प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर की रैली में ‘लाल टोपी’ वालों को ‘खतरे की घंटी’ बताकर लोगोंं को अलर्ट किया था। उन्होंने जिस वजह से लोगों को अलर्ट किया था, उसका ट्रेलर रायबरेली में देखने को मिला है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की ‘विजय रथ यात्रा’ के दौरान लाल टोपी वाले गुंडे जिस तरह एक युवक की लिंचिंग करते नजर आए, उससे पता चलता है कि अगर राज्य में अखिलेश यादव की सरकार बनी तो फिर सड़कों पर लाल टोपी वाले गुंडों का आतंक देखने को मिलेगा।
प्रधानमंत्री जी ने सही कहा है –
लाल टोपी लाल निशान यही है समाजवादी गुंडों की पहचान..
देखिए किस प्रकार रायबरेली में लाल टोपी वाले गुंडें एक राहगीर को निर्मम तरीके से पीट रहे हैं! pic.twitter.com/HkRsVPdKZd
— Sambit Patra (@sambitswaraj) December 18, 2021
दरअसल सोशल मीडिया में एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में लाल कुर्ता पैजामा पहने हुए और गले में सपा का झंडा लटकाए कुछ लोग एक युवक की सरेराह बेरहमी से पिटाई करते नजर आ रहे हैं। एक युवक पर दर्जनों लाल टोपी वाले टूट पड़े हैं, उनमें से कोई युवकों को बचाने की कोशिश करता हुआ नहीं दिख रहा है। पिटाई से युवक बेहोश हो गया। इसके बाद पुलिस ने उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों के मुताबिक, युवक के सिर में गंभीर चोटें आयी हैं।
फिलहाल युवक की हालत गंभीर है। वो अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है। उसके पास से कोई पहचान पत्र नहीं मिला है। इसलिए उसकी पहचान नहीं हो पाई है। जो वीडियो वायरल हो रहा है वह रायबरेली के कोतवाली थाना इलाके के बरगद चौराहे के पास का बताया जा रहा है। जब जानने की कोशिश की गई कि लाल टोपी वालों ने किस वजह से युवक की लिंचिंग का प्रयास किया, तो बताया गया कि युवक का क़सूर बस इतना था कि गलती से उसकी साइकिल एक सपाई को छू गई थी।
“ सही ही कहा गया है – लाल टोपी वाले गुंडे “
घटनास्थल है रायबरेली,गरीब का क़सूर बस इतना कि गलती से उसकी साइकिल एक सपाई को छू गई !! pic.twitter.com/DofJSXXG9s
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) December 18, 2021
गौरतलब है कि गोरखपुर रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने लाल टोपी वालों के मंसूबों के बारे में बताया था कि ये लोग इस लिए सत्ता में आने की कोशिश कर रहे हैं ताकि लोगोंं को आतंकित कर सकें, आतंकियों की मदद कर सकें, उन्हें जेल से छुड़ा सकें, घोटाला कर अपनी तिजोरियां भर सकें, जमीनों पर कब्जा कर सकें और माफिया को लूट की खुली छूट मिल सके। रायबरेली की सड़क पर युवक की लिंचिंग की कोशिश से उन्होंने इसका संकेत दे दिया है।