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राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट करने में कर दी गलती, जानिए क्या?

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फाइल फोटो

कांग्रेस गांधी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी झूठी खबर फैलाकर मोदी सरकार को भले ही बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अपनी गलतियों के कारण वे खुद कई बार ट्रोल हो चुके हैं। एक बार फिर राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार को चीन मुद्दे पर घेरने की कोशिश की है लेकिन ट्वीट करने में गलती कर दी। 

राहुल गांधी ने शाहाब जाफरी के शेर को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश की लेकिन उन्होंने गलती कर दी। राहुल गांधी ने लिखा-  

तू इधर-उधर की न बात कर, ये बता कि क़ाफ़िला कैसे लुटा,
मुझे रहज़नों से गिला तो है, पर तेरी रहबरी का सवाल है

लेकिन सही शेर है..

तू इधर-उधर की न बात कर, ये बता कि क़ाफ़िला क्यों लुटा,
मुझे रहज़नों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है

इससे पहले भी राहुल गांधी ट्वीट में कई बार गलतियां कर ट्रोल हो चुके हैं। राहुल गांधी ने हाल में एक ट्वीट किया था और लिखा था कि नरेंद्र मोदी वास्तव में ‘सरेंडर मोदी’ हैं।’’ हालांकि उन्होंने सरेंडर शब्द लिखने में स्पेलिंग गलत लिख दी। इसके बाद ट्विटर यूजर्स ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया।

राहुल गांधी के इस ट्वीट में भी गलती है। इस ट्वीट में राहुल गांधी ने राष्ट्रभक्ति को राष्ट्र भक्ती लिखा है। 

राहुल गांधी पहले भी हो चुके हैं ट्रोल  

राहुल गांधी ने ट्विटर पर कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत और अर्थव्यवस्था का एक ग्राफ शेयर किया था। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह लॉकडाउन साबित करता है कि सिर्फ एक चीज अज्ञानता से ज्यादा खतरनाक है और वह है अहंकार। इस ट्वीट के बाद लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।

राहुल के इस ट्वीट के साथ ही लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।

राहुल गांधी सिर्फ नकारात्मकता फैलाते हैं
राहुल गांधी देश के इकलौते ऐसे नेता हैं, जो हर चीज को खारिज करते हैं, लेकिन जिनके पास कोई समाधान नहीं है। राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन चीजों को खारिज करते हैं, जिसके लिए देश-दुनिया में भारत की जय-जयकार होती है। आइए उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस के झूठ और फरेब का सामने रखते हैं

राहुल गांधी का झूठ नंबर 1
राहुल गांधी ने कहा – लॉकडाउन का मकसद फेल हो गया।
सच्चाई – रिपोर्ट से साफ है कि अगर लॉकडाउन नहीं हुआ होता, तो आज कोरोना पीड़ितों की संख्या 14 लाख से 29 लाख के बीच हो सकती थी। कोरोना से मौत की आंकड़ा भी 37 हजार से 78 हजार के बीच हो सकती थी।

राहुल गांधी का झूठ नंबर – 2
राहुल गांधी बस अपने काम की चीज देखते हैं… बाकी चीजें छोड़ देते हैं। ये दोगलापन उस समय से है जब उनकी केंद्र में सरकार थी। उस समय मनमोहन सरकार ने फैसला लिया और सदन के बाहर आकर राहुल गांधी ने फैसले की उस कॉपी को फाड़ दिया था।

अगर उनके हिसाब से लॉकडाउन गलत है तो फिर उनकी ही राज्य सरकारें केंद्र सरकार के निर्णय से पहले क्यों लॉकडाउन बढ़ा रही हैं। केंद्र सरकार के निर्णय से पहले कांग्रेस शासित पंजाब और महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय किया।

राहुल का झूठ नंबर – 3
राहुल गांधी से सवाल किया गया कि महाराष्ट्र में देश के कुल संक्रमितों का एक तिहाई से बड़ा हिस्सा है। वे महाराष्ट्र के लिए कुछ प्रभावी काम क्यों नहीं करते। इस पर राहुल गांधी ने कहा महाराष्ट्र में वे निर्णायक भूमिका में नहीं हैं। तो सवाल ये है कि आखिर वो महाराष्ट्र में सरकार से बाहर क्यों नहीं हो जाते। यही नहीं अगर वे प्रभावी भूमिका में नहीं हैं तो सिर्फ सोनिया का ओरिजिनल नाम लेने पर देश के सबसे बड़े पत्रकार अर्णब गोस्वामी के खिलाफ पूरी सरकार कैसे काम करने लगी?

राहुल गांधी का झूठ नंबर – 4
राहुल गांधी ने अब लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट देने पर आलोचना की है। सच्चाई ये है कि राहुल गांधी ने ही पहले कहा था कि लॉकडाउन से कोई फायदा नहीं होने वाला है और लॉकडाउन लगाए जाने का विरोध किया था।

 

 

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