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पीएम मोदी से मिला सिख प्रतिनिधिमंडल, पगड़ी बांधकर और सिरोपा भेंटकर किया सम्मानित, पहली बार देश के किसी गुरुद्वारे में प्रधानमंत्री के लिए हुआ अखंड पाठ

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिख समुदाय के बीच काफी गहरा रिश्ता है। जहां प्रधानमंत्री मोदी सिख समुदाय के कल्याण के लिए हर पल तत्पर रहते हैं, वहीं सिख समुदाय भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करने का कोई मौका नहीं चूकता। प्रधानमंत्री मोदी के 72वें जन्मदिन के अवसर पर उनकी बेहतरी के लिए गुरुद्वारा बाला साहिब में ‘अखंड पाठ’ आयोजित किया गया था। इस गुरुद्वारा के एक प्रतिनिधिमंडल ने लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर आज (19 सितंबर, 2022) उनसे मुलाकात की। सिख प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी को पगड़ी बांधकर और सिरोपा भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री के लंबे जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक ‘अरदास’ (प्रार्थना) भी की गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने सिख प्रतिनिधिमंडल से मिलने पर खुशी व्यक्त की और उनकी शुभकामनाओं के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने सिख प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह सिख समुदाय के कल्याण के लिए लगातार काम करते रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी प्रतिनिधिमंडल के व्यवहार और उनकी विनम्रता से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने उन्हें ऐसा महसूस कराया जैसे कि वह सिख समुदाय का ही हिस्सा हैं।

इस दौरान सिख प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री द्वारा सिख समुदाय के सम्मान और कल्याण के लिए की गई महत्वपूर्ण पहल के लिए भी धन्यवाद दिया। सिख प्रतिनिधिमंडल ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस ​​के रूप में घोषित करने, करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खुलवाने, गुरुद्वारों द्वारा चलाए जा रहे लंगरों पर GST को हटाने सहित प्रधानमंत्री द्वारा किए गए कई प्रयासों को याद किया। इसमें गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां अफगानिस्तान से भारत पहुंचाने में सरकार के प्रयासों को भी याद किया। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर दिल्ली के गुरुद्वारा बाला साहिब ने ‘अखंड पाठ’ का आयोजन किया, जो 15 सितंबर को शुरू हुआ और 17 सितंबर को समाप्त हुआ। इस ‘अखंड पाठ’ में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर के अलावा हजारों सिख भक्तों ने भाग लिया था। यह खास तौर पर अलग तरह की पहली पहल थी, जिसमें एक गुरुद्वारे ने देश के प्रधानमंत्री के लिए ‘अखंड पाठ’ का आयोजन किया हो। अधिकारियों ने बताया कि इस अवसर पर गुरुद्वारा की ओर से लंगर, स्वास्थ्य शिविर और रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया।

प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से नरेन्द्र मोदी ने ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ा जब पंजाब और सिख समुदाय की उन्नति के लिए कदम नहीं उठाए हैं। आइए एक नजर डालते हैं उन फैसलों पर जो सिख समुदाय के हित के लिए मिसाल बन गए हैं…

गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती पर लाल किले से संबोधन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौंवे सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती के मौके पर गुरुवार (21 अप्रैल, 2022) की रात 9.30 बजे लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया। पुरानी प्रथा को तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सूर्यास्त के बाद मुगल-युग के स्मारक लाल किले से भाषण दिया। ऐसा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश आजादी के अमृत महोत्सव को और गुरु तेगबहादुर जी के चार सौवें प्रकाश पर्व को एक साथ मना रहा है, एक जैसे संकल्पों के साथ मना रहा है। यहां लालकिले के पास में ही गुरु तेगबहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब भी है! ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था। प्रधानमंत्री ने संबोधन से पहले 400 रुपये का स्मारक सिक्का और विशेष डाक टिकट भी जारी किया । 

‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत तीर्थ सर्किट का निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। जिस करतारपुर साहिब कॉरिडोर की दशकों से प्रतीक्षा की जा रही थी, उसका निर्माण करके हमारी सरकार ने, गुरू सेवा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। हमारी सरकार ने पटना साहिब समेत गुरु गोबिन्द सिंह जी से जुड़े स्थानों पर रेल सुविधाओं का आधुनिकीकरण भी किया है। हम ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के जरिए पंजाब में आनंदपुर साहिब और अमृतसर साहिब समेत सभी प्रमुख स्थानों को जोड़कर एक तीर्थ सर्किट भी बना रहे हैं। उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे बनाने का काम भी आगे बढ़ रहा है।

26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ मनाने की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने 9 जनवरी, 2021 को सिख समुदाय के हित में एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के चारों बेटों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस साल से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर यह घोषणा की। उन्होंने ट्वीट किया कि यह ‘साहिबजादों’ के साहस और न्याय स्थापना की उनकी कोशिश को उचित श्रद्धांजलि है। दमदमी टकसाल के मुखिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वीर बाल दिवस’ की घोषणा कर वो काम किया है, जो डॉ मनमोहन सिंह – एक सिख प्रधानमंत्री नहीं कर सके। गौरतलब है कि गुरु गोबिंद सिंह के चारों पुत्रों की मुगलों ने हत्या कर दी थी।

प्रकाश पर्व पर कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा शुभ दिन गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर की। इस दौरान राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने श्री गुरु नानक देव जी का हवाला दिया। उन्होंने अपने संबोधन में क्षमा भाव शब्द का इस्तेमाल किया। इससे स्पष्ट है कि सिख समुदाय से उनका रिश्ता कितना गहरा है। किसानों ने भी इसे गुरु पर्व का तोहफा बताया और बेहद खुश नजर आए।

गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों को भारत लाने में की मदद 
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां हालात काफी खराब हो चुके हैं। तालिबानी खौफ की वजह से लोग अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं और दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। ऐसे संकट के समय अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों सहित वहां के सिखों के लिए प्रधानमंत्री मोदी देवदूत बनकर सामने आए। भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय वायुसेना के प्रयासों की बदौलत श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों को सुरक्षित काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया। इसके बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों के साथ 46 अफगान सिखों को भी भारतीय वायुसेना के विमान से सुरक्षित भारत लाया गया।

1984 के सिख दंगा पीड़ितों के लिए मोदी सरकार का राहत पैकेज
मोदी सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 05 अगस्त, 2021 को सिख दंगा पीड़ितों के लिए एक पुनर्वास पैकेज की घोषणा की। इसमें प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 3.50 लाख रुपये और घायलों को 1.25 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया। इस पुनर्वास पैकेज में मृतकों के विधवाओं और बुजुर्ग परिजनों को 2500 रुपये मासिक पेंशन देने शामिल था। यह पेंशन उन्हें जीवनभर मिलेगी। पेंशन पर होने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा। इससे पहले 2014 में मोदी सरकार ने 1984 के दंगों में मारे गए लोगों को राहत देने की योजना शुरू की थी। 2021-22 के केंद्रीय बजट में इसके लिए 4.5 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया था।

1984 के सिख दंगों के आरोपियों को जेल भेजा
प्रधानमंत्री दी ने सत्ता में आने के बाद 1984 के सिख दंगों के आरोपियों को सजा दिलाने का काम किया। 1984 में हजारों की संख्या में सिखों का कत्लेआम किया गया था, लेकिन कांग्रेसी सरकारों ने आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचाने का काम किया था। पीएम मोदी ने सत्ता संभालते ही सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया और पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाया। यह पीएम मोदी की कार्रवाई का ही नतीजा है कि सिखों के कत्लेआम के दोषी सज्जन कुमार जैसे कांग्रेस नेता आज सलाखों के पीछे हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी के प्रयासों से ही 35 वर्षों के बाद सिख दंगों के पीड़ितों को अनुदान राशि भी स्वीकृत की गई।

1984 के बाद बनी सिखों की काली सूची को खत्म किया
कांग्रेस पार्टी की सरकार ने साजिश के तहत सिख दंगों के दौरान बाहर गए सिखों को काली सूची में डाल दिया था और यह सूची 35 वर्षों से चली आ रही थी। इस सूची में जिन लोगों के नाम थे वे समाज और देश से पूरी तरह से कटे हुए थे। मोदी सरकार ने सिखों की उस काली सूची को खत्म करके उन्हें देश और समाज से जोड़ने का काम किया है।

हजारों सिख नौजवानों को पासपोर्ट दिलवाया
मोदी सरकार ने पूरी दुनिया, विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका में कई वर्षों से राजनीतिक संरक्षण लेने वाले 50 हजार से अधिक सिख नौजवानों की चिंता को खत्म किया। मोदी सरकार ने इन सिख युवकों को दोबारा पासपोर्ट जारी किया, जिससे वे आसानी से भारत आ सके और दुनिया में कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हुए।

दशकों बाद करतारपुर कॉरिडोर खोलने का सपना पूरा
प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि दशकों बाद सिखों की मांग पूरी हुई और करतारपुर कॉरिडोल खोला गया। करतारपुर साहिब गुरुद्वार का सिखों के लिए विशेष महत्व है, क्योंकि इसी गुरुद्वारे में गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन का आखिरी समय बिताया था। लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस सरकार की लचर नीति की वजह से यह गुरुद्वारा पाकिस्तान की सीमा में चला गया। देश ही नहीं दुनिया में बसे करोड़ों सिख समुदाय के लोग करतारपुर कॉरिडोर को खोलने की मांग दशकों से कर रहे थे, जिसे मोदी सरकार ने पूरा किया है।

जम्मू-कश्मीर में सिख शरणार्थियों को मिली नागरिकता
अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को हटाने का ऐतिहासिक फैसला किया। इसके साथ ही मोदी सरकार ने सिख समुदाय की लंबित मांगों को किया पूरा। अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू कश्मीर में रहने वाले को सामान अधिकार मिला। अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए सिख शरणार्थियों को नागरिकता दी गई।

विदेशों से दान लेने पर लगे प्रतिबंध का हटाया
1984 में सिख दंगों के बाद से अमृतसर के गोल्डन टेंपल यानि श्री हरमिंदर साहिब गुरुद्वार के विदेशों से दान लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन मोदी सरकार ने इस प्रतिबंध को हटाने का काम किया। अब विश्व के किसी भी देश के लोग श्री हरमिंदर साहिब गुरुद्वारे में दान दे सकते हैं।

5 बड़े शहरों के नवीनीकरण की सूची में अमृतसर का नाम जोड़ा
मोदी सरकार ने देश के धार्मिक दृष्टि से पांच बड़े शहरों के आधुनिकीकरण की योजना बनाई। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर इस सूची में अमृतसर का नाम जोड़ा गया, क्योंकि वहां सिख आस्था का प्रतीक, विश्व प्रसिद्ध गोल्डल टेंपल मौजूद है। इस योजना के तहत गोल्डल टेंपल के आसपास कॉरिडोर बनाने के लिए मोदी सरकार करोड़ों रुपये स्वीकृत किए।

शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल को सम्मान
प्रधानमंत्र मोदी ने शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल को पिता तुल्य बताते हुए उनका उसी तरह सम्मान किया। हर किसी को वो तस्वीर याद होगी जब 2019 में वाराणसी में नामांकन से पहले श्री मोदी ने श्री बादल के पैर छुए थे। इतना ही नहीं श्री मोदी ने प्रकाश सिंह बाद को भारत का नेल्शन मंडेला भी कहा।

एमएसपी बढ़ाने की घोषणा पंजाब की धरती से की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों को मानते हुए फसलों की एमएसपी लागत मूल्य का डेढ़ गुना से अधिक करने का फैसला किया। पीएम मोदी ने यह अहम घोषणा पंजाब के मुक्तसर में आयोजित किसान रैली में की। इस प्रकार पीएम मोदी ने पंजाब और वहां के किसानों को मान दिया।

गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व पूरे विश्व में मनाया
प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर केंद्र सरकार ने सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर देश ही नहीं पूरी दुनिया में कार्यक्रमों का आयोजन किया। दुनिया के हर देश और देश के हर जिले में इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए।

गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व पर सिक्का जारी किया
गुरु गोविंद सिंह जी के 350 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी स्वयं पटना साहिब गए वहां मत्था टेका। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के सम्मान में एक सिक्का भी जारी किया।

गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने 4 मार्च, 2019 को गुजरात के जामनगर में गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल के नए 750 बेड एनेक्सी को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने 750 बेड वाले इस अस्तपाल के पीजी होस्टल का भी लोकार्पण किया।

लंगर को किया टैक्स मुक्त
मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार लंगर को टैक्स मुक्त कर दिया। अब गुरुद्वारा या धार्मिक स्थलों में बांटे जाने वाले प्रसाद या इस तरह दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर कुछ भी जीएसटी नहीं लगता है। इसके अलावा धार्मिक स्‍थलों में दिए जाने वाले प्रसादम पर सीजीएसटी और एसजीएसटी अथवा आईजीएसटी, जो भी लागू हो, शून्‍य है।

सुल्तानपुर लोधी का भव्य धार्मिक स्वरूप विकसित किया
मोदी सरकार ने गुरु नानक साहब से जुड़े सुत्तानपुर लोधी का भव्य धार्मिक रूप विकसित किया। इसके लिए वहां करोड़ों रुपये की लागत से विकास के कार्य करवाए गए।

विशेष ट्रेन का ऐलान
गुरु नानक देव जी के 550वें गुरु पर्व पर दिल्ली से गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक स्थान सुल्तानपुर लोधी तक संगत के लिए विशेष ट्रेन का ऐलान किया गया। इसके अलावा मोदी सरकार ने पंज तख्त एक्सप्रेस ट्रेन की घोषणा की। यह ट्रेन श्रद्बालुओं को सिखों के पांचों तख्त के दर्शन कराती है। आईआरसीटीसी श्रद्धालुओं के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था करता है। इस ट्रेन में लगने वाले सभी कोच थर्ड एसी के होते हैं।

हर भाषा में गुरुनानक जी के विचार
भारत सरकार ने यूनेस्को से गुरु नानक जी के विचारों को सभी भाषाओं में प्रकाशित करने की अपील की। इससे अब गुरुनानक जी के विचार दुनिया भर के लोगों के पास उनकी भाषा में पहुंच सकेंगे।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटर फेथ स्टडीज की स्थापना
मोदी सरकार के प्रयास से अमृतसर स्थित गुरुनानाक देव विश्वविद्यालय में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटर फेथ स्टडीज की स्थापना की गई। इसके लिए 67 करोड़ रुपये दिए गए। भाईचारे को बढ़ावा देने वाले इस केन्द्र में सालों भर सेमिनार और वर्कशॉप भी आयोजित किए जाते हैं।

गुजरात में लखपत गुरुद्वारे में हुए नुकसान की मरम्मत 
2001 के भूकंप के दौरान लखपत गुरुद्वारे को काफी नुकसान हुआ था। उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने लखपत गुरुद्वारे में हुए नुकसान की मरम्मत सुनिश्चित करवाने के तत्काल प्रयास किए थे। प्रधानमंत्री का यह कदम सिख धर्म के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा को दर्शाता है। गौरतलब है कि गुरु नानक देव जी अपनी भारत यात्रा के दौरान लखपत में रुके थे। गुरुद्वारा लखपत साहिब में उनके अवशेष स्थापित हैं, जिसमें लकड़ी के खड़ाऊ, पालकी के साथ-साथ गुरु नानक देव जी हाथ से गुरुमुखी में लिखे विचार शामिल हैं।

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