सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी अरुण गोयल की चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि प्रक्रिया 24 घंटे के भीतर पूरी कर दी गई। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने चुनाव आयुक्त के रूप में गोयल की नियुक्ति पर कहा कि उसी दिन की प्रक्रिया, उसी दिन आवेदन, उसी दिन स्वीकृति और उसी दिन नियुक्ति। फाइल 24 घंटे तक नहीं चली जैसे कि बिजली की गति है। पीठ ने पूछा कि बिजली की तेजी से चुनाव आयुक्त की नियुक्ति क्यों? चौबीस घंटे के भीतर ही नियुक्ति की सारी प्रक्रिया कैसे पूरी कर ली गई? सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र को ऐसे लोगों को चुनना होगा जिन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में छह साल मिलना चाहिए।
इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं कि सरकार क्या पहले की तरह कछुए की चाल से चलती रहे। और खुद 24 साल में 22 चीफ जस्टिस देने वाला सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयुक्त पर सवाल उठा रहा है। नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि पिछले 26 वर्षों के दौरान 15 मुख्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति है। ऐसे में एक नजर देश के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर डालनी चाहिए। पिछले 24 वर्षों में भारत में 22 मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है। वहीं 1950 के बाद से 48 वर्षों में 28 सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस हुए। सन 2000 के बाद से देश में 22 चीफ जस्टिस हुए हैं जिनमें से कई का कार्यकाल दिनों में गिना जा सकता है। इनमें से एक का कार्यकाल महज 30 दिन और दूसरे का 40 दिन रहा। नवभारत टाइम्स के अनुसार क्या मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों के लिए चयन पैनल में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की मौजूदी मेरिट में मदद करेगी और पारदर्शिता लाएगी? यदि ऐसा है, तो SC की संविधान पीठ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को रद्द क्यों कर दिया, जिसे संसद द्वारा सर्वसम्मति से बनाए गए कानून द्वारा स्थापित किया गया था। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि जो सुप्रीम कोर्ट खुद जजों की नियुक्तियां मनमाने और अपारदर्शी तरीके से करना चाहता है, वही चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में पारदर्शिता चाहता है। देखिए सोशल मीडिया पर लोग क्या कह रहे हैं-
ढोंग क्या है?
यही कि जो सुप्रीम कोर्ट खुद जजों की नियुक्तियां मनमाने और अपारदर्शी तरीके से करना चाहता है, वही चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में पारदर्शिता चाहता है।#SupremeCourt— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) November 23, 2022
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
जिस सुप्रीम कोर्ट को चुनाव आयुक्तों के छोटे कार्यकाल से परेशानी है, वह पिछले 24 साल में 22 मुख्य न्यायाधीश देख चुका है। इनमें से एक का कार्यकाल महज 30 दिन और दूसरे का 40 दिन रहा।#SupremeCourt #ElectionCommissioner
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) November 24, 2022
Is #SupremeCourtOfIndia trying to run the Country without being elected by people of India ?
Self-Appointed Judges & CJI now want to appoint another Constitutional Head CEC
They want Absolute Authority & Zero Accountability@KirenRijiju @narendramodi
https://t.co/psZO495hKQ— RAJEEV GUPTA (@RajeevGuptaCA) November 24, 2022
#SupremeCourtOfIndia Mewlords r worried abt #ElectionCommissioner‘s character but prefer to keep mum abt absurd judgements by different courts so better to b worried abt judiciary more than democratically elected Govt’s decisions..
Now tell which 1 is correct?#SupremeCourt pic.twitter.com/SGBziJk2ii— karuna Tyagi(Proud Hindu) (@K_tyaagii) November 24, 2022
Charity begins at home.
First set-up a neitral body for appointment of judges then seek the same for other appointments.
Come on set an example Millords. #SupremeCourtOfIndia https://t.co/6E3CxdiEnD
— Arman Oza – मार्मिक हिन्दू (@armanoza) November 24, 2022
CEC को मनोनीत करने वाली कमेटी में CJI का होना जरूरी है सही है लेकिन ज़ज appint करने वाली कमेटी में सरकार की भागीदारी ज़ज साहब को मंजूर नहीं है I समझ रहे हैं?#SupremeCourtOfIndia https://t.co/iOF5FqgTWd
— Sanjay Gautam (@anubhutisanjay) November 24, 2022
मुझे लगता है कि @narendramodi इनको भी एक्सपोज कर देना चाहते हैं पब्लिक में। #SupremeCourtOfIndia ऐसी हरकतों से आम जनमानस को उन टिप्पणियों के लिए विवश कर रहा है जो उसकी गरिमा कम ही करेंगी।
वामपंथियों का जाल तोड़ना ही होगा https://t.co/XordCxN52B— Suresh pandey (@sureshpandey4) November 24, 2022
जिस तरह सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग हेड की समीक्षा कर रहा है उसी तरह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की भी समीक्षा हो और उन्हें भी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता का पैनल चुने
— Manoj (@Manoj32309698) November 24, 2022
जो सुप्रीम कोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह अगला CJI खुद अपनी मनमर्जी से चुनता है वो चुनाव आयुक्त पर सवाल खड़े कर रहा है सरकार से जवाब मांग रहा है ??
— Vinod Bhandari (@bhandariv28May) November 24, 2022