कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। हालांकि उनकी ‘अज्ञानता’ उनके इस सपने के आड़े आ जाती है। हाल में जब वे 22 से 25 अगस्त के बीच विदेश दौरे पर थे तो उन्होंने कई बार साबित किया कि उनमें ‘ज्ञान’ का सर्वथा अभाव है। 24 अगस्त को लंदन में हुआ। एक इंटरव्यू के दौरान जब राहुल से पूछा गया कि उनकी राजनीतिक विचारधारा क्या है तो उन्होंने कहा, ‘’हम हजारों सालों से आरएसएस के विचारों से लड़ रहे हैं और यह नया नहीं है।”
#WATCH London- My political ideology is…it’s a very old idea in India, and it’s been fighting the RSS idea for thousands of years and it’s not new”: Rahul Gandhi when asked on ‘what shapes his political ideology’ pic.twitter.com/YhGm8VM4CF
— ANI (@ANI) August 25, 2018
आपको बता दें कि आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई है और उसे बने अभी 100 साल भी नहीं हुए हैं। यही नहीं जिस कांग्रेस पार्टी के वे सदस्य हैं उसकी स्थापना के भी अभी 129 साल ही हुए हैं। जाहिर है राहुल गांधी ने यहां भी अपनी अज्ञानता ही जाहिर की है।
बहरहाल अब सवाल उठता है कि आखिर उन्होंने 1000 साल से लड़ने की बात ही क्यों कही? दरअसल कई जानकार मानते हैं कि राहुल गांधी अपने ‘दिव्य ज्ञान’ का प्रदर्शन करते हुए कई बार दिल की सच्चाई भी कह जाते हैं। गौरतलब है कि 1000 सालों तक देश में मुस्लिम शासकों की हुकूमत रही। तो क्या राहुल गांधी की बातों का यह मतलब समझा जाए कि वे मुस्लिम शासकों की तरफदारी करते हुए हिंदुओं से संघर्ष की बात कर रहे हैं?
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी थोड़े-थोड़े समय पर अपने ‘दिव्य ज्ञान’ का परिचय देते रहते हैं। 11 जून को राहुल गांधी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में बोल रहे थे, वहां उन्होंने भाषण में कहा कि जिन लोगों ने कोका कोला कंपनी की शुरुआत की थी, वो अमरीका में शिकंजी बेचा करते थे।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने जिस शख्सियत को शिकंजी बिक्रेता बताया उनके बारे में भी जानना जरूरी है। जॉन पेम्बेर्तों दवाई विशेषज्ञ थे। इन्होंने 1886 में कई दवाई, केमिकल को मिलाकर एक पेय पदार्थ तैयार किया था, उसी को आज कोका कोला के नाम से भी जाना जाता है। ये दुनिया में एक प्रमुख कंपनी और ब्रांड बन चुका है।राहुल के इस दिव्य ज्ञान पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
तो उनकी सोशल मीडिया टीम भी सक्रिय हो गई। राहुल की फजीहत न हो इसलिए विकीपिडिया में जॉन पेम्बेर्तों के प्रोफाइल को ही एडिट कर दिया। हालांकि विकिपीडिया में आप कुछ एडिट करते हैं तो वहां लिखा आता है की इस प्रोफाइल को या फिर इस आर्टिकल को एडिट किया गया है। उसका समय भी दिया हुआ रहता है। जाहिर है राहुल गांधी यहां भी पकड़े गए।
बहरहाल राहुल गांधी को अपने देश की भी जानकारी रखनी चाहिए। वो हर बात में विदेश का उदाहरण देकर फंस जाते हैं। उन्हें यह भी जानना चाहिए कि हर भारतीय इनकी तरह किसी खास परिवार में जन्म लेकर ही बड़े सपने नहीं देखता। जिस अंबानी ब्रदर्स को आजकल ये सुबह-शाम कोसते हैं, उनके संस्थापक धीरूभाई अंबानी की जीवनी पढ़ लें, तो उन्हें समझ में आ जाएगा कि कैसे एक भारतीय भी संघर्ष के बूते बड़ा बिजनेस एंपायर खड़ा कर सकते हैं। देश में ऐसे सैकड़ों उदाहरण भरे पड़े हैं, लेकिन राहुल का ज्ञानवर्द्धन करने की हिमाकत भला कौन करेगा।
आइये हम कुछ ऐसे उदाहरण देखते हैं जिसमें राहुल गांधी ने अपने ज्ञान से लोगों को रू-ब-रू कराया है।
एनसीसी के बारे में नहीं जानते
24 मार्च, 2018 को कर्नाटक के मैसूर में महारानी आर्ट्स-कॉमर्स कॉलेज की छात्राओं से रूबरू होने के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की दूसरी रक्षा पंक्ति एनसीसी के बारे में कहा कि उन्हें राष्ट्रीय कैडेट कोर के बारे में नहीं पता है।
देश की सीमा के बारे में नहीं जानते
24 मार्च, 2018 को कर्नाटक के महारानी आर्ट्स-कॉलेज में ही जब राहुल गांधी ने डोकलाम विवाद को छात्राओं को समझाने की कोशिश की तो उनकी ‘अज्ञानता’ जगजाहिर हो गई। उन्होंने ऐसा समझाया कि विद्यार्थी समझ ही नहीं पाए कि वो कहना क्या चाह रहे हैं।
डेटा लीक के बारे में नहीं जानते
26 मार्च, 2018 को कांग्रेस पार्टी ने आम लोगों की जानकारी डेटा लीक कर विदेशों में पहुंचा दिया। इस गलती के बाद पार्टी ने अपना ऐप ‘WITH INC’ प्ले स्टोर से डिलीट कर दिया, लेकिन राहुल इससे अनजान बने रहे और एक जवाब तक नहीं दिया, क्योंकि इससे डेटा लीक होती थी।
विश्वेश्वरैया का उच्चारण नहीं जानते
24 मार्च, 2018 को कर्नाटक की एक सभा में राहुल गांधी ने टीपू सुल्तान, महाराजा कृष्णराज वोडेयार और विश्व प्रसिद्ध इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया का जिक्र किया लेकिन वे सही उच्चारण नहीं कर पाए और बार-बार विश्वसरैया कहा।
देश की एकता भी नहीं जानते
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मार्च, 2018 में कर्नाटक के अलग झंडे को मंजूरी दे दी, लेकिन राहुल चुप रहे। इस मुद्दे पर माडिया ने प्रतिक्रिया जाननी चाही तो वे अनजान बने रहे।
किसानों के बारे में नहीं जानते
राहुल गांधी अक्सर किसानों की बातें करते हैं, लेकिन 01 अक्टूबर, 2016 को यूपी के फिरोजाबाद में रैली में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनेगी तो वे आलू की फैक्ट्री लगवाएंगे।
लोकसभा में सीटों की संख्या नहीं जानते
12 सितंबर, 2017 में अमेरिका में India at 70: Reflections on the Path Forward टॉपिक पर बर्कले यूनिवर्सिटी में बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा की सीटों की संख्या गलत बताई। लोकसभा में कुल 545 सदस्य होते हैं लेकिन राहुल ने 546 कहा।
स्टीव जॉब्स के बारे में नहीं जानते
19 जनवरी, 2016 को राहुल गांधी मुंबई के नरसी मोंजी मैनेजमेंट कॉलेज में छात्रों को सलाह दी और कहा – उन्हें एक दिन इस देश का शासन चलाना है। कई संस्थाओं को चलाना है, उन्हें माइक्रोसॉफ्ट के स्टीव जॉब्स की तरह बनना होगा। गौरतलब है कि स्टीव जॉब्स एप्पल के संस्थापक थे।
विभाजन के बारे में नहीं जानते
16 अप्रैल, 2007 को एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा, “एक बार मेरा परिवार कुछ करने का फ़ैसला कर ले तो उससे पीछे नहीं हटता। चाहे यह भारत की आजादी हो, पाकिस्तान का बंटवारा या फिर भारत को 21वीं सदी में ले जाने की बात हो।
महाभारत का कालखंड नहीं जानते
20 मार्च, 2018 को कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने राहुल गांधी के नाम से एक ट्वीट किया जिसमें महाभारत को 1000 साल पहले की घटना बता दिया।
धर्म के बारे में नहीं जानते
राहुल गांधी कई बार अपने आपको हिंदू कहते हैं और धर्म के बारे में भी बातें करते हैं। लेकिन मार्च, 2018 को उन्होंने शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक को पानी और दूध मिलाना कह दिया।
पूजा-पाठ की मुद्रा नहीं जानते
वर्ष 2017 में राहुल गांधी काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए गए थे, लेकिन जैसे ही पुजारी के साथ बैठे, उन्होंने नमाज़ की मुद्रा बना ली|
आंतरिक सुरक्षा के बारे में नहीं जानते
24 अक्टूबर, 2013 को इंदौर में एक सभा में राहुल ने कहा कि आईएसआई मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ित युवकों को बरगलाने की कोशिश कर रही है, जबकि खुद उनकी सरकार के गृह मंत्रालय ने ऐसी खबर होने से इनकार कर दिया।
गरीबों की पीड़ा के बारे में नहीं जानते
6 अगस्त 2013 को इलाहबाद के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने गरीबी को महज एक मानसिक स्थिति बताया।
देश के युवाओं के बारे में नहीं जानते
11 अक्टूबर 2012 को चंडीगढ़ के एक विश्वविद्यालय में राहुल ने पंजाब के युवाओं के बारे में कहा कि यहां 10 में से सात युवा नशे की गिरफ्त में हैं।
भीख और काम में अंतर नहीं जानते
14 नवंबर 2011 को उत्तर प्रदेश के फूलपुर में चुनावी सभा में उन्होंने यूपी के युवाओं को महाराष्ट्र जाकर भीख मांगने वाला बता दिया।
सच और झूठ में अंतर नहीं जानते
वर्ष 2013 में भट्टा परसौल के किसानों को पीएम से मिलाने ले गए तो दावा किया कि इस गांव में राख के 74 ढेर मिले हैं, जिनमें मानव अवशेष हैं।
मार्शल और एयर मार्शल में अंतर नहीं जानते
16 सितंबर, 2017 को एयर फोर्स मार्शल अर्जन सिंह का का निधन हो गया था। राहुल गांधी ने ट्वीट पर उनको एयर मार्शल लिख दिया था। बता दें कि भारतीय एयरफोर्स में मार्शल मतलब फाइव स्टार का ऑफिसर और एयर मार्शल मतलब चार स्टार की रैंक होती है।
भारत बड़ा या यूएस, नहीं जानते
राहुल गांधी के भाषण से पता ही नहीं चला कि वे किसे बड़ा बताना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात यूनाइटेड किंगडम से बड़ा है और अगर यूरोप और यूएस को साथ रख दें तो भारत उससे भी बड़ा है।
इस्केप वेलोसिटी के बारे में नहीं जानते
दिल्ली के विज्ञान भवन में नौ अक्टूबर, 2013 को दलित अधिकार सम्मेलन में दलितों के उत्थान पर राहुल गाँधी ने कहा कि दलितों को ऊपर उठने के लिए धरती से कई गुना ज्यादा बृहस्पति ग्रह की ‘इस्केप वेलोसिटी’ जैसी ताकत की जरूरत है।
गाय और महिलाओं में फर्क नहीं जानते
गुजरात में 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान एक रैली के राहुल गांधी ने कहा – अगर गुजरात को किसी ने खड़ा किया है। गुजरात को अगर किसी ने दूध दिया है, तो यहां की महिलाओं ने दिया है।
दिन और रात में फर्क नहीं जानते
राहुल गांधी को जब उपाध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने अपने भाषण में कहा, आज सुबह जब मैं रात को सोकर उठा, यानि उन्हें पता ही नहीं चला कि वे दिन की बात कर रहे हैं या रात की।
भारत की ताकत नहीं जानते
चार अप्रैल, 2013 को दिल्ली में सीआईआई के कार्यक्रम में राहुल ने कहा कि -चीन बड़ा है, ताकतवर है। दिखता है, बड़े-बड़े ढांचे हैं और लोग हमें हाथी कहते हैं, ड्रैगन के सामने तुलना करने के लिए, लेकिन हम हाथी नहीं हैं हम मधुमक्खी का छत्ता हैं।
भ्रष्टाचार और बलात्कार में अंतर नहीं जानते
मध्य प्रदेश के शहडोल में रैली के दौरान राहुल गांधी भीड़ से पूछते हैं कि आपको क्या लगता है, महिलाओं को क्या लगता है? इज्जत थी आपकी? भ्रष्टाचार किया…बलात्कार…सॉरी बलात्कार किया।
कांग्रेस पार्टी के कानून नहीं जानते
कांग्रेस के एक कार्यक्रम में राहुल ने कहा- कांग्रेस में एक भी नियम-कानून नहीं चलता। एक भी नियम-कानून इस पार्टी में नहीं है। हर दो मिनट में नए नियम बनाते हैं, पुराने दबा दिए जाते हैं। किसी को नहीं मालूम कि कांग्रेस पार्टी के नियम क्या हैं।
देश के अर्थतंत्र के बारे में नहीं जानते
राहुल गांधी अक्सर देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाते हैं, लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि अभी देश की इकोनॉमी विश्व में सबसे तेज गति से बढ़ रही है। यूपीए सरकार के औसतन 4.6 प्रतिवर्ष की तुलना में पिछले चार वर्षों में 7.1 प्रतिशत की दर से अर्थव्यवस्था बढ़ी है।