ई-कॉमर्स का कारोबार काफी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने कारोबारियों और खरीददारों को एक सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर एकसाथ लाने के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस की शुरुआत की थी, जो आज छोटे और बड़े कारोबारियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अब जीईएम पोर्टल पर जमकर कारोबार हो रहा है। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की खरीद गतिविधियों में वृद्धि की वजह से चालू वित्त वर्ष में रिकॉर्ड खरीदारी हुई है। वस्तुओं और सेवाओं की खरीद अब तक एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गई है।
दरअसल मौजूदा वित्त वर्ष में सरकारी पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस से एक ट्रिलियन से ज्यादा का सामान खरीदा गया है। इससे उत्साहित प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार (29 नवंबर, 2022) को एक ट्वीट में कहा, “बहुत अच्छी खबर। भारत के उद्यमिता उत्साह और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए जीईएम पासा पलटने वाला है। इस मंच पर अपने उत्पाद प्रदर्शित करने वालों की मैं सराहना करता हूं और दूसरों से भी ऐसा करने को कहता हूं।” प्रधानमंत्री मोदी ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के एक ट्वीट को साझा करते हुए अपनी प्रसन्नता जाहिर की।
Excellent news! @GeM_India is a game changer when it comes to showcasing India’s entrepreneurial zeal and furthering transparency. I laud all those who are displaying their products on this platform and urge others to do the same. https://t.co/O2gioaxxrL
— Narendra Modi (@narendramodi) November 29, 2022
इससे पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जीईएम प्लेटफॉर्म से खरीद के आंकड़े साझा किए। इसमें उन्होंने बताया कि जीईएम की ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू एक लाख करोड़ रुपये के पार हो गई है और ये आंकड़ा वित्त वर्ष 2023 के लिए 29 नवंबर 2022 तक का है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के लोकतांत्रिक और पारदर्शी सार्वजनिक खरीद के दृष्टिकोण ने एक ऐसा मंच तैयार किया है जो व्यवसायों विशेष रूप से MSMEs के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में उभरा है।
Stellar Performance!
₹1 lakh crore Gross Merchandise Value clocked on @GeM_India till today for FY23.
PM @NarendraModi ji’s vision of democratised & transparent public procurement has created a platform which has emerged as a trusted partner for businesses especially MSMEs. pic.twitter.com/0k74jhW0Bo
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 29, 2022
जीईएम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) पी के सिंह ने कहा कि मौजूदा रुझान को देखते हुए इस वित्त वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 1.80 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। सिंह ने कहा, ‘‘आज हमने एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर लिया। चालू वित्त वर्ष के लिए हमारा लक्ष्य 1.5 लाख करोड़ रुपये का था, लेकिन मौजूदा रुख को देखते हुए हम 1.80 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकते हैं।’’ इस पोर्टल से खरीदारी करने वाले शीर्ष पांच राज्यों में गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
अधिकारियों के मुताबिक जीईएम पोर्टल की लोकप्रियता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आने वाले सालों में इस आंकड़ें में वृद्धि देखी जा सकती है। इस पोर्टल से खरीदने वालों में आधिकारिक संस्थाओं के अलावा विक्रेताओं में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के छोटे कारोबारी से लेकर बड़ी कंपनियों तक शामिल है। जुलाई महीने में सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों और विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) को इस वित्तीय वर्ष के अंत तक जीईएम के माध्यम से सभी खरीद करने के लिए कहा था। इस निर्देश ने खरीद में वृद्धि में भी योगदान दिया है।
गौरतलब है कि जीईएम पोर्टल अगस्त 2016 में लॉन्च किया गया था। इस पोर्टल को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की फर्मों और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करना और पारदर्शिता लाना था। इसके जरिये कारोबार में बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है। अब इस पोर्टल के कारण खरीदारी में भी इजाफा हो रहा है और टेंडर प्रक्रिया का समय और खर्च दोनों बच रहा है। इस पोर्टल से छोटे व्यापारी और सेल्फ हेल्प ग्रुप जुड़ कर काफी लाभ अर्जित कर रहे हैं।