प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जिस तरह से कोरोना वायरस संकट से निपट रही है उसकी दुनिया भर में तारीफ हो रही है। तमाम देश संकट की इस घड़ी में भारत की ओर नजर लगाए हुए है। इस संकट काल में भी भारत ने 150 से ज्यादा देशों की मदद की है। लेकिन देश के कुछ एजेंडा पक्षकार बीजेपी सरकार को बदनाम करने की कोशिश में लगे हुए हैं। वे किसी ना किसी बहाने मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश में लगे रहते हैं। कभी अवार्ड वापसी गैंग के रूप में तो कभी सेकुलर गैंग के रूप में तो कभी असहिष्णु गैंग के रूप में। ताजा कड़ी में एजेंडा पक्षकार विनोद कापड़ी ने सोशल मीडिया पर लोगों को बांटने की कोशिश की है। आप खुद देख लीजिए मोदी समर्थक असहिष्णु हैं या मोदी विरोधी?
घर में पिता के बेटी से
भाई के भाई से
What’s app groups में
25 साल पुराने दोस्त के दूसरे दोस्त से
पत्रकार के पत्रकार से
अभिनेता के अभिनेता से
अभिनेत्री के अभिनेत्री से
संबंध बिगड़ रहे हैं
दुश्मनी की हद तक
आपस में बातचीत तक बंद हैऔर
ये सब पिछले 6 साल में हुआ है।
सहमत हैं ?— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 21, 2020
बस अब यही रह गया था मोदी पर इल्ज़ाम की मोदी लोगों के आपसी सम्बन्ध बिगाड़ रहे हैं और फिर आप अपने आप को पत्रकार बोलते हैं ये तो modiphobia का सबसे उच्च लेवल है आपलोगों की समस्या ये है कि आप मान ही नही पा रहे कि मोदी को जनता ने बहुमत से कैसे जीता दिया इसको मानसिक दिवालियापन कहते है
— Utkarsh Krishna (@UtkarshKrishn16) July 21, 2020
इसे कहते हैं “नमूने Type की Post”,
और
ऐसा आदमी तभी करता है, जब बौरा जाता है,
और
बौरा इसलिए जाता है जब कोई उस पर ध्यान नहीं देता,
और
कोई ध्यान इसलिए नहीं देता,
क्योंकि
उस आदमी की औक़ात ख़त्म हो चुकी होती है,
और
औक़ात इसलिए ख़त्म हो चुकी होती है,
क्योंकि
दरबारी-चाटुकार बन गया है— शिशिर घाटपाण्डे (@MumbaiSeShishir) July 21, 2020
इसी पिछले छ:सालों में लोगों का सच से सामना हुआ है, कैसे देश में तुष्टिकरण की राजनीति जोरों पर थी कैसे धर्म परिवर्तन का खेल खेला जा रहा था, कैसे हिंदूआतंकवाद की थ्योरी गढी जा रही थी, कैसे फर्जी सेक्युलर, बामी, लिब्रान्डुओं की गैंग देश को दीमक की तरह चाट रही थी,
— दिवाकर राय (@DkDkrai46764206) July 21, 2020
होटल के चौकीदार सें??? pic.twitter.com/nqdOSn2NCS
— N______Pandey (@nitesh___007) July 21, 2020
ये काफी दुखद है इसका कारन ये है की ६ साल पहले तक मीडिया का एक बड़ा सिंडिकेट अपने को पत्रकारिता का पैगम्बर और राजनीतिक लोग इस देश की मेजॉर्टी को गाली बना दिए थे सेकुलरिज्म मीन्स हिन्दू को गली देना हो गया था २०१४ से इनके बराबर में लोग और मीडिया आये जिससे हिन्दू भी अपनी बात कहने लगे
— Prakash Shukla (@PDhukr) July 21, 2020
पिछले 6 साल मे बस इतना ही बदला है के जो सालों से खामोश थे उन्होंने ने बोलना शरू कर दिया है
तुम्हारी तकलीफ यही है के तुम जैसे Liberandus का धंधा बंद पड़ गया है क्यूंकि सालों से सीले होंठ खुल गए
तुम्हारी तकलीफ समझ सकता हु लेकिन ये बदलाव जरूरी था
कौन अपना कौन पराया हमने देख लिया है— MumbaiChatter ??? (@Mumbaichatter) July 21, 2020
इसकेपहले १९४७से मई१९१४ तक बड़ाही मनमोहक एवं समृद्धिशाली समय बिना कोई भ्रष्टाचार के था।
किसी के बीच कोईभी कटुता नहींथी।
हमारा वातावरण अति शुद्धथा।
हमारि नदियोंका पानी अति शुद्ध एवं निर्मलथा
कोईभी व्यक्ति गरीबी रेखाके नीचे नहींथा पतानहीं क्यों जनताने @narendramodi सरकार को चुना— PradiptaGaurangaDas (@pikudollie) July 21, 2020
क्युकी लोगो ने सच बोलना शुरू कर दिया है समझे
तलवे चाटना बंद कर दिया है तुम्हारी तरह
सेकुलरिज्म के नाम पर तुष्टिकरण बंद कर दिया है।
तुष्टिकरण के नाम पर जलेबी बनाना बंद कर दिया है।
चोर लुटेरों डाकुओं और तुम जैसे ट्टपुंजियो की बातचीत बंद हो रही है।— Ajay Singh92 (@singh92_ajay) July 21, 2020
यह सब इसलिए हुआ की एक तबके को दबाते, मरते रहे हो २०१४ तक अब करारा जवाब मिल रहा है तुम जैसों को जो सेकुलर की झूटि पुंगी बजा रहे थे .. अब कही मुँह नहीं छुपा सकते हो
— Vicky (@vikasyad81) July 22, 2020