मोदी सरकार के खिलाफ खबरों से झूठ गढ़ रहे वामपंथी इको सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा है ऑल्ट न्यूज (Alt News). इसका सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर अपनी इन्हीं करतूतों के चलते पुलिस की गिरफ्त में है। ऑल्ट न्यूज़ के दूसरे सह संस्थापक प्रतीक सिन्हा की मां निर्झरी सिन्हा, जो ऑल्ट न्यूज की डायरेक्टर भी हैं, मोहम्मद जुबैर से पीछे नहीं है। मां-बेटे और जुबैर की तिकड़ी जानबूझकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर फेक न्यूज़ का मायाजाल फैला रही है। इसका एकमात्र लक्ष्य मोदी सरकार की जनहितकारी नीतियों की मनगढ़ंत आलोचना करना है। चूंकि आल्ट न्यूज इंडीपेंडेन्ट पब्लिक स्पीरिटेड मीडिया फाउंडेशन (आईपीएसएमएफ) से फंडिंग लेने वालों की टॉप सूची में शामिल है, इसलिए वह पूरे जोर-शोर के झूठ को प्रोपेगेंडा रचता है। लेकिन फैक्ट चेकर इनके फर्जी, मोर्फ्ड कंटेंट की पोल आसानी से खोल देते हैं।
झूठ का गढ़ रहे वामपंथी इको सिस्टम का ही हिस्सा है मां-बेटे की जोड़ी
इंडीपेंडेन्ट पब्लिक स्पीरिटेड मीडिया फाउंडेशन (IPSMF) के खाने और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं। यह फाउंडेशन केवल दिखाने भर को स्वतंत्र, जन उपयोगी पत्रकारिता का मददगार है। असल में यह सिर्फ मोदी सरकार के खिलाफ खबरों से झूठ गढ़ रहे वामपंथी इको सिस्टम का हिस्सा है। इसीलिए जब फेक न्यूज़ फैलाने और हिन्दू विरोधी खबरों के लिए कुख्यात मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के बाद लिबरल और वामपंथी गिरोह उसके बचाव में उतरा तो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। जुबैर की गिरफ़्तारी पर कॉन्ग्रेस से लेकर राना अय्यूब तक और राजदीप से लेकर कविता कृष्णन तक गिरोह के कई लोगों ने बेवजह अपनी छाती पीटी। आज आल्ट न्यूज की ही डायरेक्टर निर्झरी सिन्हा की असलियत उजागर करने की बारी है। वह प्रतीक सिन्हा की मां हैं, जो ऑल्ट न्यूज का सह संस्थापक है।
मनगढ़ंत नैरेटिव तैयार करने के लिए अमिताभ बच्चन से लेकर डोनाल्ड ट्रंप का लिया सहारा
सोशल प्लेटफार्म ट्वीटर पर @Gujju_Er के ट्वीटर हैंडल पर Prakash अपने थ्रेड बताते हैं कि निर्झरी किस तरह मोदी सरकार के खिलाफ अपने झूठ को इंटरनेट और फंडिंग की ताकत से दुनियाभर में फैलाती है। सिन्हा किस तरह कृष्ण की पेंटिंग से लेकर अमिताभ बच्चन तक का सहारा अपने झूठ को फैलाने में लेती हैं और वह गुजरात सरकार से लेकर मोदी सरकार के खिलाफ किस तरह से मनगढ़ंत नैरेटिव तैयार करती हैं।
1. AltNews Director Nirjhari Sinha Using picture of 2004 to mock Gujarat Tourism Ads in 2016.
Archive: https://t.co/fPqUyWHCze pic.twitter.com/EpD1dbTmmG
— Prakash (@Gujju_Er) July 13, 2022
2016 में गुजरात पर्यटन विज्ञापनों का मजाक उड़ाने के लिए 2004 की फोटो पोस्ट की
AltNews के निदेशक निर्झरी सिन्हा ने 2016 में गुजरात पर्यटन विज्ञापनों का मजाक उड़ाने के लिए 2004 की तस्वीर का उपयोग किया। इसमें एक आदिवासी आदमी की फोटो को मोर्फ करके उसकी जगह अमिताभ बच्चन की फोटो लगाई गई। निर्झरी सिन्हा ने ईद से संबंधित ‘गलत कथा’ के साथ ‘कृष्णा सूर्य ग्रहण को देखते हुए पहाड़ी पेंटिंग’ पोस्ट कर फर्जी खबर फैलाने की कोशिश की।
AltNews की निदेशक निर्झरी सिन्हा ने वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि यह चेन्नई में TN के मुख्य सचिव पर छापे का है। हकीकत यह थी कि संबंधित वीडियो साउथ दिल्ली में लॉ फर्म टीएंडटी पर रेड का था। लेकिन झूठ के सहारे कंटेंट बनाकर फैलाने वाली निर्झरी अपनी आदतों से बाज नहीं आई।
5. AltNews Director Nirjhari Sinha posted image of only ‘Cover of Invitation Card’ of Event organised by Gujarat Govt and claimed there is no image of Jhaverchand Meghani on it.
Pic 2,3: In that Cover there was Invitation Card having total 13 images of Jhaverchand Meghani. pic.twitter.com/YvKSit9FJc
— Prakash (@Gujju_Er) July 13, 2022
झूठ के प्रोपेगेंडा रचा, जिस निमंत्रण पत्र में मेघाणी की कई तस्वीरें, कहा-एक भी फोटो नहीं
ट्वीटर थ्रेड में खुलासा हुआ है कि कैसे निर्झरी सिन्हा ने गुजरात सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम के केवल ‘आमंत्रण कार्ड के कवर’ की तस्वीर पोस्ट करके झूठ के प्रोपेगेंडा रचा। उसने यह झूठा दावा किया कि इसमें गुजराती साहित्यकार और कवि झावेरचंद मेघानी की कोई तस्वीर नहीं है। जबकि वास्तविकता यह थी कि Pic 2,3: उस कवर में निमंत्रण कार्ड था, जिसमें झावेरचंद मेघानी की कुल 13 तस्वीरें थीं।
10. AltNews Director Nirjhari Sinha claimed Govt sold the Red Fort
Does @AltNews have copy of Sale Deed of Red fort?
Archive: https://t.co/L2pvPGQgVZ pic.twitter.com/hoULvMBisd
— Prakash (@Gujju_Er) July 13, 2022
NirJhari ने गलत तथ्य फैलाए, फैक्ट चेक के नाम पर बीजेपी को बताया भ्रष्ट
दुनियाभर में गलत तथ्य फैलाने के लिए आल्ट न्यूज का तरीका यही है, पहले खुद फेक न्यूज फैलाएं और फिर फैक्ट चेक के नाम पर उसे सही साबित करने की कोशिश की जाए। इसी मॉडल पर चलते हुए आल्ट न्यूज ने बीजेपी के सबसे भ्रष्ट पार्टी होने का दावा किया था। इसका आधार बीबीसी की एक फर्जी खबर को बनाया गया। निर्झरी ने एक फेक न्यूज वेबसाइट वायरलिनइंडिया (डॉट) नेट पर बीजेपी पर हमला करने वाली फर्जी खबर भी शेयर की।
8. One More Post from Fake News Website ‘Viral In India’
Posted by Fact Checker AltNews’ Director Nirjhari Sinha.
This time Fake Quote of Donald Trump
Archive: https://t.co/vFP0eFAlwf pic.twitter.com/ANvj9UBIHd
— Prakash (@Gujju_Er) July 13, 2022
इतना ही नहीं फेक न्यूज की जनक और आल्ट न्यूज की डायरेक्टर ने डोनाल्ड ट्रंप को भी नहीं छोड़ा। फेक न्यूज वेबसाइट ‘वायरल इन इंडिया’ की एक और पोस्ट फैक्ट चेकर ऑल्टन्यूज के निदेशक निर्झरी सिन्हा ने पोस्ट की। इस बार डोनाल्ड ट्रंप का फेक कोट को शेयर करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने की कोशिश की।
12. AltNews director Nirjhari Sinha’s WhatsApp University
Some one forwarded her edited India Today Cover page and she posted it on FB pic.twitter.com/TnpehX6N6U
— Prakash (@Gujju_Er) July 13, 2022
People posting such images are called ‘TROLLS’ nowadays
But these people are ‘UNBIASED FACT CHECKERS’
AltNews Director ? pic.twitter.com/kE1eOtR4Zw
— Prakash (@Gujju_Er) July 14, 2022
जुबैर-निर्झरी सिन्हा वामपंथी गिरोह के प्यादे, असल में इनकी जड़ें आईपीएसएमएफ तक
दरअसल, मोहम्मद जुबैर, निर्झरी सिन्हा आदि वामपंथी गिरोह के छोटे से प्यादे ही हैं। असल में आईपीएसएमएफ की जड़ें ऑल्ट न्यूज ही नहीं, बल्कि द वायर, द कारवां, द प्रिंट, आर्टिकल 14 और बरखा दत्त की मोजो स्टोरी जैसे कई मीडिया प्लेटफार्म तक फैली हैं। फंडिंग लेने के लालच में ये सब मोदी सरकार के खिलाफ झूठा प्रोपेगेंडा करते हैं। इस झूठ को इंटरनेट और फंडिंग की ताकत से दुनियाभर में फैलाते हैं। हैरानी की बात यह है कि इस लिबरल और वामपंथी इकोसिस्टम का हिस्सा बिल गेट्स से लेकर अजीम प्रेमजी जैसे कई बड़े नामों पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं !?
IPSMF असल में मोदी सरकार के खिलाफ झूठ गढ़ रहे वामपंथी इको सिस्टम का हिस्सा
इंडीपेंडेन्ट पब्लिक स्पीरिटेड मीडिया फाउंडेशन (IPSMF) दिखाने भर को स्वतंत्र, जन उपयोगी पत्रकारिता की मददगार है। असल में यह सिर्फ मोदी सरकार के खिलाफ खबरों से झूठ गढ़ रहे वामपंथी इको सिस्टम का हिस्सा है। बताते हैं कि इस समूह का नेतृत्व अजीम प्रेमजी कर रहे हैं और रोहिणी नीलेकणी इस एनजीओ में एक बड़ी भूमिका निभा रही हैं। कुछ साल पहले अजीम प्रेमजी गिविंग प्लेज (Donors pledge) पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय एलीट (elite or upmost) बने, यह अभियान बिल और मेलिंडा गेट्स द्वारा शुरू किया गया ! इसीलिए जब फेक न्यूज़ फैलाने और हिन्दू विरोधी खबरों के लिए कुख्यात मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के बाद लिबरल और वामपंथी गिरोह उसके बचाव में उतरा तो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। जुबैर की गिरफ़्तारी पर कॉन्ग्रेस से लेकर राना अय्यूब तक और राजदीप से लेकर कविता कृष्णन तक गिरोह के कई लोगों ने बेवजह अपनी छाती पीटी। एक और एक्सक्लूसिव और बेहद महत्वपूर्ण थ्रेड वामपंथियों को पोल बखूबी खोलता है…डिकोडिंग IPSMF और इसके पीछे का चेहरा !
1. हाल ही में प्रोपेगेंडा फ़ैक्ट-चेकर जुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और लोग यह देखकर हैरान हैं कि उसे यूएन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से समर्थन मिल रहा है!
इस thread को पढ़ें ?
— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
नगालैंड के ट्वीटर हैंडल @PROUD_INDIAN ने IPSMF की बखूबी खोली पोल
IPSMF की पोल को नगालैंड के @PROUD_INDIAN नाम के ट्वीटर हैंडल ने बखूबी खोल कर रख दी है। अपने 25 थ्रेड में @GORKHA_SANDEEP ने बताया है कि कैसे मोदी सरकार विरोधी और हिंदुओं के खिलाफ कंटेंट गढ़ने के लिए IPSMF इन मीडिया प्लेटफार्म की वित्तीय सहायता करता है। दरअसल, केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद 2015 में एक NGO The Bridgespan Group भारत आया था। Bridgespan group को बिल गेट्स, फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और कई अन्य अमेरिकी गैर सरकारी संगठनों द्वारा भारी पैसा दिया जाता है। यह समूह non-govt संगठनों के लिए एक परामर्श एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है! और भारत में उनके क्लाइंट्स की सूची में अजीम प्रेमजी, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क, द रॉकफेलर फाउंडेशन और टाटा ट्रस्ट जैसे बड़े नाम शामिल हैं !
अजीम प्रेमजी और रोहिणी नीलेकणी ने 2015 में IPSMF नाम से पंजीकृत फाउंडेशन बनाया
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर बताती है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2015 के अंत में अजीम प्रेमजी और रोहिणी नीलेकणी ने 100 करोड़ रुपए के साथ IPSMF नाम से पंजीकृत एक समूह का नेतृत्व किया। परामर्श एजेंसी The Bridgespan Group के साथ रोहिणी नीलेकणी का साक्षात्कार है, जिसमें वह IPSMF के बारे में बता रही हैं कि कैसे उन्होंने एक समूह बनाया है, ताकि सरकार उन्हें पहचान ना सके ! उन्होंने IPSMF के लिए एकीकृत ट्रस्टियों को नियुक्त किया। उनके पहले ट्रस्टी आशीष धवन थे। आशीष धवन सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के संस्थापक हैं, जिसको बिल गेट्स द्वारा पैसा दिया जाता है। अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य भी आशीष धवन ही हैं!
वामपंथी मीडिया पोर्टल ऑल्ट न्यूज़ द्वारा फैलाये जा रहे झूठ और हेट स्पीच पर मौन
यहां हम आपको @GORKHA_SANDEEP की ट्वीटर थ्रेड को जस का तस बताते हैं, ताकि आप जान सकें कि हिंदुओं और मोदी सरकार के खिलाफ वामपंथी गिरोह की लामबंदी कैसे हो रही है? यह कैसे नुपूर शर्मा के खिलाफ और जुबैर मोहम्मद के समर्थन में मनगढ़ंत झूठ के पुलंदे के साथ खड़े हो जाते हैं। और मीडिया पोर्टल ऑल्ट न्यूज़ द्वारा फैलाये जा रहे झूठ और हेट स्पीच पर मौन रह जाते हैं।
@GORKHA_SANDEEP ने सुपर एक्सक्लूसिव और बेहद महत्वपूर्ण थ्रेड डिकोडिंग की है। इसमें IPSMF और इसके पीछे का चेहरा उजागर हुआ है। हाल ही में प्रोपेगेंडा फ़ैक्ट-चेकर जुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और लोग यह देखकर हैरान हैं कि उसे यूएन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से समर्थन मिल रहा है! दरअसल, जुबैर के ऑल्ट न्यूज को IPSMF ही फंडिंग करता है।
2. जैसा कि आप में से बहुत से लोग जानते हैं कि, द वायर, द कारवां, आर्टिकल 14, बरखा दत्त की मोजो स्टोरी, जुबैर की ऑल्ट न्यूज़ और प्रतीक सिन्हा सहित कई अन्य डिजिटल वामपंथी प्रचार मीडिया कार्टेल, एक एनजीओ IPSMF से डोनेशन लेते हैं। pic.twitter.com/zeJHZZaTgH
— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
IPSMF केवल ऑल्ट न्यूज को ही नहीं, जैसा आपमें से बहुत से लोग जानते हैं कि द वायर, द कारवां, द प्रिंट, आर्टिकल 14, बरखा दत्त की मोजो स्टोरी और प्रतीक सिन्हा सहित कई अन्य डिजिटल वामपंथी प्रचार मीडिया कार्टेल, इस एनजीओ IPSMF से डोनेशन लेते हैं।
यह बहुत चालाकी से बेहद कम right wing वालों को भी डोनेट करते हैं, ताकि वे उस आधार पर अपनी तटस्थता (neutrality) का दावा कर सकें! लेकिन अन्य सभी मीडिया प्लेटफॉर्म हिंदू विरोधी और कुछ मामलों में भारत विरोधी हैं।
4. यहाँ IPSMF के दाताओं (Donors) की सूची है। इस समूह का नेतृत्व अजीम प्रेमजी कर रहे हैं, और रोहिणी नीलेकणी इस एनजीओ में एक बड़ी भूमिका निभा रही हैं! pic.twitter.com/VvYmdSBw3t
— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
यहाँ IPSMF के दाताओं (Donors) की सूची है। इस समूह का नेतृत्व अजीम प्रेमजी कर रहे हैं, और रोहिणी नीलेकणी इस एनजीओ में एक बड़ी भूमिका निभा रही हैं! 2013 में, अजीम प्रेमजी उस गिविंग प्लेज (Donors pledge) पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय एलीट (elite or upmost) बन गए, जो अभियान बिल गेट्स और मेलिंडा गेट्स द्वारा शुरू किया गया था !
6. 2015 में एक NGO The Bridgespan Group भारत आया था।
Bridgespan group को बिल गेट्स, फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और कई अन्य अमेरिकी गैर सरकारी संगठनों द्वारा भारी पैसा दिया जाता है।
यह समूह non-govt संगठनों के लिए एक परामर्श एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है! pic.twitter.com/Fy4l1fw1jB— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
2015 में एक NGO The Bridgespan Group भारत आया था। Bridgespan group को बिल गेट्स, फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और कई अन्य अमेरिकी गैर सरकारी संगठनों द्वारा भारी पैसा दिया जाता है। यह समूह non-govt संगठनों के लिए एक परामर्श एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है! और भारत में उनकी क्लाइंट लिस्ट में अजीम प्रेमजी, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क, द रॉकफेलर फाउंडेशन और टाटा ट्रस्ट जैसे नाम हैं!
8. 2015 के अंत में, अजीम प्रेमजी और रोहिणी नीलेकणी ने 100 करोड़ रुपए के साथ IPSMF नाम से पंजीकृत एक समूह का नेतृत्व किया! pic.twitter.com/NmExvr4iVg
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2015 के अंत में, अजीम प्रेमजी और रोहिणी नीलेकणी ने 100 करोड़ रुपए के साथ IPSMF नाम से पंजीकृत एक समूह का नेतृत्व किया।
9. यहां परामर्श एजेंसी द ब्रिजस्पैन ग्रुप के साथ रोहिणी नीलेकणी का साक्षात्कार है, जहां वह IPSMF के बारे में बोल रही हैं। उसने कहा कि उन्होंने एक समूह बनाया है, ताकि सरकार उन्हें पहचान ना सके ! उसने यह भी कहा कि उन्होंने IPSMF के लिए एकीकृत ट्रस्टियों को नियुक्त किया है! pic.twitter.com/GIphGXCYuv
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यहां परामर्श एजेंसी द ब्रिजस्पैन ग्रुप के साथ रोहिणी नीलेकणी का साक्षात्कार है, जहां वह IPSMF के बारे में बोल रही हैं। उसने कहा कि उन्होंने एक समूह बनाया है, ताकि सरकार उन्हें पहचान ना सके ! उसने यह भी कहा कि उन्होंने IPSMF के लिए एकीकृत ट्रस्टियों को नियुक्त किया है।
10. चलिए मैं आपको उनके तथाकथित एकीकृत trusties (ट्रस्टी) के बारे में कुछ तथ्य दिखाता हूँ! उनके पहले ट्रस्टी आशीष धवन थे। आशीष धवन सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के संस्थापक हैं जिसे फिर से बिल गेट्स द्वारा पैसा दिया जाता है! जरा राशि तो देखो! pic.twitter.com/vNGCOyDmse
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चलिए मैं आपको उनके तथाकथित एकीकृत trusties (ट्रस्टी) के बारे में कुछ तथ्य दिखाता हूँ! उनके पहले ट्रस्टी आशीष धवन थे। आशीष धवन सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के संस्थापक हैं, जिनको बिल गेट्स द्वारा पैसा दिया जाता है! आश्चर्यजनक रूप से इन्हें 2018 में 27 करोड़ से ज्यादा की वित्तीय मदद मिली! यही आशीष धवन, अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य भी हैं! भागीदारों की सूची देखें! बिल गेट्स, अजीम प्रेमजी, ओमिडयार, रोहिणी नीलेकणी और ऑक्सफैम जैसे फिर से वही नाम! यह विभाग बिल गेट्स, रोहिणी नीलेकणी और ओमिडयार द्वारा दिए गए पैसे से चलता है।
12. अन्य दो ट्रस्टी सी बी भावे हैं जो इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स (आईआईएचएस) के अध्यक्ष हैं, और रुक्मिणी बनर्जी जो प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सीईओ हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके दोनों एनजीओ बिल गेट्स द्वारा दिए गए पैसे से चलते हैं! pic.twitter.com/zGH21pbvGP
— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
अन्य दो ट्रस्टी सी बी भावे हैं जो इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स (आईआईएचएस) के अध्यक्ष हैं, और रुक्मिणी बनर्जी जो प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सीईओ हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके दोनों एनजीओ बिल गेट्स द्वारा दिए गए पैसे से चलते हैं।
13. आइए, रोहिणी नीलेकणि पर वापस आते हैं, जो IPSMF के प्रमुख संस्थापकों में से एक हैं। वह एक एनजीओ EK STEP फाउंडेशन की सह-संस्थापक हैं! आगे आते हुए इसने बिल गेट्स के साथ भी गठजोड़ किया है! pic.twitter.com/WpHFpUI0FY
— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
आइए, रोहिणी नीलेकणि पर वापस आते हैं, जो IPSMF के प्रमुख संस्थापकों में से एक हैं। वह एक एनजीओ EK STEP फाउंडेशन की सह-संस्थापक हैं! आगे आते हुए इसने बिल गेट्स के साथ भी गठजोड़ किया है। एक साक्षात्कार में, रोहिणी नीलेकणी ने कहा कि वह जॉर्ज सोरोस, बिल गेट्स और फोर्ड फाउंडेशन के काम की प्रशंसा करती हैं!
14. एक साक्षात्कार में, रोहिणी नीलेकणी ने कहा कि वह जॉर्ज सोरोस, बिल गेट्स और फोर्ड फाउंडेशन के काम की प्रशंसा करती हैं! pic.twitter.com/A25P5NQrZJ
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15. इस लेख को पढ़ें जो IPSMF की निवेश सलाहकार लक्ष्मी चौधरी द्वारा लिखा गया है, वह IPSMF, बिल गेट्स फाउंडेशन और ओमिडयार समूह के बीच एक बैठक के बारे में बात कर रही है! फिर भी, क्या किसी को संदेह है कि IPSMF वास्तव में बिल गेट्स और अन्य अमेरिकी non-gov संगठनों द्वारा चलाया जाता है? pic.twitter.com/mnDzHAOn7e
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IPSMF की निवेश सलाहकार लक्ष्मी चौधरी द्वारा एक लेख लिखा गया है, वह IPSMF, बिल गेट्स फाउंडेशन और ओमिडयार समूह के बीच एक बैठक के बारे में बात कर रही हैं! फिर भी, क्या किसी को संदेह है कि IPSMF वास्तव में बिल गेट्स और अन्य अमेरिकी non-gov संगठनों द्वारा चलाया जाता है?
17. अब मैं आपको बिल गेट्स की कुछ अन्य फंडिंग दिखाता हूँ! अल जज़ीरा और एनडीटीवी दो नाम जिन्हें हर भारतीय अच्छी तरह जानता है। आप उन्हें हमेशा IPSMF से पैसा लेते हुए पाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों को बिल गेट्स से भी पैसा मिला है! pic.twitter.com/TXTIs3wQLe
— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
अब मैं आपको बिल गेट्स की कुछ अन्य फंडिंग दिखाता हूँ! अल जज़ीरा और NDTV दो नाम जिन्हें हर भारतीय अच्छी तरह जानता है। आप उन्हें हमेशा IPSMF से पैसा लेते हुए पाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों को बिल गेट्स से भी पैसा मिला है!
18. राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को भी बिल गेट्स से करोड़ों मिले हैं! pic.twitter.com/exmcLUgjtb
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राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को भी बिल गेट्स से करोड़ों मिले हैं। यह कुछ भारतीय elite वर्ग के साथ अंतरराष्ट्रीय elite वर्ग का एक शक्तिशाली चक्र है! एक तरफ वे पूरे वामपंथी पारिस्थितिकी तंत्र को वित्तपोषित (पैसा) देते हैं और दूसरी ओर, वे अर्थव्यवस्था और डिजिटल शासन की रीढ़ हैं।
21. हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बिल गेट्स ने इतने सारे अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स को भी पैसा (वित्त पोषित) दिया है! फ़ैक्ट-चेकिंग उद्योग सहित इन सभी मीडिया समूहों का एक जाल है!
— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
ये सभी लोग कई परियोजनाओं पर नीति आयोग और राज्य सरकारों के साथ काम करते हैं! वे जीएसटी और आयकर वेबसाइटों के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था चलाते हैं। हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बिल गेट्स ने इतने सारे अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स को भी पैसा (वित्त पोषित) दिया है! फ़ैक्ट-चेकिंग उद्योग सहित इन सभी मीडिया समूहों का एक जाल है!
22. पूरे वामपंथी समूह को इन लोगों का समर्थन मिलता है और यही कारण है कि जब हमारी सरकार उनकी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई करती है तो उन्हें संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन से समर्थन मिलता है!
— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
पूरे वामपंथी समूह को इन लोगों का समर्थन मिलता है और यही कारण है कि जब हमारी सरकार उनकी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई करती है तो उन्हें संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन से समर्थन मिलता है। The Caravan (कारवां ) को IPSMF से पैसा (वित्त पोषित) मिलता है ! और इस तरह वे हिंदुओं को निशाना (target) बनाते हैं।
25. वित्तीय जाल (Financial trap) के बारे में समझने के लिए सभी को यह वीडियो देखना चाहिए!https://t.co/faO3mYiWCU
— GORKHA_SANDEEP (@PR0UD__INDIAN) July 5, 2022
एक और दिलचस्प तथ्य: बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और फोर्ड फाउंडेशन भारत में बिना FCRA लाइसेंस के काम कर रहे हैं !
Super Exclusive and Extremely Important Thread
Decoding IPSMF and faces behind it!
1. Recently propaganda fact-checker Zubair was arrested by Delhi Police and people are shocked to see that he gates support from the UN and other international organizations!
Read this thread?
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) July 4, 2022