जब कोरोना ने दस्तक दिया था उस समय देश में पर्याप्त वेंटिलेटर तक नहीं था। पूरे देश के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर की संख्य़ा महज 16,000 हजार थी। देश में कोरोना जैसे संकट के समय आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मार्च 2020 को पीएम केयर्स फंड की स्थापना की घोषणा की थी। 18 मई 2020 को पीएम मोदी के सलाहकार भास्कर कुल्बे ने स्वास्थ्य मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी। उस पत्र में पीएम केयर्स फ़ंड से दो हज़ार करोड़ की रक़म से 50 हज़ार ‘मेड इन इंडिया’ वेंटिलेटर्स का ऑर्डर दिए जाने की जानकारी दी गई थी। इससे देश के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर की उपलब्धता 60 हजार से अधिक हो गई। ये सारे वेंटिलेटर पीएम केयर्स और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक जब से भारत में कोरोना महामारी ने दस्तक दी और पीएम केयर्स फंड स्थापित किया गया, तब से अभी तक देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 43,800 से अधिक वेंटिलेटर आवंटित किए गए हैं।
वेंटिलेटर के प्रति राज्यों की दुर्भावना
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के प्रति दुर्भावना के नजरिये से कई गैर-भाजपा सरकारें पूरे वेंटिलेटर का उपयोग नहीं कर रही है। पंजाब और महाराष्ट्र सरकार तो केंद्र सरकार के प्रयास को विफल साबित करने के लिए वेंटिलेटर में मीन-मेष निकालने में जुटी है। उन्होंने कई वेंटिलेटर को खराब बताया है जबकि बहुत कम बदलाव के साथ सारी मशीनें काम कर रही हैं। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संकट के समय में देश की जनता के हित के लिए सभी राज्य सरकारों से उपलब्ध वेंटिलेटर का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया है।
कोरोना की लड़ाई में पीएम केयर्स का योगदान
विषय फंड
वैक्सीनेशन ड्राइव 2200 करोड़
प्रवासी मजदूर 1000 करोड़
राज्यों को मदद 726 करोड़
ऑक्सीजन प्लांट 201 करोड़
वैक्सीन रिसर्च 100 करोड़