उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के मामले में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शाह आलम पर चाँदबाग में भड़की हिंसा में शामिल होने का आरोप है।
इसके साथ ही दिल्ली पुलिस के हाथ एक बड़ी सफलता तब लगी जब त्रिलोकपुरी इलाके से पुलिस ने दानिश नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया। पुलिस स्पेशल सेल के मुताबिक दानिश, दानिश पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का दिल्ली इंचार्ज है और दिल्ली में 23 से 25 फरवरी के बीच हुई हिंसा से उसका संबंध है।
मौके का फायदा उठाकर फरार हो गया था शाह आलम
लंबे समय तक दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस का ध्यान शाह आलम पर नहीं गया था, जिसकी वजह से उस पर ना कोई एफआईआर हुई और ना कोई पूछताछ। शाह आलम ने इन परिस्थितियों का फायदा और फरार हो गया।
Delhi Police Crime Branch has detained Shah Alam, brother of the suspended AAP Councilor Tahir Hussain (accused in Intelligence Bureau Officer Ankit Sharma murder case). pic.twitter.com/06lGf22eBR
— ANI (@ANI) March 9, 2020
जानकारी के मुताबिक गवाहों ने अपने बयानों में शाह आलम का नाम लिया था, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने उसकी पूछताछ की तो पता चला कि वो फरार है। चश्मदीदों ने बताया कि हिंसा वाले दिन शाह आलम ताहिर हुसैन की छत पर मौजूद था और हिंसा भड़काने में उसका बहुत बड़ा हाथ है।
क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा PFI का मोहरा
दिल्ली पुलिस ने त्रिलोकपुरी इलाके से दानिश नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जो कि आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़ा हुआ है। दानिश पॉपुलर PFI का दिल्ली इंचार्ज है, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी आंदोलन के दौरान से ही लोगों को भड़काने और हिंसा फैलाने का काम कर रहा है।
Delhi Police: “Delhi Police Special Cell has arrested Danish, a member of PFI (Popular Front of India), for spreading false propaganda during anti-CAA protests.” More details awaited. https://t.co/gZuBZZFtVp pic.twitter.com/VVaubs723p
— ANI (@ANI) March 9, 2020
AAP के कई नेता होंगे बेनकाब
दिल्ली में जिस तरह से दंगाइयों ने सड़कों और घरों पर तांडव किया, उससे बार-बार सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी हिंसा बिना पूर्व तैयारी और साजिश की नहीं हो सकती। फिर सवाल उठता है कि इस साजिश में कौन-कौन लोग शामिल है। इन सवालों का जवाब अभी पूरी तरह से मिलना बाकी है, लेकिन हिंसा वाली जगहों से मिले गुलेल, पत्थर और पेट्रोल बम स्पष्ट तौर पर साजिश का संकेत दे रहे हैं। आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के घर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जो पहली नजर में चीख चीख कर हिंसा और उसकी साजिश की कहानी बयां कर रहा है।
मैरून हॉफ स्वेटर में हैं AAP का निगम पार्षद ताहिर हुसैन
हाथ में लाठी, छत में नकाब लगाए लड़के
इसी छत से पथराव हुआ, पेट्रोल बम फेंके गए, गोलियां चली
IB अधिकारी अंकित शर्मा के परिवार के मुताबिक इन्ही लड़को ने हत्या की
ये लगातार केजरीवाल से बात कर रहा था pic.twitter.com/svQLfJqNRf
— Povertyless Bharat (@PovertylessB) February 27, 2020
ताहिर हुसैन ने अपने बचाव में सफाई दी और वीडियो भी जारी किया। लेकिन उसके द्वारा दी गई दलीलें उसके घर के वायरल वीडियो के सामने कहीं नहीं टिकते। अंकित शर्मा हत्या और दंगा मामले में केस दर्ज होने के बाद से ताहिर हुसैन फरार है। लेकिन जिस तरह ताहिर हुसैन ने दंगे को अंजाम दिया है, उससे पता चलता है कि उसके पीछे बड़ी ताकतें काम कर रही हैं। आम आदमी पार्टी का एक ऐसा पार्षद है, जो एक मजदूर से एक रसूखदार नेता बन गया। उसकी पहुंच सीधे आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं तक है। बीजेपी संवाद ने एक ट्वीट किया है, जिसमें बताया है कि हिंसा के तीन दिन पहले तक ताहिर हुसैन ने अमानतुल्लाह खान को 56 बार, मनीष सिसोदिया को 18 बार और सीएम अरविंद केजरीवाल को 9 बार फोन किया था।
Three days before riots, Tahir Hussain
held 56 calls with Amanatullah Khan and Deputy CM Manish Sisodia 18 times and CM Arvind Kejriwal 9 times.— भाजपा सम्वाद (@bjpsamvad) March 2, 2020
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार किया। मिश्रा ने दिल्ली हिंसा के लिए केजरीवाल के साथ ही आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह पर आरोप लगाया है। मिश्रा ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा-
”डंके की चोट पर कह रहा हूं। अगर दंगों के दिनों की ताहिर हुसैन के फोन के कॉल डिटेल्स खुल गई तो दंगों में और अंकित शर्मा की हत्या में संजय सिंह और केजरीवाल दोनों की भूमिका सामने आ जाएगी।”
After being on the back foot following criticism by #DelhiHighCourt for his alleged inflammatory videos, #BJP leader #KapilMishra hit back right at #AAP supremo & #Delhi CM #ArvindKejriwal. He suggested that both Kejriwal & #SanjaySingh are allegedly complicit in #DelhiRiot. pic.twitter.com/eWj4ygTgDk
— IANS Tweets (@ians_india) February 27, 2020
इस बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार से एक गंभीर सवाल किया है। उन्होंने ट्वीट कर सरकार से पूछा है कि अंकित शर्मा की हत्या कहीं आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के इशारे पर इसलिए तो नहीं की गई क्योंकि वह बांग्लादेशी आतंकवादियों के साथ ताहिर हुसैन के संबंधों की जांच कर रहे थे?
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा कहीं बांग्लादेशी आतंकियों के साथ ताहिर हुसैन के संबंधों के तार तो नहीं ढूंढ रहे थे और इसीलिए उनकी हत्या ताहिर के इशारे पर कर दी गई। अंकित की हत्या अगर बांग्लादेशी आतंकियों के साथ ताहिर के संबंधों पर नजर रखने के लिए हुई है तो यह बेहद गंभीर मामला है।’
The govt needs to clarify if IB officer Sharma was targeted and killed at the behest of Aap’s Tahir because Sharma was tailing him for Tahir’s Bangladesh terrorists connection. If true it becomes very very serious matter
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 28, 2020
जिस तरीके से अंकित शर्मा की हत्या हुई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जो खुलासा हुआ, उससे सुब्रमण्यम स्वामी के सवालों को बल मिला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मुताबिक अंकित के शरीर पर चाकुओं के अनगिनत वार के निशान थे। डॉक्टरों के मुताबिक अंकित के शरीर के हर हिस्से पर चाकू से वार किया गया था। यहां तक की उसकी आंत तक को निकाल लिया गया था। अंकित का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक किसी के शरीर में इतने ज़ख्म उन्होंने कभी नहीं देखे थे। दंगे में किसी की मरना और एक जानबूझकर किसी को मारने में बहुत फर्क होता है और इस मामले में ये फर्क स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
सुब्रमण्यम स्वामी के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उन्होंने यह आरोप ऐसे ही नहीं लगाए होंगे। पिछले वर्ष जाफराबाद में NIA ने जब कई सर्च अभियान चलाया था तब NIA को आंतकी सुराग मिले थे जिसमें दिल्ली और UP में कई आतंकी हमले करने का प्लान शामिल था। इस छापे में NIA ने बम बनाने के लिए भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। वहीं पिछले महीने 9 जनवरी को, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में एक इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकी मॉड्यूल का भी पता लगाया था, जिसमें दिल्ली के वज़ीराबाद इलाके में तीन आतंकी संदिग्धों की गिरफ़्तारी हुई थी। इसके साथ ही कई मामले देश में ऐसे भी हैं जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों आतंकियों के साथ लिंक सामने आये हैं। ऐसे में अगर दिल्ली में बांग्लादेशी आतंकवादियों का साथ देने और अंकित शर्मा की हत्या में में कहीं से भी ताहिर हुसैन की भूमिका सामने आती है तो यह मामला आम आदमी पार्टी के लिए और बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है।