कभी-कभी मार्केटिंग गुरुओं की चाल में फंसकर नेता अपनी छवि बदलने में तो कामयाब हो जाते हैं, लेकिन वो आम जनता की नजर से बच नहीं पाते। ये बातें अखिलेश यादव और मुलायम यादव के साथ फिट बैठती हैं। बाप और बेटे की कई हफ्तों से चली आ रही नौटंकी सोमवार रात को जैसे ही खत्म हुई, अगले ही दिन सुबह-सुबह सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़क गया। आम लोगों ने #AkhileshPolKhol के नाम से ट्वीट करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते ये हैशटैग #AkhileshPolKhol ट्विटर पर नंबर 1 ट्रेंड करने लगा। ये ट्रेंड कई घंटे तक सोशल मीडिया पर छाया रहा।
दरअसल लोगों को इस ड्रामे का अहसास तब हुआ जब चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी की कमान और चुनाव चिह्न साइकिल अखिलेश को दे दी। बाद में पता चला कि मुलायम इसे पाने के लिए सिर्फ बाहरी तौर पर ड्रामा कर रहे थे, जबकि उन्होंने इसे लेकर कोई हलफनामा ही नहीं नहीं दिया था। यही नहीं अगले ही दिन यह भी खबर आ गई कि मुलायम ने अपने पसंदीदा उम्मीदवारों की एक छोटी सी लिस्ट भी अखिलेश को थमा दी है। जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश की आम जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है।
आइये आपको दिखाते हैं कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने किस प्रकार ट्विटर पर अपना गुस्सा उतारा।
बलात्कार पर अखिलेश की क्या है राय
बलात्कार पर नेताजी का बयान
बच्चो से गलती हो जाती है:मुलायम
क्या अखिलेश रेपपर यही सोचते है #AkhileshPolKhol pic.twitter.com/NGDCy21ZYz— ??अजय कुशवाहा?? (@AjayKushwaha_) January 17, 2017
Under @yadavakhilesh UP became a safe heaven for Criminals and rapists. #AkhileshPolKhol pic.twitter.com/JuK2c7XDyN
— MrKamalLochan (@Kamallochan1982) January 17, 2017
#AkhileshPolKhol
?Enjoys CM ship 5yrs
?Cries”Papa didn allow me” b4 elxn
?Baap beta scriptd drama
?If they suceed,Gandhis wl copy drama,2019— Debjani Chatterjee (@devyanidilli) January 17, 2017
अखिलेश-मुलायम में नूराकुश्ती सामने आ चुकी थी। साइकिल अखिलेश को मिल गयी, बात ये अहम नहीं है। अहम बात ये है कि साइकिल पर मुलायम ने कभी दावा किया ही नहीं। उल्टे मुलायम ने चुनाव आयोग से कहा कि उनकी पार्टी में कोई टूट हुई ही नहीं है। जब पार्टी में टूट ही नहीं हुई, साइकिल पर अखिलेश के अलावा कोई दूसरा दावा नहीं कर रहा तो साइकिल फ्रीज भी नहीं हो सकती थी। इसलिए इकलौता फैसला हो सकता था और चुनाव आयोग ने वही किया है।
Why Mulla yum didn’t filed any affidavit in the Election Commission? It’s conspiracy to promote @yadavakhilesh as Leader #AkhileshPolKhol pic.twitter.com/nrc7POerWB
— Puneet Sharma (@iSharmaPuneet) January 17, 2017
अखिलेश को हीरो बनाने के लिए है झगड़े का नाटक #AkhileshPolKhol @abnsbharatorg @ashishbadshah
— रामगोपाल भारतीय (@ramgopalgpt) January 17, 2017
Performindia.com ने एक के बाद एक आंखें खोल देने वाली स्टोरी पाठकों के सामने रखी है और लगातार जनता को आगाह करता रहा है। अखिलेश सरकार ने किस तरह अपराध में रिकॉर्ड बनाए, दंगों में कीर्तिमान स्थापित किए और अपहरण से लेकर बलात्कार और हत्या में तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त किए- इन सब पर आंकड़ों का आईना रखते हुए उत्तर प्रदेश की शासन व्यवस्था को सामने रखा। ये आंकड़े अखिलेश सरकार के सुशासन से जुड़े तमाम दावे ध्वस्त कर देते हैं। पाठकों ने परफॉर्म इंडिया के आंकड़ों पर कितना भरोसा किया है इसका पता चलता है नम्बर वन पर घंटों ट्रेंड करने वाले ट्वीट्स से। इन ट्वीट्स में जनता ने परफॉर्म इंडिया की खबरों पर अपने विश्वास की मुहर लगायी है।
Akhilesh Yadav has given tickets to 38 tainted candidates – each one more
criminal than the other. #AkhileshPolKhol— Pankaj Vyas (@erpankajvyas) January 17, 2017
In Akhilesh’s rule, murderers are thriving. Everyday they take the lives of 13 people. #AkhileshPolKhol
— PRitish⛳ (@PritishThakare) January 17, 2017
In murders, UP is the Number 1 state in the country. A single year of Akhilesh’s Gundaraj saw 23.5 lakh crimes. #AkhileshPolKhol pic.twitter.com/NdNvJck9o5
— Jyoti Katharia (@jyotikatharia) January 17, 2017
Even if the 260% increase in the incidence of rape, when the said
Mulla-yam “लड़को से गलती हो जाती है” for rapist #AkhileshPolKhol
? pic.twitter.com/BDN2PEtC1r— कुंवर अजयप्रताप सिंह (@sengarajay235) January 17, 2017
Serious crime have gone up under Akhilesh (SP) Govt
But media projects him a an ‘Icon of Development’ #AkhileshPolKhol pic.twitter.com/4OXq6idaxt— susmita chakraborty (@sush091979) January 17, 2017
Pathetic that 24 incidents of rape, 13 murders, 17 goondagardi cases and 33 kidnapping cases happen in every 24 hrs in UP.#AkhileshPolKhol pic.twitter.com/F3a1TO4SqB
— Neetu Garg (@NeetuGarg6) January 17, 2017
Performindia.com ने अंदरखाने की राजनीति को भी उजागर किया। अखिलेश और मुलायम के बीच पकती रही खिचड़ी के मायने क्या है- सामने रखा। “यूपी के साथ धोखा है, मुलायम अखिलेश का ड्रामा” शीर्षक से 10 जनवरी को ही परफॉर्म इंडिया ने ये बात साफ कर दी थी कि जो कुछ हो रहा है उसकी स्क्रिप्ट अमेरिका में लिखी गयी है और खुद अखिलेश के एडवाइजर ने ये स्क्रिप्ट तैयार की है। हुआ वही। पिता-पुत्र ने मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने, घरेलू लड़ाई में बेटे को जीत दिलाने और ऐसी कई छिपे मकसद से नूरा-कुश्ती की। अब ये नूरा-कुश्ती सामने आ गयी है। गिरिराज सिंह ने इस बारे में ट्वीट किया है-
#AkhileshPolKhol https://t.co/PhUsKHlOyk
— Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) January 17, 2017
#AkhileshPolKhol Akhilesh is joining hands with scamster Congress.People of country have discarded Congress for 2G scam ,Coal scam etc.
— RAKESH SHARDA (@RAKESHSHARDA4) January 17, 2017
While Uttar Pradesh was burning with Communal riots engineered by Azam Khan,Akhilesh hosted Iftar party for Babri’s lawyer #AkhileshPolKhol pic.twitter.com/tkC5NSwxPr
— Rishi Bagree (@rishibagree) January 17, 2017
चुनाव से पहले अपनी छवि चमकाने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उदघाटनों की झड़ी लगा दी। 6 घंटे में 5500 परियोजनाओं का उदघाटन विश्वकीर्तिमान कम, मजाक ज्यादा लग रहा था। परफॉर्म इंडिया ने पूरी तहकीकात के बाद इस फर्जीवाड़े को “उदघाटन के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं अखिलेश” नामक लेख से सामने रखा। जनता ने इसके तथ्य और कथ्य को बहुत संजीदगी से लिया और ट्विटर पर जो ट्वीट्स हुए उनमें ये साफ तौर पर देखने को मिल रहे हैं।
#AkhileshPolKhol Rise in Dimple Yadav’ wealth
LS By election 2012 Rs 9 Crore
LS 2014 Rs 28 crore
Husband CM wife Malamaal— Chayan Chatterjee (@Satyanewshi) January 17, 2017
Lucknow Expressway is miles away from becoming a reality. He calls incomplete
projects as “benefits” #AkhileshPolKhol— Yuvan Krishna (@krishna_yuvan) January 16, 2017
जब बुद्धि अखिलेश हो जाती है
तो जिंदगी उत्तर प्रदेश हो जाती है।#AkhileshPolKhol— Niketan ?? (@krniketan) January 17, 2017
On ground a single project implementation or delivery can’t be seen. None knows
when. “Samajwadi Smartphone” is coming #AkhileshPolKhol— || प्रियांक जोशी ||™ (@priyankmunjoshi) January 16, 2017
चाहे पूर्वसीएम के लिए आजीवन सरकारी बंगला सुनिश्चित करने की बात हो या अखिलेश ने इस नाम पर अपने लिए जो 200 करोड़ का आलीशान बंगला बनवाया है उसका सच हो- परफॉर्म इंडिया ने खबर के हर पहलू से पाठकों को अवगत कराया है। यहां तक कि SC के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए अखिलेश ने ये काम किया। विधेयक पारित कर पूर्व सीएम के नाम पर बंगला बनाना तय किया और जनता की गाढ़ी कमाई के 200 करोड़ रुपये इसलिए फूंक दिए कि सीएम की कुर्सी छोड़ने के बाद वे आराम से रह सकेंगे।
समाजवादी पार्टी को जनता ने देखा है। मुलायम सिंह के राज में किस तरह से खुलेआम बलात्कार का खेल हुआ, कैसे रामसेवकों पर गोलियां बरसाईं गयीं- ये सब देख चुकने के बाद अखिलेश राज में विकास की गाड़ी ठप हो गयी। दिखावे के लिए परियोजनाओं के शिलान्यास कराए गये। अपराध में अखिलेश ने नये कीर्तिमान बनाए। ऐसे में जब चुनाव जीतना मुश्किल लगने लगा, तो छवि गढ़ने की कुटिल कोशिश हुई। ये संदेश देने का प्रयास किया जाने लगा कि अखिलेश तो ‘शहीद’ हैं। उन्हें उनकी ही पार्टी के शिवपालनुमा चाचा काम करने नहीं दे रहे हैं। नूरा-कुश्ती की पूरी स्क्रिप्ट पर सभी किरदारों ने ‘ईमानदारी’ से काम किया। पर स्क्रिप्ट पहले ही खुल चुकी थी। इस ईमानदारी के दिखावे का सच सामने आ चुका है…और अब जनता चुनाव में बाप-बेटे के समाजवाद को धूल चटाने के लिए कमर कस चुकी है- ऐसे ट्विटर पर प्रतिक्रियाओं को देखने के बाद निश्चित लगता है।