राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज, 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में आपातकाल, अर्थव्यवस्था, किसान, महिला सशक्तिकरण, कश्मीर, पेपर लीक से लेकर मोदी 3.0 के विजन का जिक्र किया। अपने अभिभाषण में मोदी सरकार के अगले 5 सालों का विजन सामने रखते हुए उन्होंने पिछले दस साल में किए गए कामों का भी उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर यहां आए हैं। देश और लोगों की सेवा करने का यह अवसर बहुत कम लोगों को मिलता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 के लोक सभा चुनाव की चर्चा आज पूरी दुनिया में है। दुनिया देख रही है कि भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार स्थिर और स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई है। छह दशक बाद ऐसा हुआ है। ऐसे समय में जब भारत के लोगों की आकांक्षाएं सर्वोच्च स्तर पर हैं, लोगों ने सरकार पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है। इसलिए 2024 का ये चुनाव नीति, नीयत, निष्ठा और निर्णयों पर विश्वास का चुनाव रहा है। मेरी सरकार ने 10 वर्षों से सेवा और सुशासन का जो मिशन चलाया है, ये उस पर मुहर है।
उन्होंने कहा कि 18वीं लोक सभा कई मायनों में एक ऐतिहासिक लोक सभा है। ये लोक सभा अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में गठित हुई है। ये लोक सभा, देश के संविधान को अपनाने के 75वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी। मुझे विश्वास है कि इस लोक सभा में जन कल्याण के फैसलों का नवीन अध्याय लिखा जाएगा। आगामी सत्र में मेरी सरकार अपने इस कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। ये बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और विजन का एक प्रभावी दस्तावेज होगा। राज्य के विकास से देश का विकास, इसी भावना के साथ हम आगे बढ़ते रहेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के संकल्प ने आज भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। 10 साल में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर पांचवें नंबर पर पहुंचा है। साल 2021 से लेकर साल 2024 के बीच भारत ने औसतन 8 प्रतिशत की रफ्तार से विकास किया है। और ये ग्रोथ सामान्य समय में नहीं हुई है। बीते वर्षों में हमने 100 साल की सबसे बड़ी आपदा देखी है। वैश्विक महामारी के कालखंड और विश्व के अलग-अलग कोनों में चल रहे संघर्षों के बावजूद भारत ने ये विकास दर हासिल की है। ये बीते 10 साल के रिफॉर्म्स और राष्ट्रहित में लिए गए बड़े फैसलों के कारण संभव हुआ है। आज भारत अकेले ही दुनिया की ग्रोथ में 15 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। अब मेरी सरकार भारत को विश्व की तीसरे नंबर की इकॉनॉमी बनाने में जुटी हुई है। इस लक्ष्य की प्राप्ति विकसित भारत की नींव को भी मजबूत करने का काम करेगी।
दोनों सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मेरी सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर बहुत जोर दिया गया है। गांवों में कृषि आधारित उद्योगों, डेयरी और फिशरीज़ आधारित उद्योगों का विस्तार किया जा रहा है। इसमें भी सहकारिता को प्राथमिकता दी गई है। सरकार, किसान उत्पाद संघ- एफपीओ और पैक्स जैसे सहकारी संगठनों का एक बड़ा नेटवर्क बना रही है। छोटे किसानों की बड़ी समस्या भंडारण से जुड़ी होती है। इसलिए मेरी सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना पर काम शुरु किया है। किसान अपने छोटे खर्चे पूरे कर सकें, इसके लिए पीएम किसान सम्मान निधि के तहत उन्हें 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि दी जा चुकी है। मेरी सरकार के नए कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है। सरकार ने खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि आज का भारत, अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है। हम ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर हों और ज्यादा से ज्यादा निर्यात से किसानों की आमदनी बढ़े, इस सोच के साथ नीतियां बनाई गई हैं, निर्णय लिए गए हैं। जैसे सरकार दलहन और तिलहन में दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने के लिए देश के किसानों को हर संभव मदद दे रही है। ग्लोबल मार्केट में किस तरह के फूड प्रोडक्ट की डिमांड ज्यादा है, उसके आधार पर नई रणनीति बनाई जा रही है। आजकल ऑर्गेनिक उत्पादों को लेकर दुनिया में डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है। भारत के किसानों के पास इस डिमांड को पूरा करने की भरपूर क्षमता है। इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है। ऐसे प्रयासों से किसानों का खेती पर होने वाला खर्च भी कम होगा और उनकी आय भी और बढ़ेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत, दुनिया की चुनौतियां बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि दुनिया को समाधान देने के लिए जाना जाता है। विश्व-बंधु के तौर पर भारत ने अनेक वैश्विक समस्याओं के समाधान को लेकर पहल की है। जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक, पोषण से लेकर सस्टेनबल एग्रीकल्चर तक हम अनेक समाधान दे रहे हैं। मेरी सरकार उन आधुनिक मानदंडों पर काम कर रही है, जिससे भारत विकसित देशों के सामने बराबरी से खड़ा हो सके।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरूआत की है। देश की नारीशक्ति लंबे समय तक लोक सभा और विधान सभा में अधिक भागीदारी की मांग कर रही थी। आज उनके पास नारी शक्ति वंदन अधिनियम की ताकत है। सरकार की योजनाओं की वजह से पिछले एक दशक में महिलाओं का आर्थिक सामर्थ्य बढ़ा है। बीते 10 वर्ष में बने 4 करोड़ पीएम आवास में से ज्यादातर महिलाओं के नाम ही आबंटित हुए हैं। अब तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही सरकार ने 3 करोड़ नए घर बनाने को स्वीकृति दे दी है। इनमें से भी अधिकतर घर महिलाओं के नाम पर ही आबंटित होंगे। बीते 10 वर्षों में 10 करोड़ महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं। मेरी सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का एक व्यापक अभियान चलाया है। सरकार का प्रयास है कि महिलाओं का कौशल बढ़े, कमाई के साधन बढ़ें और उनका सम्मान बढ़े।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब देश के गरीब, युवा, नारीशक्ति और किसान सशक्त होंगे। इसलिए मेरी सरकार की योजनाओं में सर्वोच्च प्राथमिकता इन्हीं चार स्तंभों को दी जा रही है। हमारी कोशिश, इन तक हर सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने की है, और यही सैचुरेशन की अप्रोच है। जब सरकार इस इच्छाशक्ति के साथ काम करे कि सरकारी योजना से एक भी व्यक्ति छूटे नहीं, तो इसका लाभ सभी को होता है। सरकार की योजनाओं एवं सैचुरेशन अप्रोच के कारण ही 10 वर्षों में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग, हर समाज, हर क्षेत्र के परिवार हैं।
उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्ष में ऐसे अनेक रिफॉर्म हुए हैं जिनका बहुत लाभ देश को आज मिल रहा है। 10 साल पहले भारत के बैंकिंग सेक्टर को डूबने से बचाने के लिए सरकार ने बैंकिंग रिफॉर्म किए, आईबीसी जैसे कानून बनाए। आज इन्हीं रिफॉर्म्स ने भारत के बैंकिंग सेक्टर को दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग सेक्टर्स में से एक बना दिया है। हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आज मजबूत और लाभदायक हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि एक सशक्त भारत के लिए हमारे सैन्यबलों में आधुनिकता जरूरी है। युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ रहें, इसके लिए सेनाओं में रिफॉर्म्स की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए। इसी सोच के साथ सरकार ने बीते 10 वर्षों में डिफेंस सेक्टर में अनेक सुधार किए हैं। सरकार ने युवाओं और उनके स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर डिफेंस सेक्टर की मजबूत नींव तैयार की है। मेरी सरकार ने सैनिकों के हितों को भी हमेशा प्राथमिकता दी है। तभी 4 दशक के बाद वन रैंक वन पेंशन को लागू किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले। सरकारी भर्ती हो या फिर परीक्षाएं, किसी भी कारण से इनमें रुकावट आए, ये उचित नहीं है। इनमें शुचिता और पारदर्शिता बहुत ज़रूरी है। हाल ही में कुछ परीक्षाओं में हुई पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए मेरी सरकार प्रतिबद्ध है। इससे पहले भी हमने देखा है कि कई राज्यों में पेपर-लीक की घटनाएं होती रही हैं। इस पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी ठोस उपाय करने की ज़रूरत है। संसद ने भी परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों के विरुद्ध एक सख्त कानून बनाया है। मेरी सरकार परीक्षाओं से जुड़ी संस्थाओं, उनके कामकाज के तरीके, परीक्षा प्रक्रिया, सभी में बड़े सुधार करने की दिशा में काम कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार भविष्य निर्माण के प्रयासों के साथ ही भारतीय संस्कृति के वैभव और विरासत को फिर से स्थापित कर रही है। हाल में नालंदा यूनिवर्सिटी के भव्य कैंपस के रूप में इसमें एक नया अध्याय जुड़ा है। नालंदा सिर्फ एक यूनिवर्सिटी मात्र नहीं थी, बल्कि वो वैश्विक ज्ञान केंद्र के रूप में भारत के गौरवशाली अतीत का प्रमाण थी। मुझे विश्वास है कि नई नालंदा यूनिवर्सिटी, भारत को ग्लोबल नॉलेज हब बनाने में सहायक सिद्ध होगी। मेरी सरकार का ये प्रयास है कि भावी पीढ़ियों को हज़ारों वर्षों की हमारी विरासत प्रेरणा देती रहे। इसलिए पूरे देश में तीर्थस्थलों को, आस्था और अध्यात्म के केंद्रों को सजाया-संवारा जा रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मैं आप सभी सदस्यों से अपनी कुछ और चिंताएं भी साझा करना चाहती हूं। आज की संचार क्रांति के युग में विघटनकारी ताकतें, लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज में दरारें डालने की साजिशें रच रही हैं। ये ताकतें देश के भीतर भी हैं और देश के बाहर से भी संचालित हो रही हैं। इनके द्वारा अफवाह फैलाने का, जनता को भ्रम में डालने का, दुष्प्रचार का सहारा लिया जा रहा है। हम सभी का दायित्व है कि इस प्रवृत्ति को रोकें, इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजें।
उन्होंने कहा कि देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर अनेक बार हमले हुए। आज 27 जून है। 25 जून, 1975 को लागू हुआ आपातकाल, संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था। लेकिन ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने विजय प्राप्त करके दिखाया क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं। मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती, बल्कि हमारा संविधान जन-चेतना का हिस्सा हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इसी ध्येय के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अब भारत के उस भूभाग, हमारे जम्मू-कश्मीर में भी संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां आर्टिकल 370 की वजह से स्थितियां कुछ और थीं।
लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र की उपलब्धियों का निर्धारण इस बात से होता है कि हम अपने दायित्वों का निर्वहन कितनी निष्ठा से कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में भारत की सरकार और संसद क्या निर्णय लेती हैं, क्या नीतियां बनाती हैं, इस पर पूरे विश्व की नज़र है। हम सभी को ये हमेशा ध्यान रखना है कि विकसित भारत का निर्माण देश के हर नागरिक की आकांक्षा है, संकल्प है। इस संकल्प की सिद्धि में अवरोध पैदा न हो, ये हम सभी का दायित्व है। जब भारत तीसरे नंबर की इकॉनॉमी बनेगा तो देश की इस सफलता में आपकी भी सहभागिता होगी। हम जब 2047 में आज़ादी की शताब्दी का उत्सव विकसित भारत के रूप में मनाएंगे, तो इस पीढ़ी को भी श्रेय मिलेगा। ये इस बात का प्रमाण हैं कि आने वाला दौर भारत का दौर है।
देखिए राष्ट्रपति के अभिभाषण का वीडियो-