प्राइवेट नौकरी करने वालों को हमेशा ही एक डर सताता रहता है कि अगर किसी वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया तो वह क्या करेंगे और दूसरी नौकरी मिलने तक कैसे जीवन जिएंगे। लेकिन अब अगर आपकी नौकरी किसी वजह से चली जाती है तो आपको पैसे की तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा। असल में मोदी सरकार ने बीते साल ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण’ नाम की एक योजना शुरू की थी। इस योजना के अंतर्गत अगर किसी वजह से संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की नौकरी छूट जाती है तो मोदी सरकार योजना के तहत उस आदमी को 24 महीने तक निश्चित राशि देगी।
ईएसआईसी ने दी जानकारी
कर्मचारी राज्य बीमा निगम यानी ईएसआईसी ने एक ट्वीट के जरिए ये जानकारी दी हा कि ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण’ योजना के तहत आपको नौकरी चले जाने पर सरकार आपको आर्थिक मदद देती है।
ईएसआईसी के मुताबिक किसी वजह से आपका रोजगार छूट जाने का मतलब आपकी आमदनी का नुकसान होना नहीं है। निगम के मुताबिक रोजगार की अनैच्छिक हानि या गैर-रोजगार चोट की वजह से स्थायी निशक्तता के मामले में 2 साल के समय के लिए आपको मासिक राशि दी जाती है।
किसे मिलेगा योजना का लाभ
अब सवाल ये उठता है कि इस योजना का लाभ आखिर कौन से लोग उठा सकते हैं तो हम आपको बता दे कि इस योजना का फायदा संगठित क्षेत्र के वही कर्मचारी उठा सकते हैं जो ईएसआईसी से बीमित हैं और दो साल से अधिक समय नौकरी कर चुके हैं। साथ ही उनके आधार और बैंक अकाउंट डाटा बेस से जुड़े होने भी जरूरी हैं।
योजना का लाभ उठाने के लिए करें ये काम
वहीं जिन लोगों को गलत आचरण या फिर किसी आपराधिक मामले की वजह से नौकरी से निकाला गया हो, उन लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। साथ ही योजना के तहत कर्मचारी जीवन में एक ही बार इस तरह की मदद का लाभ उठा सकता है।
आप इस योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले ESIC की बेवसाइट पर जाकर अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
विस्तृत जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएं – www.esic.nic.in
मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की वजह से देश में रोजगार के करोड़ों मौके पैदा हुए हैं। आइए एक नजर डालते हैं रोजगार सृजन पर-
जॉब मार्केट गुलजार, PMEGP से मिले 16 लाख से ज्यादा रोजगार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री इंप्लायमेंट जनरेशन प्रोगाम (PMEGP) में पिछले चार साल में 16 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि 2016-17 में 4,07,840, 2017-18 में 3,87,184, 2018-19 में 5,87,416, 2019-20 में 2,24,136 लोगों के साथ कुल मिलाकर 16,06,576 रोजगार दिए गए। देशभर में ये रोजगार छोटी मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस युनिट खोलने से पैदा हुए हैं। सरकार ने देश के हर एक जिले में 75 यूनिट खोलने का टारगेट रखा है। यूनिट खोलने के लिए सरकार बैंकों, को-ऑपरेटिव के ज़रिये 10 लाख से 25 लाख रुपए देती है और दूसरे फेज में उस यूनिट को बढ़ाने के लिए 25 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए तक देती है। इस योजना से एससी, एसटी और महिलाओं को विशेष फायदा हुआ है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: 69 लाख से अधिक लोगों को किया गया प्रशिक्षित
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। स्किल इंडिया मिशन के PMKVY के तहत देशभर के 69.03 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। PMKVY के तहत वर्ष 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री आरके सिंह के अनुसार प्रशिक्षित युवाओं में 9,28,884 अनुसूचित जाति (एससी) के और 2,69,054 अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू इस योजना से रोजगार के कई नए अवसर खुले हैं और आने वाले दिनों में ये मौके और बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का लक्ष्य देश के कमजोर वर्गों, महिलाओं, युवाओं और हाशिये पर पड़े व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाना है।
14 लाख युवाओं को मिला प्लेसमेंट
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत देश भर में, 33,88,235 उम्मीदवारों ने अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया, जिनमें से 14,05,369 को प्लेसमेंट मिला। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप उम्मीदवारों को काम के लिए तैयार करती है। कौशल भारत मिशन उद्यमिता को भी बढ़ावा देता है, जिसें मुद्रा ऋण एवं अन्य वित्तीय प्रावधानों का भी समर्थन प्राप्त है। इसमें अपना काम करने वाले उम्मीदवारों को प्रोत्साहित किया जाता है और उद्यमी मित्र पोर्टल के माध्यम से मुद्रा ऋण पाने में मदद की जाती है।
स्किल डेवलपमेंट के तहत हर साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण
15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना स्किल डेवलपमेंट मिशन ने युवाओं की किस्मत बदलने का काम किया है। Skill Development के लिए युवाओं को घर से अधिक दूर नहीं जाना पड़े इसके लिए पूरे देश में 13,000 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया। इन केंद्रों से प्रत्येक साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि खुद रोजगार पाने के साथ ही दूसरे को भी रोजगार दे सके।
पिछले दो साल में 3.81 लाख नई सरकारी नौकरियां
केंद्र सरकार का कहना है कि उसके विभिन्न संगठनों में पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान 3.81 लाख से अधिक रोजगार दिए गए। बजट 2019-20 के दस्तावेजों के अनुसार एक मार्च, 2017 तक विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की संख्या 32,38,397 थी, जो एक मार्च, 2019 को बढ़कर 36,19,596 हो गई। इस तरह दो साल के दौरान सरकारी प्रतिष्ठानों में रोजगार के अवसरों में 3,81,199 का इजाफा हुआ।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: जॉब क्रिएटर बन रहे हैं युवा
प्रधानमंत्रीमोदी द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। इस योजना के तहत वर्ष 2015-16 से अब तक अपना कारोबार शुरू करने के लिए 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को बिना गारंटी का ऋण दिया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक 125982 करोड़ रुपए कर्ज बांटे जा चुके हैं। वैसे ही वित्तीय वर्ष 2018-19 में मुद्रा योजना के तहत 311811 करोड़ रुपए, 2017-18 में 2,46,437 करोड़ रुपए जबकि 2016-17 में 1,75,312 करोड़ और 2015-16 में 1,32,954 करोड़ रुपए कर्ज बांटे गए। इस योजना के लाभार्थियों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, यानि महिलाओं की आर्थिक उन्नति में भी यह योजना क्रांतिकारी साबित हुई है। मुद्रा लोन लेने वाले 20 करोड़ लोगों में से 3 करोड़ लोगों ने भी अगर एक व्यक्ति को रोजगार दिया तो सीधे तौर पर छह करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलता है। इस योजना से महिलाओं को ही नहीं, सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों को फायदा मिल रहा है।
हेल्थकेयर सेक्टर में अगले साल तक 4 करोड़ नौकरियां
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि भारत में हेल्थकेयर क्षेत्र में अगले साल तक 4 करोड़ नौकरियां पैदा होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग 2022 तक 3 गुना बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय चिकित्सा उपकरणों का बाजार 2025 तक 50 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल भारत दुनिया के शीर्ष 20 चिकित्सा उपकरणों के बाजार में शामिल है। जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया में चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरणों का बाजार है। साफ है कारोबार और बाजार बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की आयुष्मान योजना देगी 10 लाख रोजगार
पीएम नरेन्द्र मोदी की दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना से अब रोजगार भी मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से पांच साल में करीब 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मोदी सरकार अब सरकारी और निजी अस्पतालों में सीधे तौर पर एक लाख आयुष्मान मित्र तैनात करेगी, इन आयुष्मान मित्रों को 15 हजार रुपए महीना का वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही आयुष्मान मित्रों को हर लाभार्थी पर 50 रुपए का इंसेंटिव भी मिलेगा। योजना लागू होने के बाद डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, टेक्नीशियन जैसे अन्य पदों पर भी नौकरियों के अवसर बनेंगे। इस योजना से देशभर के 20 हजार अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है।
एमएसएमई क्षेत्र में एक करोड़ रोजगार के अवसर
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनआरआई कंसल्टिंग एंड साल्यूशंस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है।
पर्यटन के क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार देने वाला देश है भारत
केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अल्फोंस कन्नमथानम ने बताया कि भारत विश्व में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार देने वाला देश है। उन्होंने कहा कि भारत पर्यटन के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता है। जिन लोगों को रोजगार मिला है, उनमें ज्यादातर गरीब हैं। अल्फोंस ने कहा कि भारत में करीब 8.21 करोड़ लोगों को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है। विदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने अमेरीका, यूरोप, चीन सहित देशों में कई अभियान चलाए हैं, जिससे भारत विदेशी पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह बनता जा रहा है।
‘मेक इन इंडिया’ से 2020 तक 10 करोड़ रोजगार
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ योजना की शुरुआत की थी। यह योजना रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने की ताकत रखती है। ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।
एग्रीटेक सेक्टर्स में मिलेंगे 90 लाख जॉब्स
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 तक एग्रीटेक सेक्टर 90 लाख लोगों को रोजगार देगा। देश में एग्रीटेक सेक्टर काफी तेजी से विकास कर रहा है। इस सेक्टर में 450 स्टार्टअप हैं। दुनिया का हर 9वां एग्रीटेक स्टार्टअप भारत से उभर रहा है। आईटी इंडस्ट्री बॉडी नैस्कॉम की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में एग्रीटेक स्टार्टअप की सालाना ग्रोथ रेट 25% है। एग्रीटेक स्टार्पअप को इस साल की पहली छमाही में मिली फंडिंग पिछले साल की पहली छमाही के मुकाबले 300% ज्यादा है। नैसकॉम के मुताबिक, एग्रीटेक कंपनियों को जून 2019 तक 248 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली जो 2018 में सिर्फ 73 मिलियन डॉलर थी। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत शीर्ष 5 देशों में है। पिछले 5 साल में 5 ग्लोबल एग्रीटेक कंपनियों ने भारत में बिजनेस शुरू किया है। इससे युवाओं के पास रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 तक एग्रीटेक सेक्टर में 90 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।