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कर्नाटक चुनाव में राष्ट्रीय पार्टी AAP साबित हुई फिसड्डी, जमानत जब्त पार्टी होने का रिकॉर्ड बनाया, NOTA से भी कम वोट मिले

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने हाल ही में ‘राष्ट्रीय पार्टी’ का दर्जा हासिल किया। इससे उत्साहित केजरीवाल ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 209 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए। लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम से AAP पार्टी फिसड्डी ही साबित हुई। यहां तक कि केजरीवाल ने फ्री बिजली और किसानों के लोन माफ करने जैसे रेवड़ी का लालच भी लोगों को दिया लेकिन रेवड़ी कल्चर भी काम नहीं आई। AAP के नाम सभी 209 विधानसभा सीटों पर जमानत जब्त होने का रिकॉर्ड कायम हो गया। इसके साथ ही वह देश की कुछ उन पार्टियों के क्लब में शामिल हो गई जिसने बड़ी संख्या में जमानत जब्त करवाई हो। इसके साथ ही AAP के नाम एक और कीर्तिमान जुड़ गया, उसे कर्नाटक चुनाव में NOTA से भी कम वोट मिले। कर्नाटक चुनाव में NOTA के तहत 0.69 प्रतिशत वोट डाले गए वहीं AAP को कुल 0.58 प्रतिशत वोट मिले।

कर्नाटक चुनाव 2023 में AAP को मिले महज 0.58 फीसदी वोट

हाल ही में आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था। लेकिन कर्नाटक चुनाव में आम आदमी पार्टी के हाथ भारी निराशा लगी है। केजरीवाल की पार्टी को 1 फीसदी लोगों का भी वोट नहीं मिल सका जबकि आम आदमी पार्टी ने कर्नाटक की 209 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा था। आम आदमी पार्टी के लिए की गई वोटिंग परसेंटेज की बात करें तो कर्नाटक की जनता ने आम आदमी पार्टी को पूरी तरह से नकार दिया है। इस चुनाव में आप को मात्र 0.58 फीसदी ही वोट मिले हैं। यानी आम आदमी पार्टी को एक फीसदी लोगों ने भी वोट नहीं दिया।

AAP को कर्नाटक चुनाव-2018 में मिले थे केवल 0.06 फीसदी वोट

राष्ट्रीय स्तर पर AAP कांग्रेस का स्थान लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी बनने के लिए जद्दोजहद कर रही है, लेकिन कर्नाटक चुनाव के नतीजों ने उसके मंसूबे पर पानी फेर दिया। साल 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में आप ने 28 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन इस दौरान आप को मात्र 0.06 फीसदी वोट शेयर ही मिले थे।

कर्नाटक चुनाव-2023 में AAP ने 209 सीटों पर उम्मीदवार उतारे

विधानसभा चुनाव 2023 में आम आदमी पार्टी ने कर्नाटक की 209 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा। लेकिन आम आदमी पार्टी कहीं भी अपना खाता खोल पाने में नाकाम साबित हुई है और कर्नाटक की जनता ने आप को सिरे से नकार दिया है।

कर्नाटक चुनाव-2023 में AAP को NOTA से भी कम वोट मिले

दो राज्यों में सरकार चलाने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने कर्नाटक चुनाव-2023 में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। AAP को यहां NOTA से भी कम वोट मिले। AAP को यहां 0.58 प्रतिशत वोट मिले जबकि 0.69 प्रतिशत लोगों ने NOTA का बटन दबाया।

जमानत जब्त पार्टी के रूप में AAP ने बनाया रिकार्ड

हाल ही में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक नया कीर्तिमान भी अपने नाम कर लिया है। सबसे ज्यादा उम्मीदवारों के जमानत जब्त करवाने वाली पार्टियों में अब वह शुमार हो गई है। कर्नाटक चुनाव-2023 में AAP ने 209 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और लगभग सभी की जमानत जब्त हो गई। इससे पहले 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के 387 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। वहीं बसपा के 290 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।

यूपी चुनाव-2022 में कांग्रेस के 387 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कुल 4,442 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें करीब 20 फीसदी प्रत्याशी ही जमानत बचा सके और 3,522 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। खासतौर से कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे निराशाजनक रहा। पार्टी ने 399 प्रत्याशी उतारे थे। इनमें 387 की जमानत जब्त हो गई। बसपा ने सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसके 290 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। सपा के 6 और भाजपा के भी 3 प्रत्याशी जमानत बचाने में नाकाम रहे।

हिमाचल में AAP ने 67 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए, सभी की जमानत जब्त

हिमाचल प्रदेश में 2022 में हुए चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) का जादू चल नहीं पाया। तमाम मुफ्त सेवाओं के ऐलान के साथ पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी सफाई के लिए निकली आप की झाड़ू पहाड़ की चढ़ाई चढ़ते हुए हांफ गई। दिल्ली और पंजाब में जीत दर्ज करने वाली AAP हिमाचल में खाता तक नहीं खोल पाई और 67 सीटों पर खड़े आप के प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए।

गुजरात में 128 AAP कैंडिडेट्स की जमानत जब्त

गुजरात में 2022 में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के 181 में से 128 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। यहां तक कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पर्ची में जिन तीन उम्मीदवारों के नामों को लिखकर बड़ी जीत का दावा किया, वे भी चुनाव हार गए। इनमें गुजरात में आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट इसुदान गढ़वी भी शामिल रहे। इसके अलावा गुजरात आप प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को भी बड़े अंतर से चुनाव में हार का सामना करना करना पड़ा। आप नेता अल्पेश कथिरिया की जीत का दावा भी केजरीवाल ने किया था, वे भी चुनाव हार गए।

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