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कुंभ में जाएं तो अपने दादा की कब्र पर मोमबत्ती भी जलाएं राहुल- दिनेश शर्मा

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फर्जी हिंदू और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अपने खानदान की असलियत छिपाना और मुश्किल होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने राहुल गांधी को प्रयागराज में कुंभ मेले में आने का न्योता दिया है। उन्होने कहा है कि राहुल गांधी कुंभ मेले में आकर विधिवत पूजा-अर्चना करें। साथ ही, अपने दादा फिरोज जहांगीर खान गांधी की कब्र पर भी मोमबत्ती जलाएं।  

दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी कुंभ मेले का निमंत्रण है। उनके मुताबिक, वहां पुरोहित कोट के ऊपर पहनी जनेऊ उतारकर विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना कराते हैं। इसके बाद दत्तात्रेय गोत्र के नाम पर पुरखों की शांति के लिए गोदान करें। साथ ही, प्रयागराज में ही स्थित अपने दादा फिरोज जहांगीर खान गांधी की कब्र पर भी मोमबत्ती जलाएं, ताकि उनकी आत्मा को भी शांति मिल सके।

गौरतलब है कि राहुल गांधी खुद को जिस दत्तात्रेय गोत्र का बताते हैं, वो उनकी दादी इंदिरा गांधी के पिताजी जवाहरलाल नेहरू का गोत्र है। इंदिरा गांधी की शादी फिरोज खान से हुई थी। और दोनों ने शादी के बाद राजनीतिक लाभ के लिए गांधी उपनाम लगाना शुरू कर दिया। हालांकि इंदिरा और फिरोज में शादी के बात नहीं बनी और इंदिरा गांधी फिरोज का घर छोड़कर अपने पिता जवाहरलाल के साथ रहने चली आई। बाद में राजीव और संजय ने भी अपने पिता से कोई नाता नहीं रखा।

फिरोज गांधी का 48 साल की उम्र में 8 सितंबर 1960 को हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया था। फिरोज को इलाहाबाद में उनके पारिवारिक कब्रिस्तान के बारे में जहां उनको दफना दिया गया। ये कब्रस्तान इलाहाबाद के ममफोर्डगंज मोहल्ले में हैं। इलाहाबाद में आज भी फिरोज के बड़े भाई फिरदौस के बेटे रुस्तम रहते हैं।

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अपनी पोल खुलने के डर से इंदिरा गांधी और उनके परिवार के सदस्यों ने फिरोज खान और उनसे जुड़ी यादों से खुद को दूर ही रखा। कोई भी उनकी कब्र पर नहीं जाता। देखभाल के अभाव में फिरोज गांधी सहित उनके पूर्वजों की कब्र जर्जर हो चुकी हैं। केवल 1980 में मेनका गांधी और उसके बाद सोनिया गांधी यहां आई थीं। उसके बाद परिवार का कोई सदस्य इस कब्रिस्तान में नहीं आया। इस कब्रिस्तान की देखभाल एक चौकीदार करता है। कब्रिस्तान में कुआं और एक मकान के अलावा चौकीदार के रहने के लिए दो कमरे भी बने हुए हैं।

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