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केजरीवाल के करीबी आप नेता संजय सिंह सेना भर्ती पर फैला रहे फेक न्यूज, लोगों को भ्रमित करने के लिए गढ़ रहे झूठी कहानी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश और दुनिया भर में बढ़ती लोकप्रियता भारत के विपक्षी दल पचा नहीं पा रहे हैं। मोदी सरकार के देश हित में लिए गए फैसलों से आज भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और विकास के क्षेत्र में नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। ऐसे में विपक्ष को कुछ सूझ नहीं रहा है कि वे मोदी सरकार का विरोध कैसे करें। उन्हें कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है। इसी आपाधापी में वे कुछ भी बोल देते हैं जो उनके लिए…आ बैल मुझे मार…साबित हो रही है। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी व आम आदमी पार्टी के नेता और राज्य सभा सांसद संजय सिंह मोदी विरोध के लिए फेक न्यूज फैला रहे हैं। उन्होंने सेना भर्ती में जाति का मुद्दा उठाया है और केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया है कि भारत के इतिहास में पहली बार ‘सेना भर्ती’ में जाति पूछी जा रही है। अब इसे तो उनकी नासमझी ही कही जाएगी कि सेना भर्ती में जो नियम भारत की आजादी से पहले से चला आ रहा है और जिसमें मोदी सरकार ने कोई बदलाव ही नहीं किया है तो उस नियम को उठाने का क्या मतलब? यानी ऐसा करके संजय सिंह ने ‘आ बैल मुझे मार’ को ही न्योता दिया है।

सोशल मीडिया पर संजय सिंह की जमकर खिंचाई

सोशल मीडिया पर संजय सिंह की जमकर खिंचाई हो रही है। ट्विटर पर एक यूजर दैट मरीन गाय ने लिखा- कुछ भी बोलना है मतलब। ये 2013 में याचिका भी डाली गई थी। सेना ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती है, बल्कि प्रशासनिक सुविधा और परिचालन आवश्यकताओं के लिए रेजिमेंट में एक क्षेत्र से आने वाले लोगों के समूह को उचित ठहराती है।

एक अन्य यूजर पालिटिक्ससालिटिक्स ने कहा कि केजरीवाल कैमरे पर राष्ट्रवाद के बारे में बात करते हैं और वास्तव में उनकी पार्टी राजनीतिक एजेंडे के लिए भारतीय सेना पर लगातार हमला कर रही है। तथ्य यह है कि यह प्रणाली ब्रिटिश काल से ही अस्तित्व में है। मोदी सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया है।

ट्विटर पर साकेत ने लिखा कि मेरे पिता 1985 में वायुसेना से सेवानिवृत्त हुए, उनके डिस्चार्ज सर्टिफिकेट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है- हिंदू, कायस्थ। तेजस्वी और संजय सिंह जैसे मूर्खों को सेना और रक्षा क्षेत्र पर बोलने की अनुमति क्यों दी गई? इनमें से एक जनहित याचिका प्रचार के भूखे वकील एमएल शर्मा ने दायर की है।

एक अन्य यूजर शर्माजी ने कहा कि पहली बार यह जानकारी नहीं मंगी जा रही सेना भर्ती फार्म में। पहले से ही मांगी जाती रही है। बस संजय सिंह अपने जैसा सबको जाहिल और अनपढ़ समझता है। 2013 में सुप्रीम कोर्ट में सेना का जवाब भी है जिसमें कारण भी बताया गया है। अगर वह पढ़ लेता तो ऐसी बेवकूफी वाली बात ना करता।

संजय सिंह की नासमझी पहले भी हो चुकी उजागर

केजरीवाल के करीबी आप नेता संजय सिंह के लिए यह कोई नई बात नहीं है। वह इससे पहले भी कई बार ‘आ बैल मुझे मार’ का न्योता दे चुके हैं। पिछले साल 2021 में उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह पर संजय सिंह ने एक कंपनी के जरिये घोटाले का आरोप लगाया था। उसके बाद रश्मि मेटालिक्स कंपनी द्वारा फाइल किये गए मानहानि मामले में संजय सिंह को बड़ा झटका लगा था। रश्मि मेटालिक्स ने संजय सिंह को लीगल नोटिस भेजते हुए 7 दिन के अंदर माफी मागंने सहित 5000 करोड़ का मानहानि का दावा ठोंका था। लखनऊ की निचली अदालत ने भी नोटिस जारी कर संजय सिंह को 26 सितंबर को कोर्ट में हाज़िर होने का आदेश दिया है। उत्तर प्रदेश मामले में संजय सिंह ने कहा था कि कंपनी कई जगह ब्लैकलिस्टेड है, तब भी उसे काम दिया गया है, जबकि जम्मू, हिमाचल जहां का भी उदाहरण उन्होंने दिया था कहीं भी ब्लैकलिस्ट का आदेश नहीं था। संजय सिंह ने पश्चिम बंगाल का भी उदाहरण दिया था और वर्ष 2013 का एक कागज दिखाया था, जबकि पश्चिम बंगाल में ही बाद में एक और आदेश जारी हुआ जिसमें कहा गया कि पहला कागज भूलवश जारी हुआ था। आप नेता संजय सिंह की झूठ कई बार पकड़ी जा चुकी है लेकिन वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अब कोई खुद अपनी जगहंसाई पर उतारू हो तो भला उसे कौन रोक सकता है।

पंजाब में भी संजय सिंह के खिलाफ मानहानि केस

वर्ष 2016 में पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी संजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करवाया था। मजीठिया ने खुद लुधियाना की अदालत में पहुंच कर अपना बयान दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि संजय सिंह ने सितंबर में मोगा और दिसंबर की फतेहगढ़ साहिब की रैली में उनके खिलाफ नशे और अन्य अनाप-शनाप आरोप लगाकर उनकी और उनके परिवार की छवि खराब करने की कोशिश की है। मजीठिया ने कहा कि उनके पिता सत्यजीत सिंह मजीठिया 17 कालेज और 50 स्कूल चला रहे हैं। उनके परिवार के सदस्य सेना में जनरल, राज्यपाल और मंत्री तक रहे हैं। संजय सिंह के आरोपों से हमारे प्रतिष्ठित परिवार की छवि खराब हुई है। इस तरह संजय सिंह अपनी झूठी कहानियों के जरिये विरोध का झंडा उठाते रहे हैं और उन्हें मुंह की खानी पड़ी है।

अब सेना भर्ती में जाति का फेक न्यूज उछाला

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने अब ताजा मामले में एक स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया है कि भारत के इतिहास में पहली बार ‘सेना भर्ती’ में जाति पूछी जा रही है। भारत के इतिहास में पहली बार “सेना भर्ती“ में जाति पूछी जा रही है। संजय सिंह के आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि विपक्ष को मोदी विरोध की आदत पड़ गई है। उन्होंने कहा कि मोदी विरोध के मॉडल पर कब तक चलेंगे। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि AAP का मॉड्यूल ही शोर करना है। वो काम करने के वादे पर चुनकर आते हैं लेकिन काम नहीं करते।

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