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बीते 8 वर्षों में गरीबों के कल्याण के लिए ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’  और ‘आयुष्मान भारत’ जैसी कई योजनाओं का व्यापक विस्तार हुआ है- पीएम नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को मैसूरु में कहा कि बीते 8 सालों में हमने गरीब कल्याण की योजनाओं का व्यापक विस्तार किया है। पहले जहां वो सिर्फ एक राज्य की सीमा तक सीमित रहती थीं, अब उनको पूरे देश के लिए सुलभ कर दिया है। अब जैसे वन नेशन, वन राशन कार्ड है। इसी प्रकार आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी पूरे देश में मिल रहा है। इस योजना की मदद से कर्नाटका के 29 लाख गरीब मरीज़ अब तक मुफ्त इलाज करा चुके हैं। इससे गरीबों के 4 हज़ार करोड़ रुपए बचे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि हमारे दिव्यांग साथियों की दूसरों पर निर्भरता कम से कम हो। इसी कड़ी में आज मैसूरु के All India Institute of Speech and Hearing में Centre of Excellence की शुरुआत हुई है।

सरकार निरंतर प्रयास कर रही है कि दिव्यांगों की दूसरों पर निर्भरता कम से कम हो
पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी के अमृतकाल में भारत के विकास में सभी की भागीदारी हो, सबका प्रयास हो, इसके लिए हर ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि हमारे दिव्यांग साथियों की दूसरों पर निर्भरता कम से कम हो। इसलिए हमारी करेंसी में, सिक्कों में दिव्यांगों की सुविधा के लिए नए फीचर जोड़े गए हैं। देश भर में दिव्यांगों की पढ़ाई से जुड़े कोर्स को अधिक समृद्ध किया जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों को, बसों, रेलों और दूसरे दफ्तरों को दिव्यांगों के लिए फ्रेंडली बनाने पर बल दिया जा रहा है। दिव्यागों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के बाद दिक्कत कम हो, इसलिए कॉमन साइन लैंग्वेज भी विकसित की गई है।

Centre of Excellence दिव्यांगों के बेहतर इलाज और रिसर्च को प्रोत्साहित करेगा
उन्होंने कहा कि इसी दिशा में देश के करोड़ों दिव्यागों को जरूरी उपकरण भी मुफ्त दिए गए हैं। बैंगलुरु में जिस आधुनिक सर एम विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन का लोकार्पण हुआ है, वहां ब्रेल मैप और विशेष साइनेज बनाए गए हैं। सभी प्लेटफॉर्म को कनेक्ट करने वाले subway में ramp की सुविधाएं भी दी गई हैं। जो साथी बोल नहीं सकते, ये Centre of Excellence उनकी समस्याओं के बेहतर इलाज से जुड़ी रिसर्च को प्रोत्साहित करेगा। ऐसे साथियों का जीवन बेहतर बनाने और उनके सशक्तिकरण के समाधान देगा।


कर्नाटक के विकास और कनेक्टिविटी के लिए डबल इंजन की सरकार कर रही काम
पीएम मोदी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार कर्नाटक के विकास और यहां की कनेक्टिविटी के लिए कैसे काम कर रही है, इसका एक और उदाहरण मैं आपको देना चाहता हूं। 2014 से पहले केंद्र में जो सरकार थी, तब रेल बजट में कर्नाटक के लिए औसतन 800 करोड़ रुपए की व्यवस्था हर साल होती थी। इस साल के केंद्र सरकार के बजट में इसके लिए लगभग 7 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यानि सीधे-सीधे 6 गुणा से अधिक की बढ़ोतरी। कर्नाटक के लिए रेलवे के 34 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। 2014 से पहले के दस साल में कर्नाटक की सिर्फ 16 किलोमीटर रेल लाइनों का बिजलीकरण हुआ था। हमारी सरकार के दौरान करीब 1600 किलोमीटर रेल लाइन का बिजलीकरण किया गया है। यही है डबल इंजन के काम करने की रफ्तार।

सदियों से असंख्य विधाओं और अनंत विद्याओं को सींच रहे दक्षिण भारत के मठ
पीएम मोदी ने मैसूरु में एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि दक्षिण भारत ऐसे बहुत से मठों का केंद्र है, जो असंख्य विधाओं को, अनंत विद्याओं को सदियों से सींचते आ रहे हैं। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ज्ञान के समान पवित्र कुछ और नहीं है, ज्ञान का कोई और विकल्प नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर में मेरी काशी से लेकर यहीं पास में नंजनगुड दक्षिण काशी तक, मंदिरों और मठों की सशक्त संस्थाओं ने गुलामी के लंबे कालखंड में भी भारत के ज्ञान को प्रदीप्त रखा था।

भगवान बसवेश्वर की प्रेरणा और निःस्वार्थ सेवा की निष्ठा भारत की बुनियाद
पीएम मोदी ने भगवान बसवेश्वर को याद करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा और निःस्वार्थ सेवा की निष्ठा भारत की बुनियाद है। भगवान बसवेश्वर ने हमारे समाज को जो ऊर्जा दी थी, उन्होंने लोकतंत्र, शिक्षा और समानता के जो आदर्श स्थापित किए थे, वो आज भी भारत की बुनियाद में हैं। ये बुनियाद जितनी मजबूत होगी, उतना ही मजबूत हमारा देश होगा। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हीं आदर्शों पर चलते हुये श्री सिद्धगंगा मठ आज सवा सौ से ज्यादा इंस्टीट्यूट्स चला रहा है, समाज में शिक्षा और आध्यात्म का प्रसार कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में आज ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ का उदाहरण हमारे सामने है।

हमारे सभी धार्मिक मठ और संस्थान आगे आकर लोगों को जागरूक करें
अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश का एक भी नागरिक अपनी इस विरासत से अनभिज्ञ और वंचित न रहे। इस अभियान को पूरा करने के लिए हमारे आध्यात्मिक संस्थानों का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे ही, बेटियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए, जल-संरक्षण के लिए, पर्यावरण के लिए, और स्वच्छ भारत के लिए भी हम सबको मिलकर आगे आना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि एक और महत्वपूर्ण संकल्प प्राकृतिक खेती का भी है। हमारा अन्न जितना शुद्ध होगा, हमारा जीवन भी उतना ही स्वस्थ और पवित्र होगा। मैं चाहूँगा कि इस दिशा में भी हमारे सभी धार्मिक मठ और संस्थान आगे आकर लोगों को जागरूक करें। क्योंकि जिस कार्य में संतों का प्रयास जुड़ जाता है, उस कार्य में आध्यात्मिक चेतना और ईश्वरीय आशीर्वाद भी जुड़ जाता है।

 

 

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