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गांधी परिवार से अलग कांग्रेस अध्यक्षों के साथ होता है गुलामों जैसा व्यवहार

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कांग्रेस पार्टी पूरी तरह गांधी परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनकर रह गई है। कहने को तो मल्लिकार्जुन खड़गे इसके औपचारिक अध्यक्ष हैं, लेकिन इसके वास्तविक और अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी हैं। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता जितना महत्व पार्टी के एक सांसद राहुल गांधी को देते हैं, उतना पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं देते हैं। ओवरसीज कांग्रेस विदेशों में कोई कार्यक्रम आयोजित करता है, तो उसमें मल्लिकार्जुन खड़गे की जगह राहुल गांधी को आमंत्रित किया जाता है। अप्रवासी भारतीय और विदेशी प्रतिनिधियों को राहुल गांधी संबोधित करते हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अलवर के मालाखेड़ा में हुई कांग्रेस की जनसभा में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का भाषण सबसे आखिर में होना चाहिए था, क्योंकि कांग्रेस की किसी भी सभा में जब राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूद होते हैं तो सबसे आखिर में भाषण उन्हीं का होता है। लेकिन इस सभा में राहुल गांधी ने आखिर में अध्यक्षीय भाषण दिया।

हिमाचल में शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष की जिस तरह से अनदेखी राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने की उससे लगा कि पार्टी में उनकी कोई हैसियत नहीं है। हिमाचल में खड़गे की बेइज्जती केवल यहीं नहीं हुई। इससे पहले जब सुखविंदर सिंह सुक्खू का मुख्यमंत्री के तौर पर नाम तय हुआ उसके बाद उन्होंने जो बयान दिया था उसमें भी खड़गे का जिक्र तक नहीं किया गया। सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपने के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समूचे गांधी परिवार को धन्यवाद दिया, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम तक नहीं लिया। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गांधी परिवार से अलग कांग्रेस अध्यक्षों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार होता है। मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा सीताराम केसरी भी इसके सबसे बड़े भुक्तभोगी रहे हैं। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो से इसका एक बार फिर प्रमाण मिला है। इस वीडियो में राहुल गांधी नाक खुजला कर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कोट पर पोछते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी के इस अपमानजनक बर्ताव पर सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक दलित और बुजुर्ग राष्ट्रीय अध्यक्ष का कुछ तो सम्मान कर लेते। राहुल गांधी की हरकतें बच्चों जैसी हैं। उनके पास कुछ तो शिष्टाचार होना चाहिए। 

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