विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने असम के गुवाहाटी में विपक्षी सांसदों के साथ बातचीत में एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति के लिए चुने जाते हैं, तो वह सुनिश्चित करेंगे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू न हो। सिन्हा ने कहा कि देश के संविधान को बाहरी ताकतों से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों से खतरा है।प्रधामंत्री मोदी से नफरत के चक्कर में यशवंत सिन्हा इतना अंधा हो चुके हैं कि देश के खिलाफ बयान देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा बोले, अगर मैं देश का राष्ट्रपति बना तो CAA कानून को मंजूरी नहीं दूंगा pic.twitter.com/5cmKFDR3HA
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) July 14, 2022
यशवंत सिन्हा के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। लोगों का कहना है कि यशवंत सिन्हा का असली चेहरा उजागर हो चुका है। वो भी तुष्टिकरण की नीति से राष्ट्रपति बनना चाहते हैं। उनकी मानसिकता जिहादियों वाला है। चुनाव आते आते अगर ये भारत में शरियत लागू करने की बात कह दें तो हैरानी नहीं होगी।
मानसिकता जिहादियो वाला है, इसीलिया हरा था हजारीबाग से।
— Pramod Kumar Kashyap (@kp16kashyap) July 14, 2022
“मैं राष्ट्रपति बना तो ‘CAA’ क़ानून को मंज़ूरी नहीं दूंगा ” : यशवंत सिन्हा!
चुनाव आते आते अगर ये भारत में शरियत लागू करने की बात कह दें तो चोंकियेगा नहीं!— जितेन्द्र कुमार (@HinduJitendra6) July 14, 2022
ऐसा लगता है कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को विपक्ष का भी वोट नहीं मिलेगा। ऐतिहासिक बदनामी का रिकॉर्ड बना सकते हैं सिन्हा जी।
— Sgt Dharmendra Sinha (Retd) (@DharmenSinha) July 9, 2022
इससे पहले 9 जुलाई को यशवंत सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में एक बैठक की। इसमें फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता शामिल हुए। बैठक के दौरान सिन्हा ने फारूक अब्दुल्ला समेत बैठक में शामिल तमाम नेताओं को देश का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी बताया। उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे जो भी लोग यहां बैठे हैं, फारूक साहब और महबूबा जी को मिला कर…इनसे बड़ा कोई राष्ट्रभक्त नहीं है। अगर ये राष्ट्रवादी नहीं हैं तो फिर देश में कोई राष्ट्रभक्त नहीं है।”
Srinagar, J&K | All our people who’re present here, including Farooq Sahab, Mehbooba Ji, no bigger patriot in the country than them. If these are not patriotic,then none of us have right to claim patriotism towards our country: Opposition’s Presidential candidate Yashwant Sinha pic.twitter.com/0D95hNVlTw
— ANI (@ANI) July 9, 2022
यशवंत सिन्हा द्वारा फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को सबसे बड़ा देशभक्त बताने पर फिल्म निर्माता और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री भड़क गये। विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर लिखा कि “जब कश्मीर जल रहा था, आतंकवाद चरम पर था, हिंदुओं को खुलेआम मारा गया, घर जलाए गए, मंदिर नष्ट किए गए, 18 जनवरी (19 जनवरी की अंधेरी रात से ठीक एक दिन पहले) को इस्तीफा देना और लंदन भाग जाना सबसे देशभक्ति की बात है। क्या कर सकते हैं।”
When Kashmir was burning, terrorism was at its peak, Hindus were killed openly, houses were burnt, temples destroyed, resigning on 18th Jan (just a day before the dark night of 19th Jan) and running away to London is the most patriotic thing one can do. https://t.co/Uax114CIZ2
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) July 9, 2022
गौरतलब है कि जब नागरिकता संशोधन अधिनियम अर्थात सीएए को संसद में पेश किया गया था, उस समय यशवंत सिन्हा ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि इसे धर्म के आधार पर करने की आवश्यकता क्या है? उन्होंने हालांकि तब तक भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी थी, परन्तु यह शायद ही किसी कि यह आभास होगा कि वह इस सीमा तक जा सकते हैं। फिर भी उन्होंने विपक्ष के साथ मिलकर इस बात पर बल दिया था कि आखिर इसमें धर्म की सीमा को क्यों सम्मिलित किया गया।