तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की आड़ में मुस्लिमपरस्ती करने वाली कांग्रेस की चाल को अब जनता समझ चुकी है। अब वो इसके झांसे में नहीं आ सकती। यही कारण है कि कांग्रेस का दायरा सिमटता जा रहा है। लेकिन कांग्रेस इससे सबक लेने को तैयार नहीं है। कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता का दायरा इतना सीमित है कि इसमें मुसलमानों के अलावा किसी अन्य अल्पसंख्यक धर्म के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस ने इसका फिर प्रमाण दिया है। अमेरिका के विपक्षी नेता जैन त्योहार पर शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन भारत के विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी जैन समुदाय को शुभकामनाएं देना उचित नहीं समझते हैं।
जो बिडेन ने जैन समुदाय के लोगों को दी शुभकामनाएं
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने जैन समुदाय के लोगों को पर्यूषण और दस लक्षण की शुभकामनाएं दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “जिल बिडेन और मैं जैन समुदाय के लोगों को पर्यूषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। हम सभी को अपने जीवन में शांति मिले और मेल-मिलाप बढ़े।”
Jill Biden and I send our best wishes to members of the Jain faith concluding the holy observance of Paryushan and Das Lakshan. May we all find peace and reconciliation in our lives: US Democratic presidential nominee Joe Biden (file pic) pic.twitter.com/t6Rliqgstb
— ANI (@ANI) September 1, 2020
मुस्लिमपरस्त है धर्मनिरपेक्षता का कांग्रेस मॉडल
हालांकि देश में मुस्लिमों के अलावा जैन, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया है, लेकिन धर्मनिरपेक्षता के ठेकेदार कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी को मुस्लिम समुदाय को छोड़कर कोई और अल्पसंख्यक नजर नहीं आता। यह धर्मनिरपेक्षता का कांग्रेस मॉडल है, जहां केवल एक अल्पसंख्यक मायने रखता है। क्योंकि मौजूदा समय में, भारत में धार्मिक तौर पर अल्पसंख्यकों की आबादी 20 प्रतिशत के आसपास है। इनमें मुसलमान 14.2 प्रतिशत हैं। वहीं 2011 की जनगणना से पता चला कि जैन 44 लाख हैं, जो कुल आबादी के 0.37 प्रतिशत हैं।
कांग्रेस की छद्म धर्मनिरपेक्षता से परिचित हो चुकी है जनता
2014 में मोदी लहर में बुरी तरह परास्त होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा के लिए लिए वरिष्ठ नेता एक एंटनी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि छद्म धर्मनिरपेक्षता और एक खास अल्पसंख्यक धर्म के प्रति झुकाव रखने के कारण कांग्रेस की छवि हिंदू विरोधी की बन चुकी है। इसके बाद से ही राहुल गांधी का मंदिर दौरा शुरू हुआ। चूंकि जनता कांग्रेस के असली चरित्र को जान चुकी है कि इसलिए राहुल गांधी का मंदिर दौरा लोगों के मनोरंजन का एक जरिया बन चुका है। यदि कांग्रेस का यह रवैया जारी रहा है, तो वह दिन दूर नहीं जब इस राष्ट्रीय पार्टी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।