उपराष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार घोषित किया है। उनका मुकाबला राजस्थान के मूल निवासी जगदीप धनखड़ से होगा। करीब अस्सी वर्षीय अल्वा मूल रूप से कर्नाटक के मेंगलुरु की रहने वाली हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार द्वारा उप राष्ट्रपति प्रत्याशी के लिए उनके नाम की घोषणा कई मायनों में चौंकाने वाली है। क्योंकि वह अपनी पार्टी में ही बड़बोली नेत्री के रूप में सुर्खियों में रहीं हैं। उन्होंने राजीव से लेकर सोनिया गांधी तक पर संगीन आरोप लगाए हैं और कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं को भी नहीं बख्शा। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या सोनिया गांधी ने बड़बोले बयानों और विवादों से नाता रखने वाली अल्वा को माफ कर दिया है? क्या सोनिया खुद के और पति राजीव के खिलाफ बोलने वाली मार्गरेट अल्वा को उप राष्ट्रपति चुनाव में वोट देंगी??
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हाईकमान पर लगाया था टिकट बेचने का आरोप
उप राष्ट्रपति पद की विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने 2008 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान अल्वा ने कांग्रेस हाईकमान पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर सीटें मेरिट के आधार पर न देकर बोली लगाने वालों को दी जा रही हैं। इसके बावजूद उप राष्ट्रपति पद के विपक्ष के प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस ने अल्वा के नाम पर कैसे हरी झंडी दे दी। अल्वा ने जब खुलेआम यह आरोप लगाया था, उस वक्त वह महाराष्ट्र, मिजोरम और पंजाब-हरियाणा की प्रभारी थीं। अल्वा का आरोपों में भले ही दम हो, लेकिन यह कुछ इस तरह के व्यक्तिगत आरोप थे, जिन्हें कांग्रेस आलाकमान का हजम कर पाना बहुत मुश्किलतलब है।
मार्गरेट अल्वा ने पार्टी के अहसानों का बदला राजीव-सोनिया पर आरोप लगाकर चुकाया
मार्गरेट अल्वा राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। राजीव कैबिनेट में अल्वा संसदीय कार्य और युवा विभाग की मंत्री रहीं, जबकि राव की सरकार में पब्लिक और पेंशन विभाग की मंत्री रही हैं। अल्वा ने अपनी पार्टी के इस ‘अहसान’ का बदला बाद में आरोपों से चुकाया। उन्होंने राजीव गांधी ही नहीं, पार्टी अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी तक को नहीं बख्शा। अल्वा के इसी तरह के पार्टी लाइन से बाहर जाते बयानों, किताब में अनावश्यक उल्लेख के चलते सोनिया और मार्गरेट के रिश्ते आमतौर पर मधुर नहीं रहे। फिर भी उनका उप राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस समेत विपक्ष का उम्मीदवार बनना चौंकाता जरूर है।
‘शाहबानो केस में तुष्टिकरण की राजनीति के चलते मौलवियों के आगे झुके राजीव गांधी’
कांग्रेस ने हाईकमान पर इस संगीन आरोप के बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की तो इसकी दो ही वजह हो सकती हैं। एक, अल्वा के आरोपों में दम था। दूसरा पार्टी अल्वा से डरती थी। बड़ी कार्रवाई न होने का परिणाम यह रहा कि 2016 में अल्वा ने अपने बायोग्राफी करेज एंड कमिटमेंट में खुलासा करते हुए दिवंगत राजीव गांधी को घेर लिया। अल्वा ने लिखा- राजीव गांधी जब शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अध्यादेश लाने जा रहे थे, तब मैंने उन्हें मौलवियों के आगे नहीं झुकने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने मेरा सुझाव मानने से इनकार कर दिया था। दरअसल, कांग्रेस मुस्लिमों के तुष्टिकरण की नीति पर आजादी के बाद से चली आ रही है।
Congress’ VP nominee Margaret Alva on how during UPA, Sonia Gandhi used to take decision of who will be made Governor.
Sonia Gandhi called Sushil Kumar Shinde, Margaret Alva to inform they are being made Governor.
Manmohan Singh was just a Rubber Stamp PM. pic.twitter.com/yCju9ZYyeY
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 18, 2022
मनमोहन अपनी कैबिनेट में शामिल कराना चाहते थे, लेकिन सोनिया ने ऐसा नहीं होने दिया
मार्गरेट अल्वा ने एक वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सोनिया गांधी पार्टी में मनमाने ढंग से फैसले लेती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर फैसले लेने का काम एक चेहरे तक केंद्रित हो गया है। साल 2016 में उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल कराना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं होने दिया गया। अल्वा ने अपनी किताब में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए थे। किताब में नरसिम्हा राव के साथ सोनिया की तनातनी का भी जिक्र है।
पायलट पर भी निशाना साधा, भाजपा में जाकर 45 की उम्र में क्या PM बनना चाहते थे
पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता अपने बागी तेवर के लिए जानी जाती हैं और वह पूर्व में ऐसे कई सवाल उठा चुकी हैं जिनकी आज भी चर्चा होती है। उनके लपेटे में एक बार राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी आ चुके हैं। राजस्थान में जब अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान चल रही थी उस वक्त पूर्व केंद्रीय मंत्री मार्गरेट अल्वा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने पायलट से पूछा कि क्या भाजपा में जाकर वह 45 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। अल्वा ने कहा कि 25 साल की उम्र में सचिन पायलट कांग्रेस में शामिल हुए और 26 साल की उम्र में सांसद बन गए। 25 से 41 साल तक की उम्र के सफर में क्या किसी और को इतना सबकुछ मिला है। अब वो बोल रहे हैं कि मुझे मुख्यमंत्री बनाओ।
Congress’ Vice President nominee exposing how Sonia Gandhi insluted dead body of former PM PV Narasimha Rao.
– Didn’t let his body enter Congress office
– Was not given honour of cremation in Delhi
– No picture of him in Congress office pic.twitter.com/WKz3oKW78I— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 18, 2022
पुराना इंटरव्यू वायरल, सोनिया ने पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के शव का अपमान किया
इन दिनों कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा का इंडिया टुडे के साथ साक्षात्कार का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह जुलाई 2016 में उनके द्वारा ‘पत्रकार’ करण थापर को दिया गया था। मार्गरेट अल्वा ने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी पर पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री पीवी नरसिम्हा राव का अपमान करने का आरोप लगाया था। थापर ने कहा, ‘आपकी किताब से सही अर्थ निकलता है कि सोनिया गांधी ने अपना बदला लिया। मार्गरेट अल्वा ने स्वीकार किया कि “यह एक मृत नेता के इलाज का ठीक तरीका नहीं थी।” साक्षात्कार में उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कांग्रेस मुख्यालय में राव की कोई तस्वीर नहीं है। यहां तक कि नरसिम्हा राव को राष्ट्रीय राजधानी में दाह संस्कार या दफनाने का सम्मान नहीं दिया गया था।