कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के खतरे का अनुमान लगाते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को बड़ा एलान किया। रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बड़ी कटौती करने का फैसला किया है, जिससे रेपो रेट घटकर 4.4 फीसदी रह गया है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में बी एक प्रतिशत की कटौती की है।
?RBI cuts Repo Rate by 75 basis points to 4.4% |
➡️Reverse Repo Rate by 90 basis points to 4% |
?CRR of all banks to be reduced by 100 basis points to 3%
?These measures will inject liquidity of Rs 3.74 lakh crore to the system.#IndiaFightsCorona
— PIB India ?? #StayHome #StaySafe (@PIB_India) March 27, 2020
समय से पहले हुई समीक्षा बैठक
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताय कि कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था के खतरे को देखते हुए मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने समय से पहले ही समीक्षा बैठक की। इस बैठक में 4 सदस्य बड़ी कटौती के पक्ष में थे, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
Governor’s address to media https://t.co/vsfV13L0UK
— ReserveBankOfIndia (@RBI) March 27, 2020
पीएम मोदी बोले आरबीआई ने उठाया बड़ा कदम
कोरोना वायारस से उपजे हालात के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाने के लिए आज आरबीआई ने बड़े कदम उठाए हैं। घोषणाओं से तरलता में सुधार होगा, मध्यम वर्ग और व्यवसायों को मदद मिलेगी।’
Today @RBI has taken giant steps to safeguard our economy from the impact of the Coronavirus. The announcements will improve liquidity, reduce cost of funds, help middle class and businesses. https://t.co/pgYOUBQtNl
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
पहले भी आरबीआई कर चुका है कटौती
इसके पहले भी आरबीआई 5 बार दरों में कटौती कर चुकी है। आरबीआई से दी गई राहत के बाद कर्ज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है। इन तमाम उपायों से अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ने का अनुमान है।
कोरोना संक्रमण पर निर्भर करेगी आर्थिक वृद्धि दर और मुद्रास्फीति
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण अनिश्चितता की स्थिति है, इसलिए आर्थिक वृद्धि दर तथा मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान से बचा गया है। उन्होंने कहा कि इनका अनुमान इस पर निर्भर होगा कि आने वाले समय में कोरोना वायरस का संक्रमण कैसा रहता है।
आइए आसाना शब्दों में समझते हैं कि आरबीआई द्वारा हुई बैठक में क्या मह्तवपूर्ण फैासले लिए गए –
– आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती कर दी है और रेपो रेट 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दिया।
– अब सस्ती दरों पर कर्ज मिल सकेगा और बैंकों के पास इसका फायदा अपने ग्राहकों को देने का मौका रहेगा, साथ ही ईएमआई भी सस्ती होने का अनुमान है।
– आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट भी 0.90 फीसदी घटाकर 4 फीसदी किया है, ये वो दर है जिस पर आरबीआई शॉर्ट टर्म के लिए बैंकों से कर्ज लेता है और इसके जरिए आरबीआई ने सिस्टम में लिक्विडिटी बनाए रखने की कोशिश की है।
– आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो में 1 फीसदी की कटौती की है, इससे बैंकों के पास 1.37 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम रहेगी।
– बैंकों और एनबीएफसी को तीन महीने का ऋण स्थगित किया गया है, इसके तहत उन्हें कर्ज और ब्याज अदा करने में 3 महीने की छूट दी गई है।
– आरबीआई ने बैंकों, एनबीएफसी को सलाह दी है कि वो अपने ग्राहकों से लोन की ईएमआई तीन महीनों के लिए लेना टाल दें जिससे ग्राहकों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
– आरबीआई ने बैंकों के लिए भी लोन-रीपेमेंट नियमों में ढील दी है।
– आरबीआई ने बताया कि मार्जिन स्टेंडिंग फैसिलिटी कैप 2 फीसदी से बढ़कर 3 फीसदी की गई है और नेट फंडिंग रेश्यो नियम को 6 महीने के लिए टाला जा रहा है, जिससे बैंकों के एनपीए इस मुश्किल समय में नहीं बढ़ेंगे।
– आरबीआई गवर्नर के अनुसार सिस्टम में पिछली एमपीसी बैठक से लेकर अबतक 2.8 लाख करोड़ रुपए डाले गए हैं। ये फैसले लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए किए गए हैं।
– आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत है लिहाजा बैंकों के ग्राहकों को चिंतित होने की कोई जरुरत नहीं है।