दुनिया में सबसे युवा मानव संसाधन भारत के पास है। नई शिक्षा नीति में 21वीं सदी और वैश्विक आवश्यकताओं के मुताबिक इस अपार संपदा के नॉलेज और स्किल्स को तराशने पर बल दिया गया है, ताकि भारत को एक नॉलेज इकोनॉमी बनाया जा सके।
- भारत के पास पूरी दुनिया में प्रतिभा की जरुरत और प्रौद्योगिकी का समाधान देने की क्षमता है इस जिम्मेदारी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूरा करती है।
- इस नीति ने ब्रेन ड्रेन रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों के लिए भारत में कैंपस स्थापित करने के रास्ते खोले हैं। इससे यूनिवर्सिटी और कॉलेज ज्यादा competitive हो पाएंगे।
- 2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को मल्टी सब्जेक्ट इंस्टिट्यूशन बनना होगा। 2030 तक हर जिले में या उसके पास कम से कम एक बड़ा मल्टी सब्जेक्ट हाई इंस्टिट्यूशन होगा।
- संस्थानों के पास ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन कार्यक्रम चलाने का विकल्प होगा। प्रयोगशालाओं से वंचित छात्रों के लिए वर्चुअल लैब जैसी अवधारणाएं काफी मददगार साबित हो सकती है। गुणवत्ता, योग्यता अनुसंधान के लिए एक नया राष्ट्रीय शोध संस्थान बनेगा।
व्यावसायिक शिक्षा
नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया गया है। छठी कक्षा से ही व्यावसायिक यानि वोकेशनल शिक्षा की शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान बच्चे इंटर्नशिप भी करेंगे ताकि स्कूल से निकलने से पहले कम से कम एक कौशल सीख सके।
- छोटी उम्र से ही वोकेशनल एक्सपोजर मिलने से बच्चे भविष्य के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे। प्रैक्टिकल लर्निंग के जरिए युवाओं की ग्लोबल जॉब मार्केट में भागीदारी बढ़ेगी।
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य व्यावसायिक शिक्षा सहित उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 26.3 प्रतिशत (2018) से बढ़ाकर 2035 तक 50 प्रतिशत करना है। सभी व्यावसायिक शिक्षा को उच्च शिक्षा प्रणाली का अंग बनाया जाएगा।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कितने ही प्रोफेशन हैं, जिनके लिए डीप स्किल्स की जरूरत होती है, लेकिन हम उन्हें महत्व ही नहीं देते। अगर स्टूडेंट्स इन्हें देखेंगे तो एक तरह का भावनात्मक जुड़ाव होगा, उनकी रिस्पेक्ट करेंगे। हो सकता है बड़े होकर इनमें से कई बच्चे ऐसे ही उद्योगों से जुड़ें, उन्हें आगे बढ़ाएं।”
समान और समावेशी शिक्षा
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बालिकाओं और महिलाओं की शिक्षा में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रावधान किए गए हैं जिसमें ‘जेेंडर – समावेशी कोष’ की स्थापना एक नया और क्रांतिकारी कदम है।
- यह जेंडर समावेशी कोष राज्यों के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे उनको ऐसी नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों आदि को लागू करने में सहायता मिलेगी जिससे महिलाओं को विद्यालय परिसर में अधिक सुरक्षापूर्ण और स्वस्थ वातावरण मिल सके।
- वंचित इलाकों और समूहों के लिए ‘विशेष शिक्षा क्षेत्र’ की स्थापना पर जोर दिया गया है। शिक्षा के सभी स्तरों तक सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से वंचित समूहों (एसईडीजी) की एक समान सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
- एसईडीजी वर्ग की शिक्षा के लिए समुचित सरकारी निधि का निर्धारण किया जाएगा। सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित छात्रों को और अधिक वित्तीय सहायता और छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी।
- शैक्षिक परिसर में भेदभाव और उत्पीड़न रोकने के लिए बने हुए नियमों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया गया है। सभी व्यवस्थाएं उच्चतर शिक्षा संस्थानों में महिला विद्यार्थियों के लिए भी अनुकूल वातावरण का निर्माण करेंगी।
भारतीयता की महक
नई शिक्षा नीति का विजन ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है जिसमें भारतीय परंपराओं और मूल्यों को जगह मिले। शिक्षा प्रणाली में इंडिया की जगह भारत की झलक मिले।
- इसका उद्देश्य ऐसी समतावादी और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली बनाना है जिससे एक ज्ञान आधारित समाज का निर्माण हो और भारत दुनिया में एक सुपरपावर के रूप में स्थापित हो।
- सभी पाठ्यक्रमों में जरूरी बदलाव शुरुआती स्तर से ही किए जाएंगे। इसमें भारतीय परंपराओं, मान्यताओं और स्थानीयता की झलक होगी। इसमें संस्कृति, धरोहर, रहन-सहन, भाषा, मनोविज्ञान के प्राचीन और समकालीन ज्ञान को भी शामिल किया जाएगा।
- पाठ्यक्रम में कहानियां, कला, खेल आदि के उदाहरण ऐसे होंगे जिनमें भारतीय परंपराओं और स्थानीयता का तत्व शामिल होगा। इसी तरह आदिवासियों की चिकित्सा पद्धति, उनके वन संरक्षण, पारंपरिक खेती के तरीके, प्राकृतिक कृषि आदि के लिए पाठ्यक्रम बनाए जाएंगे।
नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण तथ्य
- मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम परिवर्तित कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।
- एनईपी 2020 के तहत स्कूल से दूर रह रहे लगभग 2 करोड़ बच्चों को मुख्य धारा में वापस लाया जाएगा।
- उच्चतर शिक्षा संस्थानों में 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
- एक विशेष बोर्डिंग स्कूल के रूप में ‘बाल भवन’ स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- इस नीति का लक्ष्य, 2030 तक 100 प्रतिशत युवा और प्रौढ़ साक्षरता की प्राप्ति करना है।
6 साल : शैक्षिक समृद्धि
- पीएम मोदी ने विद्यार्थियों से संवाद और परीक्षा के तनाव से मुक्त का मंत्र देने के लिए ‘परीक्षा पर चर्चा’ का आयोजन किया।
- बच्चों के कौशल और ज्ञान को समृद्ध करने के लिए प्रधानमंत्री नवाचारी लर्निंग कार्यक्रम (ध्रुव) शुरू किया गया।
- मोदी सरकार ने स्कूल जाने वाले एससी के छात्रों के लिए देश भर में अंबेडकर नवोदय विद्यालय खोलने का फैसला लिया।
- मोदी सरकार ने पहले चरण में 350 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को इंटर कॉलेज तक उच्चीकृत करने की मंजूरी दी।
- बजट 2020 में भारत में पढ़ने की चाहत रखने वाले विदेशी छात्रों के लिए ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम की घोषणा की गई।
- मोदी सरकार ने राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय न्यायिक विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की।
- मार्च 2021 तक 150 नए डिग्री/ डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की घोषणा की गई।
- फरवरी 2019 में तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री जावड़ेकर ने ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड की शुरुआत की।
- जुलाई 2018 में 2022 तक शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की गई।
- संस्कृत भाषा के प्रसार के लिए तीन संस्कृत शिक्षण संस्थानों को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों का दर्जा दिया गया।
- स्कूलों को Geographic information system से जोड़ दिया गया है। इससे स्कूलों की कमी को पूरा करने में आसानी हुई है।
- हर स्कूलों में बालक–बालिकाओं के लिए अलग से शौचालय बनाने का वादा किया गया था। ये काम पूरा कर लिया गया है।
- मोदी सरकार ने e-patshala की शुरू की, जहां सभी पुस्तकें और अन्य अध्ययन सामाग्री उपलब्ध हैं।
- नवंबर 2015 में सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्कूलों के मूल्यांकन और विकास के लिए शाला सिद्धि योजना शुरू हुई।
- उच्च शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए 2016 से NIRF रैंकिग सिस्टम को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया।
- विदेशी विशेषज्ञ को शिक्षण के लिए बुलाने के लिए 2015 में Global Initiative for Academic Network (GIAN) की शुरुआत की गई।
- घर बैठे मुफ्त आनलाईन शिक्षा प्राप्त करने के लिए 2017 में ‘स्वयं प्रभा’ आनलाईन एजुकेशन प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई।
- अप्रैल 2017 से मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन का आयोजन शुरू किया।
- मोदी सरकार ने देश में 20 इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस स्थापित किए जाने मंजूरी दी।
- मोदी सरकार ने दिसंबर 2018 में देश में 462 नए एकलव्य स्कूल खोने की मंजूरी दी।
- इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर 2017 में अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत की गई।
- स्पोर्ट्स एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (मणिपुर) की घोषणा की गई।
- मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक लड़कियों के लिए ‘पढ़ो-बढ़ो’ अभियान की शुरुआत की।
- मोदी सरकार ने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के दाखिले के साथ ही 10 प्रतिशत आरक्षण की स्वीकृति दी।
- पढ़ाई बीच में ही छोड़ने पर लगाम लगाने के लिए स्टूडेंट्स डेटा मैनेजमेंटट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम (SDMIS) बनाया गया।
- शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन के तहत राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय (NDL) की स्थापना की गई।
- IIT संस्थानों में पांच नये अनुसंधान पार्क स्थापित करने के प्रस्ताव को मोदी सरकार ने मंजूरी दी।
- मोदी सरकार ने 6 नए आईआईटी और 7 नए आईआईएम खोलने की मंजूरी दी।
- अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने देशभर में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी।
- मोदी सरकार ने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की।