प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जुलाई से 6 जुलाई तक तीन दिवसीय यात्रा पर इजरायल जा रहे हैं। वह इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आमंत्रण पर वहां जाने वाले हैं। दोनों देश कूटनीतिक रिश्तों की सिल्वर जुबली मना रहा है। श्री मोदी इजरायल की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। इस लिहाज से इजरायल की यात्रा ऐतिहासिक है। इसको लेकर तैयारियां भी जोरों पर चल रही है। यात्रा के दौरान पीएम मोदी मुंबई हमले 26/11 की सरवाइवर ‘बेबी मोशे’ से भी मिलेंगे। हमले के समय बच्ची सिर्फ दो साल की थी।
यात्रा को यादगार बनाने में जुटा इजरायल
इजरायल भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा को यादगार बनाने में जुटा है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की योजना सभी कार्यक्रमों में अपने मित्र मोदी के साथ मौजूद रहने की है। नेतन्याहू मोदी की अगवानी के लिए चार जुलाई को अपनी प्रोटोकाल टीम के साथ बेन-गुरियोन हवाई अड्डे पर मौजूद होंगे जहां एक समारोह के दौरान दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए जाएंगे। भारतीय मूल की इजरायली गायिका लिओरा इत्जाक को दोनों देशों के राष्ट्रगान गाने के लिए चुना गया है। लिओरा ने किशोरावस्था में मुंबई तथा पुणे में भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखा था और उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में भी गाने गाए हैं।
इजरायली पीएम नेतन्याहू ने दी थी ट्वीट से यात्रा की जानकारी
पीएम मोदी की यात्रा से इजरायल कितना उत्साहित है, वह इस बात से पता चलता है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 25 जून को ही पीएम की यात्रा को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए। आम तौर पर दूसरे देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्राध्यक्ष मेहमान नेता की यात्रा शुरू होने से एक या दो दिन पहले उनके स्वागत में ट्वीट करते हैं। नेतन्याहू ने मोदी को अपना मित्र बताते हुए उनकी अधिकारिक यात्रा शुरू होने का ऐलान किया और इसे ऐतिहासिक यात्रा बताया है। उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, 70 वर्षों में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल आ रहा है जो उनके देश की बढ़ती हुई ताकत को बताता है। उन्होंने दोनों देशों के आपसी रिश्ते और मजबूत होने की बात भी दोहराई।
PM Netanyahu: Next week, the Indian Prime Minister, my friend, @NarendraModi will arrive in Israel, This is an historic visit to Israel.
— PM of Israel (@IsraeliPM) June 25, 2017
In the 70 years of the country’s existence no Indian Prime Minister has ever visited and this is further expression of Israel’s strength.
— PM of Israel (@IsraeliPM) June 25, 2017
This is a very significant step in strengthening relations between the two countries. Ties between Israel & India are on a constant upswing.
— PM of Israel (@IsraeliPM) June 25, 2017
We will establish a joint innovation, and R&D fund. We will also increase tourism from India to Israel; this has very great potential.
— PM of Israel (@IsraeliPM) June 25, 2017
PM मोदी के साथ डिनर-लंच करेंगे नेतन्याहू
इजरायली प्रधानमंत्री उसी दिन अपने सरकारी आवास पर पीएम मोदी के लिए रात्रि भोज देंगे। वहां दोनों नेता आपस में बातचीत भी करेंगे। दोनों नेता पांच जुलाई को एक बार फिर मिलेंगे। इसके बाद नेतन्याहू प्रधानमंत्री मोदी के लिए दोपहर के भोज की मेजबानी करेंगे। श्री मोदी पांच जुलाई को राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन तथा नेता प्रतिपक्ष इसाक हरजोग से भी मुलाकात करेंगे।
खुद पीएम को संग्रहालय ले जाएंगे नेतन्याहू
प्रगाढ़ संबंधों का प्रदर्शन करते हुए नेतन्याहू खुद ही मोदी को यरूशलम संग्रहालय ले जाएंगे जहां भारतीय यहूदी धरोहर से जुडी कुछ दुर्लभ चीजें प्रदर्शित हैं। संग्रहालय में कोच्चि के एक यहूदी पूजास्थल की प्रतिकृति भी रखी गयी है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी उन भारतीय सैनिकों के स्मारक भी जाएंगे और उन्हें श्रद्धांजलि देंगे जिनकी पहले विश्व युद्ध के दौरान मौत हो गयी थी। वह प्रमुख सीईओ से भी मिलेंगे और एक फार्म हाउस तथा जलशोधन संयंत्र देखने भी जाएंगे।
कृषि, पर्यटन, सैन्य साजोसामान को लेकर अहम समझौते
इजरायली पीएम नेतन्याहू ने बताया कि उनकी सरकार जल्द ही ऐसे फैसले करेगी जो भारत-इजरायल के बीच कृषि व जल क्षेत्र में मौजूदा रिश्तों को और मजबूत करेंगे। दोनों देशों की ओर से शोध व विकास के लिए विशेष कोष बनाए जाएंगे। इजरायल की नजर भारत से आने वाले पर्यटकों पर भी है। पर्यटन क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच एक समझौता होगा। मोदी की यात्रा के दौरान सैन्य साजोसामान की आपूर्ति को लेकर और भी समझौते होने के आसार हैं। वैसे भारत व इजरायल के बीच बहुत ही गहरे रणनीतिक संबंध हैं। महज दो दशकों में इजरायल भारत का एक अहम हथियार आपूर्तिकर्ता देश बन गया है।
जल तकनीक के मामले में रणनीतिक साझेदार
इजरायल को जल तकनीक के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश माना जाता है। इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच काफी ज्यादा उत्साह है। इस यात्रा के दौरान इजरायल भारत का जल के मामले में रणनीतिक साझेदार बन सकता है, इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। वैसे इजरायल के सहयोग से भारत में पहले से ही जल संरक्षण व पेयजल के मामले में काम हो रहा है लेकिन भारत सरकार इसे बड़े पैमाने पर विस्तार देना चाहती है। खास तौर पर भारत असिंचित इलाकों में सिंचाई के जरिये कृषि उत्पादकता बढ़ाने की तकनीक हासिल करना चाहता है।
प्रवासी भारतीयों से भी करेंगे बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल की यात्रा के दौरान 5 जुलाई को प्रवासी भारतीयों से भी मिलेंगे। वह इजरायल की राजधानी तेल अवीव के कन्वेंसन सेंटर में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में 4000 प्रवासी यहूदियों के शामिल होने की उम्मीद है, जो भारत से यहां आए। इजरायल में करीब 70,000 भारतीय यहूदी रहते हैं। वहां करीब 10000 भारतीय नर्सें भी काम करती हैं। उनके पास भारतीय पासपोर्ट है और वे अस्थायी तौर पर वहां काम कर रही हैं। इनमें से कई केरल की हैं। नर्सों के भी बड़ी संख्या में प्रोग्राम में शामिल होने की उम्मीद है। इस इवेंट के लिए कोई एंट्री फी नहीं रखी गई है। प्रोग्राम में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के भी शामिल होने की उम्मीद है।
इजरायल से कूटनीतिक रिश्ते की सिल्वर जुबली
इजरायल को देश के रूप में भले ही भारत ने 17 सितंबर 1950 को मान्यता दे दी लेकिन दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते की शुरुआत 1992 में हुई। इसी साल भारत और इजरायल ने एक-दूसरे के देश में अपना दूतावास शुरू किया। वर्ष 2017 कूटनीतिक रिश्ते की सिल्वर जुबली दोनों देश मना रहा है। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में रक्षा और कृषि क्षेत्र काफी अहम हैं। दोनों देशों के आपसी राजनैतिक संबंध भी दोस्ताना हैं। पूर्व इजरायली प्रधानमंत्री ऐरियल शेरॉन ने 2003 में और राष्ट्रपति आइजर वाइजमैन फरवरी 2015 में भारत दौरे पर आए थे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी नवंबर 2014 में इजरायल गए थे। अक्टूबर 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इजरायल पहुंचे थे। अब पीएम मोदी इजरायल की यात्रा करने वाले हैं।