ईवीएम का विरोध कर रही कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के सीनियर लीडर वीरप्पा मोइली ने ईवीएम का समर्थन करते हुए इसके विरोध को बेकार बताया है। मोइली ने कहा है कि ईवीएम का विरोध विपक्ष की पराजय की मानसिकता को दिखाता है। उन्होंने साफ कहा कि ईवीएम का विरोध कर पार्टी हार का बहाना ढूंढ रही है।
वीरप्पा मोइली ने दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर ईवीएम का विरोध करने के लिए भी कांग्रेस की आलोचना की है। एक अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार 16 विपक्षी दलों के साथ मिलकर ईवीएम के खिलाफ चुनाव आयोग को याचिका देने के लिए मोइली ने पार्टी की आलोचना की है।
मोइली ने कहा है कि हार के बहाने तलाश रही क्षेत्रीय पार्टियों के साथ हमारी पार्टी भी आ गई है। उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है और ऐसा नहीं होना चाहिए था। कांग्रेसी नेता ने कहा कि मैं पूर्व कानून मंत्री हूं और मेरे समय में ही ईवीएम शुरू हुई था। उस समय भी शिकायतें आई थी। हमने उन शिकायतों की जांच भी की थी। उन्होंने कहा कि ईवीएम का विरोध करना कांग्रेस की एक बड़ी भूल है। सिर्फ पराजयवादी मानसिकता वाले ही ईवीएम को दोषी ठहरा सकते हैं।
गौरतलब है कि गोवा और पंजाब में मिली हार से दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल बौखलाए हुए हैं। उसी क्रम में वो हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ रहे हैं। दिल्ली में एमसीडी चुनाव होना है और हार तय जान केजरीवाल बहानेबाजी कर रहे हैं।
चुनाव आयोग का कहना है कि ईवीएम में हेराफेरी या गड़बड़ी मुमकिन नहीं है। आयोग ने हाल ही में इसको लेकर ‘अक्सर पूछे जाने वाले सवालों’ (FAQ) की एक सूची सार्वजनिक की है।
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