जब गुरु महाझूठा हो तो भला चेले उससे पीछे क्यों रहते। इस समय गुरु केजरीवाल और चेलों के बीच झूठ बोलने को लेकर प्रतियोगिता चल रही है। अब केजरीवाल के चेले झूठ बोलने में उससे आगे निकलते नजर आ रहे हैं। लेकिन इस प्रतियोगिता में गुरु और चेले दोनों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जहां ‘ऑपरेशन शीशमहल’ ने केजरवील के महाझूठ से पर्दा हटा दिया है, वहीं उसके चेले गुजरात में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी की भी परेशानी बढ़ने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के बारे में महाझूठ बोलने के आरोप में इसुदान गढ़वी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
दरअसल इसुदान गढ़वी ने 28 अप्रैल,2023 को एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को लेकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की। गढ़वी ने अपने ट्वीट में दावा किया, “‘मन की बात’ के एक एपिसोड की कीमत 8.3 करोड़ रुपये है! इसका मतलब है कि केंद्र ने अब तक 100 एपिसोड पर करदाताओं के 830 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह बहुत ज्यादा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं को अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए, क्योंकि ज्यादातर वे ही इस कार्यक्रम को सुनते हैं।” गढ़वी के इस दावे पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा है। आरोप लगाकर माफी मांगने के लिए मशहूर गुरु का चेला गढ़वी खुद को फंसता हुआ देखकर ट्वीट को डिलीट कर दिया।
‘मन की बात’ के खर्च पर ट्वीट कर फंसे गुजरात AAP नेता इसुदान गढ़वी, अहमदाबाद में FIR दर्ज़
◆ उन्होंने ट्वीट किया, “एक एपिसोड का खर्च 8.3 करोड़ है तो 100 एपिसोड पर 830 करोड़ रुपए खर्च किए”
Isudan Gadhvi | #IsudanGadhvi pic.twitter.com/opcrvU5gYU
— News24 (@news24tvchannel) May 1, 2023
अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक व्यक्ति से मिली शिकायत के बाद इसुदान गढ़वी के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस के मुताबिक गढ़वी ने बिना किसी प्रासंगिक डाटा के यह दावा किया था, जिसके बाद शनिवार (29 अप्रैल, 2023) को साइबर अपराध शाखा ने गढ़वी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम से संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस ने कहा कि इस मामले में सबूत इकट्ठा किया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इसुदान गढ़वी के महाझूठ की पोल जल्दी खुल गई। पीआईबी ने फैक्ट चेक करते हुए रविवार को गढ़वी के दावे की हवा निकाल दी। गढ़वी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट टैग करते हुए पीआईबी ने इसे भ्रामक करार दिया। पीआईबी ने ट्वीट किया, “यह दावा भ्रामक है। मन की बात के विज्ञापनों का अब तक का कुल आंकड़ा 8.3 करोड़ रुपये है, केवल एक एपिसोड के लिए नहीं। ट्वीट मानता है कि प्रत्येक एपिसोड विज्ञापनों द्वारा समर्थित है। जो गलत है।”
Claim: PM’s one-day #MannKiBaat message costs 8.3 cr & 830 cr have been incurred so far on ads
▪️This Claim is #Misleading
▪️₹ 8.3 cr is total figure of ads for Mann ki Baat till said date, not for a single episode. Tweet assumes each episode is supported by ads. Which is false pic.twitter.com/oaYFYIgv1F— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 30, 2023
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने इसुदान गढ़वी को गुजरात इकाई का अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद केजरीवाल ने गढ़वी को पार्टी का सीएम उम्मीदवार भी घोषित किया था। गढ़वी ने द्वारका जिले की खंभालिया सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी की ओर से उतरे मूलु भाई ने आप के इसुदान गढ़वी को 18,745 वोटों से हरा दिया। पत्रकार से नेता बने गढ़वी जून 2021 में राजनीति में आए और आम आदमी पार्टी में शामिल होकर अपनी सियासी यात्रा शुरू की।
इसुदान गढ़वी केजरीवाल के अनमोल रत्नों में से एक हैं। गढ़वी के ऊपर शराब पीकर छेड़खानी करने के भी आरोप लग चुके हैं…झूठे दावे और हवाई वादे कर पंजाब को भ्रमित किया, अब गुजरात में कर रहे ‘नौटंकी’
गुजरात विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी चुनाव मैदान में कूद पड़ी। वोटरों को लुभाने के लिए पंजाब की रेवड़ी कल्चर की तरह यहां पर भी हवाई दावे और वादे करती हुई नजर आई। आम आदमी पार्टी के हेड या यूं कहें कि आम आदमी पार्टी को हथियाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कुछ समय पहले तक तो देश में साफ-सुथरी और विकास की राजनीति की बातें किया करते थे, वे अब पूरी तरह झूठी, कपोल-कल्पित और वोटों के लालच में जनता को भरमाने वाली साबित हो रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हैरान कर देने वाली बात तो यह भी है कि केजरीवाल ने गुजरात में इसुदान गढ़वी जैसे लोगों को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में चुना, जिसका विवादों से पुराना नाता रहा है।विवादित लोगों का संगम : इटालिया के बाद अब इसुदान के साथ केजरी
दरअसल, विवादित व्यक्तियों को आगे बढ़ाकर पार्टी को सुर्खियों में लाना केजरीवाल का शगल बन गया है। गढ़वी से पहले वे गुजरात में आप का प्रदेश अध्यक्ष विवादित व्यक्ति गोपाल इटालिया को बना चुके हैं। जो पीएम मोदी और उनकी मां के बारे में भी अपशब्दों का इस्तेमाल कर चुका है। इसुदान गढ़वी के बारे में विस्तार से सबकुछ जान लेते हैं। पेशे से पत्रकार रहा 40 वर्षीय गढ़वी आम आदमी पार्टी में राष्ट्रीय संयुक्त सचिव के पद पर थे। गढ़वी एक गुजराती चैनल वीटीवी में चैनल हेड के रूप में काम कर रहे थे तब 2021 में आम आदमी पार्टी को जॉइन किया था। इसी के बाद इसुदान गढ़वी को शराब पीकर हंगामा करने और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गुजरात पुलिस द्वारा अरेस्ट भी किया गया था।शराब पीकर हंगामा करने और छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार हुए थे इसुदान गढ़वी
आप संयोजक केजरीवाल ने इसुदान गढ़वी को मुख्यमंत्री का चेहरा चुन तो लिया, लेकिन वो गढ़वी के पुराने पापों को छुपा नहीं सके। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में 12 दिसंबर, 2021 को हुई हेड क्लर्क की परीक्षा का पेपर लीक होने के चलते प्रदेश की राजनीति काफी गर्मा गई थी। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने शराब पीकर बीजेपी कार्यालय के बाहर खूब हंगामा खड़ा कर दिया था। इस हंगामे में आप के नेता गोपाल इटालिया, इसुदान गढ़वी और प्रवीण रामक की मेडिकल जांच की गई थी, जिसमें इसुदान गढ़वी के शरीर में शराब की मात्रा पाई गई थी। गढ़वी ने उस गुजरात राज्य में शराब पी, जो ड्राई स्टेट है। इसी के साथ भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष श्रद्धा राजपूत ने आप कार्यकर्ताओं के ऊपर छेड़छाड़ करने के आरोप भी लगाए थे। जिसके बाद इसुदान गढ़वी को गुजरात पुलिस द्वारा अरेस्ट किया गया था।AAP का शराब-शराबियों से गहरा नाता, मान और इसुदान में ये समानता
दरअसल आम आदमी पार्टी और शराब-शराबियों के बीच गहरा नाता है। दिल्ली से ही शुरू करें तो आप के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया शराब के करोड़ों के घोटाले में जेल में बंद है। विभिन्न एजेंसियां उनकी जांच कर रही हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार चला रहे भगवंत मान भी आए दिन अपनी हरकतों के चलते चर्चा में बने रहते हैं। जिस तरीके से ये शराब पीने के बाद कई बार नौटंकी कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर गुजरात में केजरीवाल ने एक और रत्न इसुदान गढ़वी को चुन लिया जोकि भगवंत मान से भी ऊपर के शराबी हैं और महिलाओं से छेड़छाड़ करने तक के आरोपी बनाए जा चुके हैं। इसलिए इन्हें तो पियक्कड़ का पुरस्कर मिलना चाहिए, क्योंकि ये एक ऐसे राज्य में शराब पी रहे हैं जोकि एक ड्राई स्टेट है। यह साफ हो गया है कि केजरीवाल का इसुदान गढ़वी को चुनने के पीछे का कारण इनका विवादित चेहरा होना था। जो गढ़वी पार्षद का भी चुनाव नहीं जीते थे, केजरीवाल ने उनको सीधे मुख्यमंत्री का चेहरा बना दिया था।