नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए 25 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली आए हुए हैं। 8 सितंबर, 2023 को दिल्ली आने के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन एयरपोर्ट से होटल ना जाकर सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने पहुंच गए। राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान जो बाइडेन ने तमाम मुद्दों पर बात की। भारत की जी-20 अध्यक्षता की सराहना करते हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने एक्स पर लिखा कि आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा, श्रीमान प्रधानमंत्री। आज और जी-20 के दौरान, हम पुष्टि करेंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत साझेदारी इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, करीबी और अधिक गतिशील है।
Great seeing you, Mr. Prime Minister.
Today, and throughout the G20, we’ll affirm that the United States-India partnership is stronger, closer, and more dynamic than any time in history. pic.twitter.com/bEW2tPrNXr
— President Biden (@POTUS) September 8, 2023
राष्ट्रपति बाइडेन 9-10 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री आवास पर हुई मुलाकात और बैठक में दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भारत-अमेरिका साझेदारी न केवल दोनों देशों के लोगों के लिए बल्कि वैश्विक कल्याण के लिए भी लाभदायक है।
दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार, निवेश, शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुसंधान, नवाचार, संस्कृति और दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग में निरंतर गति का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के प्रति राष्ट्रपति बाइडेन के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की सराहना की।
दोनों नेताओं ने जून 2023 में प्रधानमंत्री की संयुक्त राज्य अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के भविष्योन्मुखी और व्यापक परिणामों को लागू करने की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की, जिसमें महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) के लिए भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका पहल भी शामिल है।
राष्ट्रपति बाइडेन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग पर प्रधानमंत्री और भारत के लोगों को हार्दिक बधाई दी तथा अंतरिक्ष में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने जी20 की भारत की अध्यक्षता की सफलता सुनिश्चित करने में संयुक्त राज्य अमेरिका से प्राप्त निरंतर समर्थन के लिए राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद दिया।
बैठक के बाद भारत और अमेरिका का संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया। दोनों नेताओं ने अपनी सरकारों से विश्वास और परस्पर समझ पर आधारित हमारे बहुआयामी वैश्विक एजेंडे के सभी आयामों में भारत-अमेरिकी रणनीतिक साझेदारी में बदलाव लाने का काम जारी रखने का आह्वान किया। नेताओं ने इस बात पर एक बार फिर जोर दिया कि स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेशन, बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसरों के साझा मूल्य, जो हमारे देशों की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और यही मूल्य हमारे संबंधों को प्रगाढ़ बनाते हैं।
दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि नई दिल्ली में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के नतीजे सतत विकास में तेजी लाने, बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने और बहुपक्षीय विकास बैंकों को मौलिक रूप से नया आकार देने और उनका विस्तार करने सहित हमारी सबसे प्रमुख साझा चुनौतियों से निपटने के लिए समावेशी आर्थिक नीतियों पर वैश्विक सहमति बनाने के साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत का समर्थन करने में क्वाड के महत्व की पुष्टि की। प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले क्वाड नेताओं के अगले शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति बाइडेन का स्वागत करने के प्रति उत्सुकता व्यक्त की। भारत ने जून 2023 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) में शामिल होने के अमेरिकी निर्णय के बाद व्यापार कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन से संबंधित आईपीओआई पहल स्तंभ का सह-नेतृत्व करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया।
वैश्विक शासन व्यवस्था के अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्व पर आधारित होने संबंधी अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किए जाने और उसमें भारत की स्थायी सदस्यता होने के प्रति अपना समर्थन दोहराया। साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2028-29 में गैर-स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का एक बार फिर से स्वागत किया।
राष्ट्रपति बाइडेन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के साथ-साथ भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण पर प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी। अंतरिक्ष सहयोग के सभी क्षेत्रों में नई सीमाओं तक पहुंच कायम करने संबंधी दिशा निर्धारित करने के बाद नेताओं ने मौजूदा भारत-अमेरिका नागरिक अंतरिक्ष संयुक्त कार्य समूह के अंतर्गत वाणिज्यिक अंतरिक्ष सहयोग के लिए एक कार्य समूह की स्थापना के प्रयासों का स्वागत किया।
दोनों नेताओं ने लचीली वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के लिए अपना समर्थन दोहराते हुए इस संबंध में भारत में अपने अनुसंधान और विकास की उपस्थिति का विस्तार करने के लिए माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी, इंक की लगभग 300 मिलियन डॉलर का निवेश करने की एक बहु-वर्षीय पहल और भारत में अनुसंधान, विकास और इंजीनियरिंग संचालन का विस्तार करने के लिए एडवांस्ड माइक्रो डिवाइस की अगले पांच वर्षों में भारत में 400 मिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा का जिक्र किया। दोनों नेताओं ने अमेरिकी कंपनियों, माइक्रोन, एलएएम रिसर्च और एप्लाइड मैटेरियल्स द्वारा जून 2023 में की गई घोषणाओं के कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया।
अमेरिका ने क्वांटम क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से और अंतरराष्ट्रीय क्वांटम अदान-प्रदान अवसरों को सुविधाजनक बनाने के मंच ‘क्वांटम एंटैंगमेंट एक्सचेंज’ के माध्यम से मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी और ‘क्वांटम इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम’ के सदस्य के रूप में भारत के एस एन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज, कोलकाता की भागीदारी का स्वागत किया। यह भी स्वीकार किया गया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे एक अंतरराष्ट्रीय भागीदार के रूप में शिकागो क्वांटम एक्सचेंज में शामिल हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने अंतरिक्ष और एआई जैसे नए एवं उभरते क्षेत्रों में विस्तारित सहयोग और त्वरित रक्षा औद्योगिक सहयोग के माध्यम से भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी को गहन और वैविध्यपूर्ण बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। दोनों नेताओं ने 29 अगस्त 2023 को कांग्रेस की अधिसूचना की प्रक्रिया पूर्ण होने और भारत में जीई एफ-414 जेट इंजन के निर्माण के लिए जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के लिए बातचीत शुरू होने का स्वागत किया। राष्ट्रपति बाइडेन ने जनरल 31एटॉमिक्स एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) रिमोटली पायलटेड एयरक्रॉफ्ट और उनके उपकरणों की खरीद के लिए भारत के रक्षा मंत्रालय से अनुरोध पत्र जारी होने का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने हमारी सरकारों, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच उच्च-स्तरीय संबद्धता बनाए रखने तथा उज्ज्वल एवं समृद्ध भविष्य के लिए हमारे लोगों की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने, वैश्विक कल्याण के लिए कार्य करने तथा मुक्त, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत में योगदान देने वाली चिरस्थायी भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्वाकांक्षी विजन को साकार करने का संकल्प लिया।