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पीओके पर पाकिस्तान को करारा कूटनीतिक तमाचा

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फाइल फोटो

भारत सरकार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने वाले एक छात्र को दिल्ली में इलाज कराने की अनुमति दे दी है। मोदी सरकार ने साफ कहा है कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है, इसलिए 24 साल के लड़के को इलाज कराने के लिए वीजा दिया जा रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार का यह कदम, कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को एक करारा तमाचा है। सरकार के इस फैसले की जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीव्ट के जरिए दी।

सुषमा स्वराज ने कहा कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान ने इस पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। हम उन्हें वीजा देंगे और इसके लिए अजीज के खत की जरूरत नहीं। असल में रावलकोट के ओसामा अली को लीवर में ट्यूमर है। दिल्ली के साकेत में एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज होना है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि ओसामा का लिवर ट्रांसप्लांट करना होगा। ओसामा को भारत आने के लिए वीजा के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज के खत की जरूरत है। जो ओसामा को नहीं दिया गया। इस पर ओसामा के परिवार ने विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से अपील की। अब भारत ने साफ कहा है कि उसे सरताज के खत की जरबरत नहीं है।

भारत ने पाकिस्तान को लताड़ा
हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच वीजा को लेकर काफी तनातनी चल रही थी। भारत, पाकिस्तान के नापाक हरकतों के बावजूद वहां के नागरिकों को मेडिकल वीजा देने में कोई विशेष शर्तें नहीं रखता था। लेकिन, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज ने सुषमा स्वराज के उस पत्र के आग्रह पर कोई तव्वजो नहीं दी जिसमें उन्होंने कुलभूषण जाधव की मां को वीजा देने की बात लिखी थी। सरताज अजीज ने शिष्टाचार के सारे कायदों को भुलाकर, भारत के विदेश मंत्री के पत्र का जवाब तक नहीं दिया तो सुषमा स्वराज ने 10 जुलाई को ट्वीट करके पाकिस्तान के विदेशमंत्री सरताज अजीज की खूब लताड़ लगायी। पाकिस्तान अपने ही चाल में फंसा
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के पत्र के बाद भी जब कुलभूषण जाधव की मां को पाकिस्तान ने वीजा नहीं दिया तो, भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा देने के लिए एक और शर्त लगा दी, शर्त यह रखी कि वीजा के आवेदन के साथ पाकिस्तान के विदेशमंत्री सरताज अजीज का पत्र भी होना आवश्यक है। इस शर्त के लागू होते ही, पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा मिलना बंद हो गया, जिसके कारण पीओके में रहने वाले इस 24 साल के लड़के को वीजा नहीं मिल पा रहा था। असल में सरताज अजीज, गंभीर रुप से बीमार इस लड़के के लिए भी भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज को पत्र नहीं लिखना चाहते थे। वह किस मुंह से पत्र लिखते जब उन्होंने सुषमा स्वराज के पत्र का जवाब तक नहीं दिया था। सरताज अजीज इस उलझन को सुलझा नहीं पा रहे थे और भारत पाक को सबक सिखाने के लिए, अजीज के पत्र के बिना वीजा नहीं देना चाहता था। इधर इस पीओके के लड़के की हालत खराब हो रही थी। पाकिस्तान के ज्यादातर नागरिक इलाज कराने के लिए भारत आते हैं, क्योंकि यहां इलाज यूरोपीय देशों से सस्ता और अच्छा होता है।

पाकिस्तान की इस बेरुखी और हठधर्मिता का जवाब जिस तरह से मोदी सरकार ने दिया है, उससे पाकिस्तान और चीन दोनों का सिर घूम गया है। क्योंकि चीन पीओके से ही अपनी वन बेल्ट वन रोड के तहत सड़क का निर्माण कर रहा है। भारत हमेशा से यह कह कर विरोध करता रहा है कि पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन चीन इस तथ्य को नजरअंदाज कर अपनी योजना को आगे बढ़ाता रहा है। ऐसे में अब पीओके के छात्र को इसी आधार पर वीजा दिया जाना पाकिस्तान और उसके जिगरी दोस्त चीन को एक करारा कूटनीतिक तमाचा है।

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