जस का तस बताते हैं, ताकि आप जान सकें कि हिंदुओं और मोदी सरकार के खिलाफ वामपंथी गिरोह की लामबंदी कैसे हो रही है? यह कैसे नुपूर शर्मा के खिलाफ और जुबैर मोहम्मद के समर्थन में मनगढ़ंत झूठ के पुलंदे के साथ खड़े हो जाते हैं। और मीडिया पोर्टल ऑल्ट न्यूज़ द्वारा फैलाये जा रहे झूठ और हेट स्पीच पर मौन रह जाते हैं।
@GORKHA_SANDEEP ने सुपर एक्सक्लूसिव और बेहद महत्वपूर्ण थ्रेड डिकोडिंग की है। इसमें IPSMF और इसके पीछे का चेहरा उजागर हुआ है। हाल ही में प्रोपेगेंडा फ़ैक्ट-चेकर जुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और लोग यह देखकर हैरान हैं कि उसे यूएन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से समर्थन मिल रहा है! दरअसल, जुबैर के ऑल्ट न्यूज को IPSMF ही फंडिंग करता है।
2. जैसा कि आप में से बहुत से लोग जानते हैं कि, द वायर, द कारवां, आर्टिकल 14, बरखा दत्त की मोजो स्टोरी, जुबैर की ऑल्ट न्यूज़ और प्रतीक सिन्हा सहित कई अन्य डिजिटल वामपंथी प्रचार मीडिया कार्टेल, एक एनजीओ IPSMF से डोनेशन लेते हैं। pic.twitter.com/zeJHZZaTgH
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IPSMF केवल ऑल्ट न्यूज को ही नहीं, जैसा आपमें से बहुत से लोग जानते हैं कि, द वायर, द कारवां, द प्रिंट, आर्टिकल 14, बरखा दत्त की मोजो स्टोरी और प्रतीक सिन्हा सहित कई अन्य डिजिटल वामपंथी प्रचार मीडिया कार्टेल, इस एनजीओ IPSMF से डोनेशन लेते हैं।
यह बहुत चालाकी से बेहद कम right wing वालों को भी डोनेट करते हैं, ताकि वे उस आधार पर अपनी तटस्थता (neutrality) का दावा कर सकें! लेकिन अन्य सभी मीडिया प्लेटफॉर्म हिंदू विरोधी और कुछ मामलों में भारत विरोधी हैं।
4. यहाँ IPSMF के दाताओं (Donors) की सूची है। इस समूह का नेतृत्व अजीम प्रेमजी कर रहे हैं, और रोहिणी नीलेकणी इस एनजीओ में एक बड़ी भूमिका निभा रही हैं! pic.twitter.com/VvYmdSBw3t
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यहाँ IPSMF के दाताओं (Donors) की सूची है। इस समूह का नेतृत्व अजीम प्रेमजी कर रहे हैं, और रोहिणी नीलेकणी इस एनजीओ में एक बड़ी भूमिका निभा रही हैं! 2013 में, अजीम प्रेमजी उस गिविंग प्लेज (Donors pledge) पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय एलीट (elite or upmost) बन गए, जो अभियान बिल गेट्स और मेलिंडा गेट्स द्वारा शुरू किया गया था !
6. 2015 में एक NGO The Bridgespan Group भारत आया था।
Bridgespan group को बिल गेट्स, फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और कई अन्य अमेरिकी गैर सरकारी संगठनों द्वारा भारी पैसा दिया जाता है।
यह समूह non-govt संगठनों के लिए एक परामर्श एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है! pic.twitter.com/Fy4l1fw1jB— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
2015 में एक NGO The Bridgespan Group भारत आया था। Bridgespan group को बिल गेट्स, फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और कई अन्य अमेरिकी गैर सरकारी संगठनों द्वारा भारी पैसा दिया जाता है। यह समूह non-govt संगठनों के लिए एक परामर्श एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है! और भारत में उनकी क्लाइंट लिस्ट में अजीम प्रेमजी, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क, द रॉकफेलर फाउंडेशन और टाटा ट्रस्ट जैसे नाम हैं!
8. 2015 के अंत में, अजीम प्रेमजी और रोहिणी नीलेकणी ने 100 करोड़ रुपए के साथ IPSMF नाम से पंजीकृत एक समूह का नेतृत्व किया! pic.twitter.com/NmExvr4iVg
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2015 के अंत में, अजीम प्रेमजी और रोहिणी नीलेकणी ने 100 करोड़ रुपए के साथ IPSMF नाम से पंजीकृत एक समूह का नेतृत्व किया।
9. यहां परामर्श एजेंसी द ब्रिजस्पैन ग्रुप के साथ रोहिणी नीलेकणी का साक्षात्कार है, जहां वह IPSMF के बारे में बोल रही हैं। उसने कहा कि उन्होंने एक समूह बनाया है, ताकि सरकार उन्हें पहचान ना सके ! उसने यह भी कहा कि उन्होंने IPSMF के लिए एकीकृत ट्रस्टियों को नियुक्त किया है! pic.twitter.com/GIphGXCYuv
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यहां परामर्श एजेंसी द ब्रिजस्पैन ग्रुप के साथ रोहिणी नीलेकणी का साक्षात्कार है, जहां वह IPSMF के बारे में बोल रही हैं। उसने कहा कि उन्होंने एक समूह बनाया है, ताकि सरकार उन्हें पहचान ना सके ! उसने यह भी कहा कि उन्होंने IPSMF के लिए एकीकृत ट्रस्टियों को नियुक्त किया है।
10. चलिए मैं आपको उनके तथाकथित एकीकृत trusties (ट्रस्टी) के बारे में कुछ तथ्य दिखाता हूँ! उनके पहले ट्रस्टी आशीष धवन थे। आशीष धवन सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के संस्थापक हैं जिसे फिर से बिल गेट्स द्वारा पैसा दिया जाता है! जरा राशि तो देखो! pic.twitter.com/vNGCOyDmse
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चलिए मैं आपको उनके तथाकथित एकीकृत trusties (ट्रस्टी) के बारे में कुछ तथ्य दिखाता हूँ! उनके पहले ट्रस्टी आशीष धवन थे। आशीष धवन सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के संस्थापक हैं, जिनको बिल गेट्स द्वारा पैसा दिया जाता है! आश्चर्यजनक रूप से इन्हें 2018 में 27 करोड़ से ज्यादा की वित्तीय मदद मिली! यही आशीष धवन, अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य भी हैं! भागीदारों की सूची देखें! बिल गेट्स, अजीम प्रेमजी, ओमिडयार, रोहिणी नीलेकणी और ऑक्सफैम जैसे फिर से वही नाम! यह विभाग बिल गेट्स, रोहिणी नीलेकणी और ओमिडयार द्वारा दिए गए पैसे से चलता है।
12. अन्य दो ट्रस्टी सी बी भावे हैं जो इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स (आईआईएचएस) के अध्यक्ष हैं, और रुक्मिणी बनर्जी जो प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सीईओ हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके दोनों एनजीओ बिल गेट्स द्वारा दिए गए पैसे से चलते हैं! pic.twitter.com/zGH21pbvGP
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अन्य दो ट्रस्टी सी बी भावे हैं जो इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स (आईआईएचएस) के अध्यक्ष हैं, और रुक्मिणी बनर्जी जो प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सीईओ हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके दोनों एनजीओ बिल गेट्स द्वारा दिए गए पैसे से चलते हैं।
13. आइए, रोहिणी नीलेकणि पर वापस आते हैं, जो IPSMF के प्रमुख संस्थापकों में से एक हैं। वह एक एनजीओ EK STEP फाउंडेशन की सह-संस्थापक हैं! आगे आते हुए इसने बिल गेट्स के साथ भी गठजोड़ किया है! pic.twitter.com/WpHFpUI0FY
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आइए, रोहिणी नीलेकणि पर वापस आते हैं, जो IPSMF के प्रमुख संस्थापकों में से एक हैं। वह एक एनजीओ EK STEP फाउंडेशन की सह-संस्थापक हैं! आगे आते हुए इसने बिल गेट्स के साथ भी गठजोड़ किया है। एक साक्षात्कार में, रोहिणी नीलेकणी ने कहा कि वह जॉर्ज सोरोस, बिल गेट्स और फोर्ड फाउंडेशन के काम की प्रशंसा करती हैं!
14. एक साक्षात्कार में, रोहिणी नीलेकणी ने कहा कि वह जॉर्ज सोरोस, बिल गेट्स और फोर्ड फाउंडेशन के काम की प्रशंसा करती हैं! pic.twitter.com/A25P5NQrZJ
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15. इस लेख को पढ़ें जो IPSMF की निवेश सलाहकार लक्ष्मी चौधरी द्वारा लिखा गया है, वह IPSMF, बिल गेट्स फाउंडेशन और ओमिडयार समूह के बीच एक बैठक के बारे में बात कर रही है! फिर भी, क्या किसी को संदेह है कि IPSMF वास्तव में बिल गेट्स और अन्य अमेरिकी non-gov संगठनों द्वारा चलाया जाता है? pic.twitter.com/mnDzHAOn7e
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IPSMF की निवेश सलाहकार लक्ष्मी चौधरी द्वारा एक लेख लिखा गया है, वह IPSMF, बिल गेट्स फाउंडेशन और ओमिडयार समूह के बीच एक बैठक के बारे में बात कर रही हैं! फिर भी, क्या किसी को संदेह है कि IPSMF वास्तव में बिल गेट्स और अन्य अमेरिकी non-gov संगठनों द्वारा चलाया जाता है?
17. अब मैं आपको बिल गेट्स की कुछ अन्य फंडिंग दिखाता हूँ! अल जज़ीरा और एनडीटीवी दो नाम जिन्हें हर भारतीय अच्छी तरह जानता है। आप उन्हें हमेशा IPSMF से पैसा लेते हुए पाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों को बिल गेट्स से भी पैसा मिला है! pic.twitter.com/TXTIs3wQLe
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अब मैं आपको बिल गेट्स की कुछ अन्य फंडिंग दिखाता हूँ! अल जज़ीरा और NDTV दो नाम जिन्हें हर भारतीय अच्छी तरह जानता है। आप उन्हें हमेशा IPSMF से पैसा लेते हुए पाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों को बिल गेट्स से भी पैसा मिला है!
18. राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को भी बिल गेट्स से करोड़ों मिले हैं! pic.twitter.com/exmcLUgjtb
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राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को भी बिल गेट्स से करोड़ों मिले हैं। यह कुछ भारतीय elite वर्ग के साथ अंतरराष्ट्रीय elite वर्ग का एक शक्तिशाली चक्र है! एक तरफ वे पूरे वामपंथी पारिस्थितिकी तंत्र को वित्तपोषित (पैसा) देते हैं और दूसरी ओर, वे अर्थव्यवस्था और डिजिटल शासन की रीढ़ हैं।
21. हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बिल गेट्स ने इतने सारे अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स को भी पैसा (वित्त पोषित) दिया है! फ़ैक्ट-चेकिंग उद्योग सहित इन सभी मीडिया समूहों का एक जाल है!
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ये सभी लोग कई परियोजनाओं पर नीति आयोग और राज्य सरकारों के साथ काम करते हैं! वे जीएसटी और आयकर वेबसाइटों के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था चलाते हैं। हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बिल गेट्स ने इतने सारे अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स को भी पैसा (वित्त पोषित) दिया है! फ़ैक्ट-चेकिंग उद्योग सहित इन सभी मीडिया समूहों का एक जाल है!
22. पूरे वामपंथी समूह को इन लोगों का समर्थन मिलता है और यही कारण है कि जब हमारी सरकार उनकी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई करती है तो उन्हें संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन से समर्थन मिलता है!
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पूरे वामपंथी समूह को इन लोगों का समर्थन मिलता है और यही कारण है कि जब हमारी सरकार उनकी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई करती है तो उन्हें संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन से समर्थन मिलता है। The Caravan (कारवां ) को IPSMF से पैसा (वित्त पोषित) मिलता है ! और इस तरह वे हिंदुओं को निशाना (target) बनाते हैं।
25. वित्तीय जाल (Financial trap) के बारे में समझने के लिए सभी को यह वीडियो देखना चाहिए!https://t.co/faO3mYiWCU
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एक और दिलचस्प तथ्य: बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और फोर्ड फाउंडेशन भारत में बिना FCRA लाइसेंस के काम कर रहे हैं !
Super Exclusive and Extremely Important Thread
Decoding IPSMF and faces behind it!
1. Recently propaganda fact-checker Zubair was arrested by Delhi Police and people are shocked to see that he gates support from the UN and other international organizations!
Read this thread?
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) July 4, 2022