संयुक्त राष्ट्र में भारतीय संविधान के रचियता बाबासाहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी। संयुक्त राष्ट्र में यह जयंती एक दिन पहले 13 अप्रैल को मनाई जाएगी। अंबेडकर जयंती में समानता, सामाजिक न्याय और पिछड़े तबकों के सशक्तिकरण पर फोकस रहेगा। इसके साथ ही सतत विकास के लक्ष्य को पाने के लिए सूचना और तकनीक पर जोर दिया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट किया है कि पहली बार संयुक्त राष्ट्र में बाबासाहब की जयंती मनाई जाएगी। इसमें सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ने पर ध्यान दिया जाएगा।
Discussion on an issue of our times;
To pay homage to a man who was ahead of his times.Babasheb’s birth anniversary observance @UN pic.twitter.com/hLCO56mYpW
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) April 12, 2017
इस कार्यक्रम का आयोजन कल्पना सरोज फाउंडेशन और फाउंडेशन फॉर ह्यूमन होरिजन, यूएन में भारतीय स्थायी मिशन के साथ मिलकर कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमिना जे मोहम्मद समारोह में प्रमुख वक्ता होंगे।
कार्यक्रम का संचालन कोलंबिया विश्वविद्यालय में हेल्थकेयर इनोवेशन टेक्नोलॉजी लैब के अध्यक्ष स्टेन काचनोव्स्की करेंगे। कार्यक्रम में सामाजिक और वित्तीय समावेश के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाने के विषय पर चर्चा होगी।
चर्चा में मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय की कुलपति कैथरीन न्यूमैन, आईबीएम की जूलिया ग्लिडेन, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के यूएस ऑपरेशंस की कंट्री हेड पदम्जा चुंदुरू, द इंडियन नेटवर्क के संस्थापक रवि नार्वेकर और गूगल में क्रिएटिव हेड ऑलिविर रबेस्चलाग भी शामिल होंगे।
भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश में इंदौर के महू में हुआ था। उन्होंने दलितों के खिलाफ सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया।