प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज दुनिया की नजर और उम्मीद भारत पर टिकी हुई है। 8 अप्रैल को न्यूज18 के राइजिंग भारत समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘आज दुनिया की नजर भी भारत पर है और दुनिया की उम्मीद भी भारत से है। कुछ ही वर्षों में हम दुनिया की 11वीं से 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बने हैं, बहुत कम समय में, अनेक प्रकार के ग्लोबल चैलेंजेस आए लेकिन भारत रुका नहीं, भारत ने डबल स्पीड से दौड़ लगाई। और एक दशक में अपनी के साइज को डबल करके दिखाया है। जो सोचते थे कि भारत स्लो और स्टेडी चलेगा, उन्हें अब फास्ट एंड फियरलेस इंडिया दिख रहा है और इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि जल्द ही भारत की दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनना तय है।’
आज दुनिया की नज़र भी भारत पर है और दुनिया की उम्मीद भी भारत से है। कुछ ही वर्षों में हम दुनिया की 11वीं से 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बने हैं।
और इसमें कोई संदेह नहीं है कि जल्द ही भारत को दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनना तय है – पीएम @narendramodi#RisingBharatSummit2025 pic.twitter.com/C9xDlHTBWK
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राइजिंग भारत समिट 2025 के पहले दिन अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ग्रोथ की इस अभूतपूर्व स्पीड को कौन ड्राइव कर रहा है? इसे ड्राइव कर रहे हैं भारत के युवा, उनके एंबीशंस और उनके एस्पीरेशंस, युवा भारत की इन्हीं एंबीशंस और एस्पीरेशंस को एड्रेस करना आज देश की प्राथमिकता भी है।’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2025 के 100 दिनों में हमने सिर्फ फैसले नहीं लिए हैं, हमने भविष्य की मजबूत नींव रखी है। हमने Policies से Possibilities की राह खोली है। 12 लाख रुपये तक की इनकम तक टैक्स जीरो। इसका सबसे बड़ा फायदा हमारे यंग प्रोफेशनल्स और आंत्रप्रन्योर्स को मिल रहा है। मेडिकल की 10 हजार नई सीटें, आईआईटी में 6500 नई सीटें यानी एजुकेशन का एक्सपेंशन, इनोवेशन का एक्सीलेरेशन, 50 हजार नई अटल टिंकरिंग लैब यानी अब देश के हर कोने में इनोवेशन का दीप जलेगा और एक दीप से जले दीप अनेक! एआई और स्किल डेवलपमेंट के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यूथ को मिलेगा फ्यूचर रेडी बनने का मौका, 10 हजार नई पीएम रिसर्च फेलोशिप, अब आइडिया से इंपैक्ट तक का सफर और आसान होने वाला है। जैसे स्पेस सेक्टर खोला गया, वैसे ही अब न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर भी ओपन किया गया, इनोवेशन को अब सीमाएं नहीं, समर्थन मिलेगा। इन सभी निर्णयों का सीधा लाभ भारत के नौजवानों को मिलने वाला है क्योंकि जब युवा आगे बढ़ेगा, तभी भारत आगे बढ़ेगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘इन 100 दिनों में भारत ने जो किया है, वो दिखाता है कि भारत रुकने वाला नहीं है, भारत झुकने वाला भी नहीं है, भारत अब थमने वाला भी नहीं है। इन 100 दिनों में भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बना, जिसने उपग्रह की डॉकिंग और अनडॉकिंग की क्षमता हासिल की। भारत ने सेमी क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण करके दिखाया। भारत ने 100 गीगावॉट सोलर कैपेसिटी का ऐतिहासिक पड़ाव पार कर लिया। भारत ने 1 हजार मिलियन टन का रिकॉर्ड बनाया। National Critical Mineral Mission की शुरुआत हुई और इन्हीं 100 दिनों में कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग गठित करने का निर्णय हुआ। किसानों के लिए खाद पर सब्सिडी में बढ़ोतरी का फैसला हुआ यानी अन्नदाता की चिंता सरकार की प्राथमिकता है। इतना ही नहीं इन्हीं 100 दिनों में दुनिया की सबसे ऊंची टनलों में से एक सोनमर्ग टनल राष्ट्र को समर्पित की गई। आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि, आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की ताकत में नए नगीने जुड़ गए। सेना के लिए मेड इन इंडिया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर खरीदी को हरी झंडी मिली और वक्फ का, वक्फ कानून में संशोधन का बिल पास हुआ यानी सामाजिक न्याय के लिए एक और बड़ा और ठोस कदम लिया गया। ये 100 दिन, 100 फैसलों से भी बढ़कर है। ये 100 संकल्पों की सिद्धि के दिन हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘परफॉर्मेंस का यही मंत्र राइजिंग भारत के पीछे की असली एनर्जी है। अभी दो दिन पहले ही मैं रामेश्वरम में था। वहां मुझे ऐतिहासिक पंबन ब्रिज के लोकार्पण का अवसर मिला। करीब सवा सौ साल पहले अंग्रेजों ने वहां एक पुल बनवाया था। उस पुल ने इतिहास देखा, उसने आंधियां सहीं, एक बार सुनामी ने, साइक्लोन ने उस पुल को बहुत नुकसान पहुंचाया। सालों तक देश इंतजार करता रहा, लोग मांग करते रहे, लेकिन पहले की सरकारों की नींद नहीं टूटी, जब हमारी सरकार आई, तो नए पंबन ब्रिज के लिए काम शुरू हुआ। और अब देश को अपना पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल-सी ब्रिज मिल गया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘परियोजनाओं को लटकाते रहने से देश नहीं चलता, देश चलता है, परफॉर्म करने से, तेजी से काम करने से। Delay is the enemy of development और हमने इस दुश्मन को हराने की ठान ली है। जैसे असम का बोगीबील ब्रिज, हमारे पूर्व पीएम देवगौड़ा जी ने 1997 में इसकी आधारशिला रखी। वाजपेयी जी की सरकार आई, उन्होंने काम शुरू करवाया। वाजपेयी जी की सरकार गई, कांग्रेस की सरकार आई, तो ब्रिज का काम भी लटक गया। अरुणाचल और असम के लाखों लोग परेशान होते रहे, लेकिन तब की सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा। 2014 में आपने जब हमें सेवा करने का मौका दिया और ये प्रोजेक्ट फिर से शुरू हुआ। और सिर्फ 4 साल में, 2018 में ब्रिज का काम पूरा हो गया। ऐसे ही केरला में कोल्लम बाईपास रोड प्रोजेक्ट का भी उदाहरण है। ये 1972 से अटका था, सोचिए! 50 साल! LDF हो या UDF किसी सरकार ने 50 साल तक इसपर कोई काम नहीं कराया। हमने सरकार बनने के 5 साल के अंदर इसका काम पूरा कर दिया।’
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— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) April 9, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘किसी भी देश के तेज विकास के लिए बहुत जरूरी है, देश में शांति, स्थिरता और सुरक्षा की भावना। गुरुदेव टैगोर की कल्पना थी, चित्त जेथा भयशून्यो, उच्च जेथा शिर, Where the mind is without fear, and the head is held high. लेकिन दशकों तक भारत में डर का, भय का, आतंक का माहौल बढ़ता ही गया। इसका सबसे ज्यादा नुकसान भी युवाओं को ही हुआ। हिंसा, अलगाव, आतंक की आग में सबसे ज्यादा देश का युवा ही झुलसा है। जम्मू कश्मीर में दशकों तक युवाओं की अनेक पीढ़ियां बम-बंदूक और पत्थरबाजी में खप गईं। लेकिन दशकों तक देश पर शासन करने वाले, इस आग को बुझाने का साहस नहीं दिखा पाए। हमारी सरकार की स्ट्रॉन्ग पॉलिटिकल विल और संवेदनशीलता के चलते आज वहां हालात बदले हैं। आज जम्मू कश्मीर का नौजवान विकास से जुड़ चुका है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ग्रोथ में, तुष्टिकरण की राजनीति एक बहुत बड़ी चुनौती रही है। अभी संसद में वक्फ से जुड़े कानून में संशोधन हुआ है। ये जो वक्फ से जुड़ी डिबेट है, इसके मूल में तुष्टिकरण की राजनीति है, पॉलिटिक्स ऑफ अपिजमेंट है। ये तुष्टिकरण की राजनीति कोई नई नहीं है। इसका बीज, हमारे स्वतंत्रता संग्राम के समय ही बो दिया गया था। अलग देश का विचार सामान्य मुस्लिम परिवारों का नहीं था। बल्कि कुछ कट्टरपंथियों का था। जिसको कांग्रेस के कुछ नेताओं ने खाद-पानी दिया। ताकि वे सत्ता के अकेले दावेदार बन सकें।’
तुष्टिकरण यानि पॉलिटिक्स ऑफ Appeasement भारत की सोशल जस्टिस की मूल अवधारणा के पूरी तरह खिलाफ है।
लेकिन कांग्रेस ने इसे वोटबैंक की राजनीति का हथियार बना दिया।
2013 में वक्फ कानून में किया गया संशोधन मुस्लिम कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं को खुश करने का प्रयास था। pic.twitter.com/OSJijgEB4G— Social Tamasha (@SocialTamasha) April 8, 2025
उन्होंने कहा कि ‘तुष्टिकरण की इस राजनीति में कांग्रेस को सत्ता मिली, कुछ कट्टरपंथी नेताओं को ताकत और दौलत मिली लेकिन सवाल ये है, आम मुसलमान को क्या मिला? गरीब, पसमांदा मुसलमान को क्या मिला? उसे मिली उपेक्षा। उसे मिली अशिक्षा। उसे मिली बेरोजगारी। और मुस्लिम महिलाओं को क्या मिला? उन्हें मिला, शाहबानो जैसा अन्याय। जहां उनका संवैधानिक हक कट्टरपंथ की भेंट चढ़ गया। उन्हें मिला, चुप रहने का आदेश, सवाल न पूछने का दबाव। और कट्टरपंथियों को मिल गया खुला लाइसेंस, महिलाओं के अधिकारों को कुचलने का।’
राइजिंग भारत समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘तुष्टिकरण यानी पॉलिटिक्स ऑफ appeasement भारत की सोशल जस्टिस की मूल अवधारणा के पूरी तरह खिलाफ है। लेकिन कांग्रेस ने इसे वोटबैंक की राजनीति का हथियार बना दिया। 2013 में वक्फ कानून में किया गया संशोधन मुस्लिम कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं को खुश करने का प्रयास था। इस कानून को ऐसा रूप दिया गया कि उसने संविधान के ऊपर खड़ा होने का भ्रम पैदा किया। जिस संविधान ने न्याय के रास्ते खोले, उन्हीं रास्तों को वक्फ कानून में संकुचित कर दिया गया। और इसके दुष्परिणाम क्या हुए? कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हुए। केरल में ईसाई समाज के ग्रामीणों की जमीन पर वक्फ के दावे, हरियाणा में गुरुद्वारों की जमीन विवादों में, कर्नाटक में किसानों की जमीन पर दावा, कई राज्यों में गांव के गाँव, हजारों हेक्टेयर जमीन अब NOC और कानूनी उलझनों में फंसी पड़ी हैं। मंदिर हों, चर्च हों, गुरुद्वारे हों, खेत हों, सरकारी जमीनें हों, किसी को भी अब भरोसा नहीं रह गया था कि उनकी जमीन उनकी ही रहेगी। सिर्फ एक नोटिस आता था और लोग अपने ही घर और खेत के लिए कागज़ ढूंढते रह जाते थे। जो कानून न्याय के लिए था, वो डर का कारण बन गया, ये कैसा कानून था?’