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PM Modi का मंदिर अभियान अभी और तेज गति से चलेगा, केदारनाथ के कायाकल्प, भव्यतम राममंदिर और काशी में कॉरिडोर के बाद पीएम मोदी सनातन-पुरातन धरोहरों को बचाने वाले ध्वजवाहक बने

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केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी राज का पहला और 21वीं सदी का तीसरा दशक चल रहा है। देश को नरेंद्र मोदी के रूप में वह नायक मिला है, जो वंशवाद और भ्रष्टाचार को देश की राजनीति के लिए नासूर मानते हैं। जो भारतीय सनातन संस्कृति को आधुनिक ध्वजवाहक के रूप में प्राचीनतम अध्यात्मिक धरोहरों के जीर्णोद्धार में दत्तचित्त होकर लगा है। केदारनाथ मंदिर का कायाकल्प हो या अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का भव्य स्तर पर नींव पूजन। सोमनाथ मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार हो या चार धाम को जोड़ने वाली परियोजना। और अब काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्वतम-दिव्यतम शुभारंभ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि मंदिरों के जीर्णोद्धार करने वाले और सनातन परंपराओं को न सिर्फ संजो कर बल्कि उसको जोड़ते हुए आगे बढ़ाने वाले बड़े नेता के तौर पर उभर रही है।

देश में आस्था के प्राचीनतम प्रतीकों का पुनरुद्धार करते रहेंगे
विशेषज्ञों का कहना है हिंदू और हिंदुत्व की परिभाषा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विशेष छवि के साथ हिंदू संस्कृतियों और उनकी परंपराओं को आगे बढ़ाने ब्रांड अम्बेडसर के तौर पर उभर रहे हैं। आने वाले दिनों में भी उनकी पार्टी अपने आस्था के प्रतीकों का पुनरुद्धार करती रहेगी । भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक राम मंदिर तो बहुत जल्द बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन हिंदू आस्था और भारतीय संस्कृति समेत सनातन परंपरा के बहुत से अवशेषों को संवारना और उनका पुनरुद्धार करना बाकी है।

पीएम मोदी आस्था विशाल समुदाय की धार्मिक संवेदनाओं को छूती हैं
राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शुभारंभ जितना भव्य और दिव्य किया गया है। इसके साथ ही काशी-उत्सव को एक महीने तक चलाने की योजना बनाई गई है वह भाजपा को राजनीतिक फायदा भी देगी। प्रधानमंत्री की कोशिश ऐसे आयोजनों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक और सनातन परंपराओं और धरोहरों को सहेजने के साथ-साथ लोगों के भावों को भी छूती है। और जब कोई भी राजनीतिक दल या राजनीतिक व्यक्तित्व किसी बड़े समुदाय की धार्मिक भावनाओं को छूता है, तो वह बहुत हद तक अपने मकसद में कामयाब होता है। पीएम मोदी हमेशा कहते है कि मंदिर और सनातन परंपरा उसके लिए राजनीति नहीं, बल्कि आस्था का विषय हैं। और इसी आस्था के माध्यम से लोगों के दिलों में घर कर जाते हैं।

मुख्यमंत्री रहते हुए सोमनाथ मंदिर परिसर का भव्य जीर्णोद्धार कराया
बीते कुछ महीनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खासतौर से देश के अलग-अलग राज्यों के मंदिरों और उनके जीर्णोद्धार को लेकर बनाई जा रही रणनीतियों और पुनरुद्धार की योजनाओं को आगे बढ़ाने वाले बड़े नेता के तौर पर सामने आई है। हालांकि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी उनकी छवि इसी तरह की ही थी। प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए सोमनाथ मंदिर परिसर का भव्य जीर्णोद्धार कराया था। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही उन्होंने केदारनाथ धाम का कायाकल्प कराया। इसके अलावा केदारनाथ, बद्रीनाथ की यमुनोत्री और गंगोत्री के चारधाम परियोजना पर काम शुरू कराया।

पीएम मोदी ने देश के बहुत बड़े समाज की नब्ज पकड़ ली है
राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि हिंदू और हिंदुत्व की लड़ाई में पड़ने से कुछ नहीं होगा। राहुल गांधी खुद ही इसे लेकर विपक्षियो के निशाने पर हैं और कालांतर में वे अपने ही बयान में घिर जाएंगे। हिंदू और हिंदुत्व की लड़ाई में पड़ने, इस पर वेवजह लंबा भाषण देने से बेहतर है कि भारतीय पुरातन और सनातन परंपराओं के प्रतीकों को न सिर्फ बचाया जाए बल्कि उनको आधुनिकता के साथ संरक्षित भी किया जाए। पीएम मोदी ने यही राह पहड़ी है। उन्होंने देश के बहुत बड़े समाज की नब्ज पकड़ ली है । यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्य नेताओं से कई कदम आगे बढ़कर न सिर्फ काम कर रहे हैं बल्कि उसको साबित भी कर रहे हैं।

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