संसद का मानसून सत्र आज 22 जुलाई से शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले सदन में होने वाले हंगामे पर विपक्षी सांसदों को कड़ा संदेश दिया। संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज संसद के मॉनसून सत्र का आरंभ हो रहा है। देश बहुत बारीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो, और देशवासियों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नींव रखने वाला हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले सत्र में विपक्ष द्वारा लोकतंत्र का गला घोंटा गया था। उन्होंने कहा कि ‘पार्लियामेंट के नए संसद गठन होने के बाद जो पहला सत्र था, 140 करोड़ देशवासियों के बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का हुकुम किया है देशवासियों ने, उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ। ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोटने का, उनकी आवाज को रोकने का, उनकी आवाज को दबाने का लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता है। और इन सबका पश्चाताप तक नहीं है, दिल में दर्द तक नहीं है। मैं आज आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं भेजा है। ये सदन दल के लिए नहीं, ये सदन देश के लिए है। ये सदन सांसदों की सीमा तक नहीं है, 140 करोड़ देशवासियों की एक विराट सीमा तक के लिए है। ‘
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “नई संसद के गठन होने के बाद जो पहला सत्र था, 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का आदेश किया उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ। 2.5 घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, उनकी आवाज को रोकने का… pic.twitter.com/FH5yZaxbGB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2024
सत्र शुरू होने से पहले अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मैं विश्वास करता हूं कि हमारे सभी माननीय सांसद पूरी तैयारी के साथ चर्चा को समृद्ध करेंगे, कितने ही विरूद्ध विचार होंगे, विरूद्ध विचार बुरे नहीं होते हैं, नकारात्मक विचार बुरे होते हैं। जहां सोचने की सीमाएं समाप्त हो जाती है, देश को नकारात्मकता की जरूरत नहीं है, देश को एक विचारधारा, प्रगति की विचारधारा, विकास की विचारधारा, देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली विचारधारा से हमें आगे बढ़ना होगा। मैं पूरी आशा करता हूं कि हम लोकतंत्र के इस मंदिर का, भारत के सामान्य मानवी के आशा, आकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए सकारात्मक रूप से उपयोग करेंगे।’
उन्होंने कहा कि ‘भारत के लोकतंत्र की जो गौरवयात्रा है, उसमें ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में मैं देख रहा हूं। व्यक्तिगत रूप से मुझे भी, हमारे सभी साथियों के लिए भी ये अत्यंत गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई और तीसरी पारी का पहला बजट रखने का सौभाग्य प्राप्त हो, ये भारत के लोकतंत्र की गौरवयात्रा की अत्यंत गरिमापूर्ण घटना के रूप में देश इसे देख रहा है। ये बजट अमृतकाल का एक महत्वपूर्ण बजट है। हमें 5 साल का जो अवसर मिला है, आज का बजट हमारे उन 5 साल के कार्य की दिशा भी तय करेगा और ये बजट 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे, तब विकसित भारत का जो हमारा सपना है, उस सपने को पूरा करने की मजबूत नींव वाला बजट लेकर के हम कल देश के सामने आएंगे।’
ये अत्यंत गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आए और तीसरी पारी का बजट रखने का सौभाग्य प्राप्त हो।@narendramodi#ViksitBharatBudget #BudgetSession2024 #BudgetSession #Budget2024@PMOIndia pic.twitter.com/PYe3mJlWU3
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हर देशवासी के लिए एक गर्व की बात है कि भारत बड़ी इकोनॉमी वाले देशों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश है। गत 3 वर्षों में लगातार 8 प्रतिशत ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं, ग्रो कर रहे हैं। आज भारत में पॉजिटिव आउटलुक, निवेश और प्रदर्शन एक प्रकार से ऑपर्चुनिटी की पीक पर है। ये अपने आप में भारत की विकास यात्रा का एक अहम पड़ाव है।’
उन्होंने कहा कि ‘मैं देश के सभी सांसदों से किसी भी दल के क्यों न हों। मैं आज आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं कि हम गत जनवरी से लेकर के हम लोगों के पास जितना सामर्थ्य था, इस सामर्थ्य को लेकर के जितनी लड़ाई लड़नी थी- लड़ ली, जनता को जो बात बतानी थी- बता दी। किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया, किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया। लेकिन अब वो दौर समाप्त हुआ है, देशवासियों ने अपना निर्णय दे दिया है।’
हर देशवासी के लिए ये गर्व की बात है कि भारत बड़ी इकोनॉमी वाले देशों में सबसे तेज गति से बड़ने वाला देश है। गत तीन वर्षों में लगातार 8% ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। @narendramodi#ViksitBharatBudget #BudgetSession2024 #BudgetSession #Budget2024@PMOIndia pic.twitter.com/pdQQ31rjHI
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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ‘चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी राजनीतिक दलों की विशेष जिम्मेदारी है कि हमने दल के लिए जितनी लड़ाई लड़नी थी, लड़ ली, अब आने वाले 5 वर्ष के लिए हमें देश के लिए लड़ना हैं, देश के लिए जूझना हैं, एक और नेक बनकर के जूझना है। मैं सभी राजनीतिक दलों से भी कहूंगा कि आइए हम आने वाले चार, साढ़े चार साल दल से ऊपर उठकर के, सिर्फ और सिर्फ देश को समर्पित होकर के संसद के इस गरिमापूर्ण मंच का हम उपयोग करें।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जनवरी 2029, जब चुनाव का वर्ष होगा आप उसके बाद जाइए मैदान में, सदन का भी उपयोग करना है, कर लीजिए। वो 6 महीने जो खेल, खेलने हैं- खेल लीजिए। लेकिन तब तक सिर्फ और सिर्फ देश, देश के गरीब, देश के किसान, देश के युवा, देश की महिलाएं उनके सामर्थ्य के लिए, उनको सशक्त करने के लिए जनभागीदारी का एक जनआंदोलन खड़ा कर करके 2047 के सपने को पूरा करने के लिए हम पूरी ताकत लगाएं। मुझे आज बहुत दुख के साथ कहना है कि 2014 के बाद कोई सांसद 5 साल के लिए आए, कुछ सांसदों के 10 साल के लिए मौका मिला। लेकिन बहुत से सांसद ऐसे थे, जिनको अपने क्षेत्र की बात करने का अवसर नहीं मिला, अपने विचारों से संसद को समृद्ध करने का अवसर नहीं मिला, क्योंकि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने देश के संसद के महत्वपूर्ण समय को एक प्रकार से अपनी राजनीतिक विफलताओं को ढाकने के लिए दुरूपयोग किया है। मैं सभी दलों से आग्रहपूर्वक कहता हूं कि कम से कम जो पहली बार सदन में आए हैं, ऐसे बहुत बड़ी संख्या में हमारे माननीय सांसद हैं और सभी दल में हैं, उनको अवसर दीजिए, चर्चा में उनके विचारों को प्रकट करने का मौका दीजिए। ज्यादा से ज्यादा लोगों को आगे आने का अवसर दीजिए।’
देखिए प्रधानमंत्री के संबोधन का वीडियो-